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नोएडा: बेरोजगारों से पैसे ऐंठ कर देता था फर्जी नियुक्ति पत्र, शातिर जालसाज गिरफ्तार

नोएडा सेक्टर 24 थाने की पुलिस ने बृजेश की निशानदेही पर दस्तावेज, मोबाइल फोन, डेस्कटॉप कम्प्यूटर भी बरामद किए हैं. उसकी निशानदेही पर पुलिस ने उसके दो सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया है.

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पुलिस गिरफ्त में जालसाजी का आरोपी
पुलिस गिरफ्त में जालसाजी का आरोपी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मोरना बस स्टैंड से हुई गिरफ्तारी
  • आरोपी ने लड़ा था लोकसभा चुनाव
  • एनजीओ के नाम पर कर रहा था ठगी

नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगारों से ठगी करने के एक आरोपी और उसके दो सहयोगियों को नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार किया है. नोएडा के सेक्टर 24 थाने की पुलिस ने नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगारों से पैसे ऐंठ फर्जी नियुक्ति पत्र थमाने के आरोपी डॉक्टर बृजेश कुमार वर्मा को मोरना से गिरफ्तार किया. आरोपी के पास से 41,500 रुपये नकद बरामद हुए हैं.

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जानकारी के मुताबिक नोएडा सेक्टर 24 थाने की पुलिस ने बृजेश की निशानदेही पर दस्तावेज, मोबाइल फोन, डेस्कटॉप कम्प्यूटर भी बरामद किए हैं. उसकी निशानदेही पर पुलिस ने उसके दो सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया है. ग्रेटर नोएडा के दनकौर स्थित डायट कैम्पस में रहने वाले रामपुर जिले के परम गांव निवासी महेश पटेल पुत्र छेदालाल और दनकौर थाना क्षेत्र के हसनपुर जागीर निवासी राजवीर उर्फ राजू पुत्र कालीचरण को गिरफ्तार किया गया है.

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पुलिस के मुताबिक बृजेश कुमार वर्मा एक शातिर जालसाज है. वह पहले रायबरेली जिले के ऊंचाहार में चश्मे की दुकान चलाता था. साल 1995 में उसने ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ा था. बताया जाता है कि बृजेश ने पिछले साल (साल 2019) में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) के टिकट पर जौनपुर जिले की मछलीशहर सीट से लोकसभा चुनाव में भी अपनी किस्मत आजमाई थी. बताया जाता है कि बृजेश बीएससी पास है और इसने डीओटी (डिप्लोमा ऑफ ऑप्थोमेट्रिक्स) भी किया है.

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ऐसे कर रहा था ठगी का गोरखधंधा

जानकारी के मुताबिक बृजेश ने शिल्पी स्वयं सेवा संस्थान (एसएसएसएस) नाम से एक एनजीओ का रजिस्ट्रेशन कराया था. यह संस्था लखनऊ में पंजीकृत थी. आरोप है कि उसने बेरोजगार महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के नाम पर नोएडा के ग्राम चौड़ा रघुनाथपुर सेक्टर 22 में एक प्रशिक्षण केंद्र माह अक्टूबर 2020 में खोला. इसमें वह प्रशिक्षुओं को एक सप्ताह का सर्टिफिकेट कोर्स कराने के नाम पर बगैर प्रशिक्षण के ही सर्टिफिकेट देता था और 10 से 50 हजार रुपये की धनराशि सिक्योरिटी मनी के नाम पर जमा कराकर जिले के विभिन्न पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में काम करने के लिए फर्जी नियुक्ति पत्र देता था.

आरोप के मुताबिक बृजेश अब तक प्रशिक्षण केन्द्र से जुड़ी करीब 100 से अधिक महिलाओं और पुरुषों से कई लाख रुपये सिक्योरिटी मनी के रूप मे ले चुका है. वह इन्हें जिला समन्वयक, सलाहकार, ब्लाक समन्वयक, तहसील समन्वयक, जांच अधिकारी, रिपोर्ट अधिकारी, ब्यूटीशियन प्रशिक्षिका, सिलाई/कढ़ाई प्रशिक्षिका आदि पदों पर फर्जी नियुक्ति पत्र देकर नियुक्त करता था.

बीएसए से ली थी मुफ्त प्रशिक्षण की अनुमति

बताया जाता है कि आरोपी बृजेश ने जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) को अपने एनजीओ की ओर से पत्र भेजकर नोएडा के 10 पूर्व माध्यमिक विद्यालयों की छात्राओं को सिलाई कढ़ाई का मुफ्त प्रशिक्षण देने की अनुमति मांगी थी. इस पत्र के आधार पर बीएसए ने संस्था को प्रशिक्षण देने के लिए अनुमति दे दी थी. आरोप है कि इसी की आड़ में बृजेश ने बेरोजगार महिलाओं को फर्जी नियुक्ति पत्र देकर सभी से सिक्योरिटी मनी जमा कराई. बृजेश ने मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बुलंदशहर, गाजियाबाद जिले में भी इसी प्रकार के कार्यालय खोले और वहां भी इसी तरह के कार्य किए जा रहे हैं.

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आरोप है कि बृजेश मथुरा और अन्य जिलों में भी इसी तरह के फर्जी केंद्र खोलने वाला था. दिल्ली और हरियाणा के फरीदाबाद में भी केंद्र खोले जाने और विद्यालयों में प्रशिक्षिकाओं की ओर से प्रशिक्षण दिए जाने के लिए अप्लाई किया गया था, लेकिन दिल्ली और फरीदाबाद में कोरोना की वजह से अनुमति नहीं मिली. बताया जाता है कि आरोपी ने अपना नाम बदल कर बृजेश सिंह उर्फ बृजेश गौतम नाम से साल 2011 में मैनपुरी जिले में भी इसी तरह जालसाजी की थी. साल 2013 में फतेहपुर जिले में बृजेश कुशवाहा के नाम से धोखाधड़ी करने का भी आरोप है, जिसमें वह जेल भी गया था.

नाबार्ड से मिलना था फंड

आरोपी बृजेश की संस्था को नाबार्ड से फंड मिलना था. नाबार्ड की ओर से 25 लाख रुपये के फंड के लिए अधिकारियों ने स्थलीय निरीक्षण भी किया था. नाबार्ड की सहायता से महिला प्रशिक्षण की रकम हड़पने के बाद बृजेश की योजना पांच ग्राम सभा में एक हाट बाजार खोलने, किसान क्लब जिसमें 10 किसानों का एक समूह होना और स्वयं सहायता समूह जिसमें 10 महिलाओं का एक समूह बनाया जाना था. इसमें नाबार्ड से प्राप्त होने वाली रकम को भी हड़पने की योजना थी.

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