गौतम बौद्ध नगर के संगठित अपराध को पुलिस ने करारा झटका दिया है. दरअसल, नोएडा पुलिस ने मंगलवार को तीन फर्जी बिल्डरों की 8.56 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों ने ग्रेटर नोएडा (पश्चिम) के शाहबेरी गांव में प्रदेश सरकार की जमीन पर अवैध रूप से बहुमंजिला अपार्टमेंट का निर्माण किया था और इसे भोले-भाले खरीदारों को बेच दिया था.
पुलिस अधिकारी ने कहा कि आरोपी देव शर्मा और उसके सहयोगी रवींद्र नागर और प्रशांत शर्मा के नेतृत्व में एक गिरोह काम करता था. इन तीनों के खिलाफ यूपी गैंगस्टर्स एक्ट के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की गई है.
एजेंसी के मुताबिक पुलिस आयुक्त आलोक सिंह ने बताया कि अपराधों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से अपराधियों के खिलाफ लगातार सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है. ताजा प्रकरण में तीनों की अवैध तरीके से अर्जित करीब 8.56 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया गया है. कुर्क की गई संपत्तियों में कुछ बैंक खाते और चार जमीन के प्लॉट शामिल हैं.
जानकारी के मुताबिक इस मामले में तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण के कार्यकाल में एसएचओ अनिल कुमार शाही की शिकायत पर बिसरख थाने में 15 जनवरी 2019 को FIR दर्ज की गई थी. वैभव कृष्णा गौतम बौद्ध नगर के अंतिम एसएसपी थे, जो जनवरी 2020 तक पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने से पहले कार्यरत थे.
2020 के बाद 250 से अधिक माफिया और गैंगस्टरों की पहचान
एक अधिकारी ने बताया कि गौतम बौद्ध नगर (नोएडा) में कमिश्नरेट की स्थापना के बाद से पुलिस ने 168 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति को कुर्क की है और 2020 से 250 से अधिक माफिया और गैंगस्टरों की पहचान की है.
आलोक सिंह का लखनऊ तबादला
IPS आलोक सिंह को जनवरी 2020 में गौतम बौद्ध नगर के पहले पुलिस आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया था. अब उनका तबादला अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) के तौर पर पुलिस मुख्यालय लखनऊ किया गया है. सोमवार रात जारी एक आधिकारिक आदेश के अनुसार वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी लक्ष्मी सिंह उनकी जगह लेंगी.
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