जहांगीरपुरी दंगा में शामिल पांच आरोपियों के फरार होने की स्थिति में उनके खिलाफ दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने गैर-जमानती वारंट जारी किया है. कोर्ट ने पुलिस को कहा है कि इनकी गिरफ्तारी की कवायद और तेज की जाए. शुक्रवार को वर्चुअल माध्यम से रोहिणी कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान पुलिस ने कहा कि वह इन आरोपियों की पकड़ने के लिए पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार सहित कई राज्यों में दबिश दे रहे हैं. सुनवाई के दौरान पुलिस ने कोर्ट से कहा कि पकड़े गए आरोपियों की निशानदेही पर भी छापेमारी और सुराग के मुताबिक पीछा करने की कवायद जारी है.
5 आरोपियों को पुलिस रिमांड पर भेजा
उधर, शनिवार को जहांगीरपुरी दंगा में लिप्त होने के आरोप में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी एनएसए के तहत 5 आरोपियों को अदालत ने 8 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. इनमें अंसार, सलीम, सोनू चिकना, अहिर व दिलशाद शामिल हैं. जबकि कोर्ट ने अन्य 4 आरोपियों को 14 दिनों न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
पुलिस ने आरोपियों की रिमांड अवधि बढ़ाने की दलील देते हुए कोर्ट में कहा कि इन पांचों ने न सिर्फ दंगा फसाद किया, बल्कि दंगे की साजिश रचने और अंजाम तक पहुंचाने की कवायद में भी शामिल रहे हैं. इनके पुराने क्रिमिनल रिकॉर्ड भी हैं. इन्हीं कारणों से पांचों पर NSA लगाया गया है. शुरुआती जांच में पुलिस को ऐसे साक्ष्य मिले हैं जिससे प्रथम दृष्टया पांचों की दंगे फसाद में इंवॉल्वमेंट और उसके पीछे की साजिश का पता चलता है. क्राइम ब्रांच ने सभी आरोपियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया.
क्या है जहांगीरपुरी हिंसा का पूरा मामला?
उल्लेखनीय है कि दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के मौके पर कुछ लोग शोभायात्रा निकाल रहे थे. इस दौरान कुछ लोगों ने शोभायात्रा पर पथराव किया था. पथराव की घटना के बाद जहांगीरपुरी में हिंसा भड़की थी, इस घटना में 8 पुलिसकर्मी समेत 9 लोगों की घायल हुए थे.
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