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दिल्ली दंगों का एक सालः FIR-59 के आधार पर अब तक 22 लोग गिरफ्तार, उमर खालिद भी शामिल

एफआईआर नंबर- 59 में उन सभी छात्र नेताओं के नाम भी शामिल किए गए, जो दिल्ली में सीएए के खिलाफ प्रदर्शनों में प्रमुख चेहरा बने थे. या जिन्हें लोगों ने मंच पर देखा. भीड़ के बीच में देखा. दिल्ली पुलिस की इस एफआईआर के आधार पर अब तक छात्रों समेत 22 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

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कई छात्र-छात्राओं को FIR-59 में आरोपी बनाया गया है
कई छात्र-छात्राओं को FIR-59 में आरोपी बनाया गया है
स्टोरी हाइलाइट्स
  • FIR नंबर 59 के आधार पर 22 लोग गिरफ्तार
  • आरोपियों के खिलाफ यूएपीए की कार्रवाई
  • एफआईआर में शामिल हैं ज्यादातर छात्रों के नाम

दिल्ली दंगों की एफआईआर संख्या 59 दिल्ली पुलिस ने 6 मार्च 2020 को दर्ज की थी. जिसमें उस वक्त केवल दो लोगों के नाम थे. एक जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर ख़ालिद का और दूसरा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से जुड़े दानिश का. बाद में इस एफआईआर में उन सभी छात्र नेताओं के नाम भी शामिल किए गए, जो दिल्ली में सीएए के खिलाफ प्रदर्शनों में प्रमुख चेहरा बने थे. या जिन्हें लोगों ने मंच पर देखा. भीड़ के बीच में देखा. दिल्ली पुलिस की इस एफआईआर के आधार पर अब तक छात्रों समेत 22 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. 

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गिरफ्तार किए गए छात्रों में से सफूरा ज़रगर, मोहम्मद दानिश, परवेज़ और इलियास को ज़मानत मिल चुकी है. बाकी सभी लोग अब भी न्यायिक हिरासत में हैं और कोर्ट में ट्रायल फेस कर रहे हैं.

  • खालिद सैफ़ी- यूनाइटेड अगेंस्ट हेट 
  • इशरत जहां- पूर्व कांग्रेस पार्षद
  • नताशा नरवाल- जेएनयू छात्रा, 'पिंजरा तोड़' की सदस्य
  • देवांगना कलिता- जेएनयू छात्रा, 'पिंजरा तोड़' की सदस्य
  • आसिफ इकबाल 'तन्हा'- जामिया छात्र
  • उमर ख़ालिद- पूर्व जेएनयू छात्र
  • शरजील इमाम- जेएनयू छात्र
  • मीरान हैदर- पीएचडी छात्र, जामिया
  • गुलफ़िशां फातिमा- एमबीए छात्रा, गाज़ियाबाद
  • शादाब अहमद- जामिया छात्र
  • शिफ़ा-उर-रहमान- जमिया एल्युमिनाई
  • ताहिर हुसैन- पूर्व 'आप' पार्षद

खालिद सैफ़ी
सैफी पेशे से कारोबारी हैं. वो यूनाइटेड अगेंस्ट हेट नामक संगठन के सदस्य हैं. उन्होंने 2017 में मॉब लिंचिंग के खिलाफ अभियान शुरू किया था. दिल्ली दंगों से पहले भी सैफी को गिरफ्तार किया जा चुका है. खालिद का नाम भी एफआईआर 59 में दर्ज है. अब तक खालिद सैफ़ी का नाम दिल्ली दंगों से जुड़ी कुल तीन एफआईआर में शामिल है. जिनमें एफआईआर संख्या- 44, 59, 101 प्रमुख हैं.

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देवांगना कलिता
देवांगना को 30 मई 2020 को दरियागंज में सीएए विरोधी प्रदर्शन से जुड़ी हिंसा के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में देवांगना को कोर्ट से जमानत भी मिल गई. लेकिन जमानत मिलते ही तीन दिन बाद पांच जून को स्पेशल सेल ने देवांगना को भी एफआईआर संख्या- 59 के आधार पर फिर से गिरफ्तार कर लिया और उन पर यूएपीए लगा दिया गया.

सफूरा ज़रगर
सफूरा जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी की छात्रा हैं. वह जामिया कोऑर्डिनेशन कमिटी की मीडिया कोऑर्डिनेटर भी थीं. सफूरा की गिरफ्तारी सबसे ज्यादा चर्चाओं में थी. जब उन्हें गिरफ्तार किया गया तो वे प्रेग्नेंट थीं. सफूरा को 24 फरवरी 2020 को गिरफ्तार किया गया था. 13 अप्रैल 2020 को उनको जमानत दे दी गई थी. लेकिन इसके बाद फौरन बाद उन्हें दोबारा एफआईआर नंबर- 59 में नामजद किया गया और गिरफ्तार कर लिया गया.

स्पेशल सेल ने इस केस में सफूरा पर यूएपीए भी लगाया. इसके बाद सफूरा की ज़मानत याचिका ख़ारिज हो गई. लेकिन 3 बार ज़मानत याचिका ख़ारिज होने के बाद दिल्ली हाई कोर्ट से 23 जून को सफूरा को 'मानवीय आधार' पर ज़मानत दे दी गई. क्योंकि वह प्रेग्नेंट थी.

मीरान हैदर
मीरान जामिया में पीएचडी के छात्र हैं और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की दिल्ली यूनिट के छात्र नेता हैं. मीरान हैदर जामिया के गेट नंबर 7 पर हो रहे सीएए विरोधी प्रदर्शन का अहम हिस्सा रहे हैं. 35 साल के मीरान हैदर को 1 अप्रैल 2020 को गिरफ़्तार किया गया था. इसके बाद 3 अप्रैल को उन्हें कस्टडी में भेजा गया. मीरान पर यूएपीए की गैर-ज़मानती धाराएं लगाई गई हैं और वे अब भी न्यायिक हिरासत में जेल में हैं.

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इशरत जहां
इशरत पेशे से वकील हैं और कांग्रेस की पूर्व पार्षद भी हैं. उनको 26 फरवरी 2020 को गिरफ्तार किया गया था. लेकिन 21 मार्च को एफआईआर नंबर- 44 में कड़कड़डूमा कोर्ट से इशरत को जमानत मिल गई थी. जमानत मिलते ही दिल्ली पुलिस ने एफआईआर नंबर- 59 में दोबारा उनका नाम शामिल किया. और उनके खिलाफ यूएपीए की गैर जमानती तमाम धाराएं लगा दी थी. बाद में 30 मई 2020 को अदालत ने इशरत को 10 दिन की अंतरिम जमानत दी थी. वह भी उनकी शादी के लिए. इसके बाद उन्हें दोबारा तिहाड़ जेल जाना पड़ा. वो अभी भी जेल में बंद है.

गुलफिशां फातिमा
गुलफिशां की उम्र 28 साल बताई जाती है. उन्होंने एमबीए किया है. वो लगातार सीए के विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेती रही हैं. 9 अप्रैल 2020 को दिल्ली पुलिस ने उन्हें सफूरा ज़रगर की तरह ही जाफ़राबाद थाने में दर्ज एफआईआर-48 के तहत गिरफ़्तार किया था. 12 मई 2020 को सेशन कोर्ट से उन्हें इस मामले में ज़मानत मिल गई लेकिन उन्हें तिहाड़ जेल में रहते हुए ही एफआईआर-59 के तहत गिरफ्तार कर लिया गया. वो अभी तिहाड़ में ही हैं और उनके ख़िलाफ यूएपीए की गैर-ज़मानती धाराएं लगाई गई हैं.

नताशा नरवाल
देवांगना और नताशा को एफआईआर नंबर- 48 के तहत 23 मई को गिरफ्तार किया गया था. उन पर इल्जाम था कि उन्होंने जाफराबाद मेट्रो स्टेशन पर हिंसा में 1 दिन पहले सीएए के खिलाफ प्रदर्शन का आयोजन किया था और भीड़ को दंगे के लिए उकसाया था. 29 मई 2020 को नताशा नरवाल को स्पेशल सेल की एफआईआर- 59 के तहत गिरफ्तार कर लिया गया. यानी उन पर यूएपीए की धाराएं लगा दी गईं.

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आसिफ़ इक़बाल 'तन्हा'
24 साल के आसिफ फारसी के छात्र हैं. तन्हा को 17 मई 2020 को गिरफ्तार किया गया था. फिर 20 मई को उनका नाम एफआईआर 59 में जोड़ दिया गया और उन पर यूएपीए लगा दिया गया. 28 मई 2020 को एफआईआर-298 में आसिफ को सेशन जज गौरव राव ने ज़मानत दे दी थी. लेकिन उनकी रिहाई नहीं हो सकी. क्योंकि तब तक उनका नाम एफआईआर-59 में भी शामिल हो चुका था.

ताहिर हुसैन
दिल्ली के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन पर यूपीपीए के तहत केस दर्ज किया गया है. ताहिर हुसैन को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने चांद बाग हिंसा मामले में गिरफ्तार किया था. ताहिर पर आईबी के कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या का आरोप भी है.  ताहिर हुसैन के घर की छत पर पत्थर, गुलेल और पेट्रोल बम मिला था. आरोप ये भी है कि वहां से भी पत्थरबाजी की गई थी. इतना ही नहीं सोशल मीडिया में एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें कुछ उपद्रवी एक मकान की छत से पत्थर और पेट्रोल बम नीचे बरसा रहे थे. पुलिस ने उस मकान को सील कर दिया था. अभी तक ताहिर की जमानत नहीं हो सकी है और वह जेल में बंद है.

 

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