केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को बैन कर दिया है. इतना ही नहीं पीएफआई के 8 सहयोगी सगठनों पर भी 5 साल के लिए प्रतिबंध लगाया गया है. पीएफआई पर बैन लगाने के बाद लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति को बनाए रखने के लिए दिल्ली पुलिस सतर्क है. इसके लिए कई तरह से तैयारियां भी की गई हैं.
उत्तर पूर्वी दिल्ली में पुलिस के 250 जवानों ने मॉक ड्रिल की. किसी भी तरह के असामान्य हालात से कैसे निपटें, इसकी पूरी तैयारी कर ली गई हैं. नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में पुलिस के जवानों ने मॉक ड्रिल के दौरान आंसू गैल के गोलों का भी इस्तेमाल किया. इसके साथ ही संवेदनशील इलाकों में फुट पेट्रोलिंग भी की गई.
इस ड्रिल में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले की भी प्रेक्टिस की गई. इसके अलावा वाटर कैनन, मल्टी बैरल लॉन्चर समेत कई एक्सरसाइज की गईं. एक्सरसाइज के दौरान दंगा जैसे हालात से निपटने के लिए पुलिस को क्या करना चाहिए, इमरजेंसी रेस्पोरेंस प्लान में इसका भी अभ्यास किया गया. ये एक्सरसाइज ज्योति नगर, जाफराबाद और सीलमपुर के संवेदनशील इलाकों में भी की गई.
गृह मंत्रालय ने पीएफआई पर लगाया बैन
केंद्र सरकार ने बीते 28 सितंबर को पीएफआई पर बैन लगाया है. गृह मंत्रालय के मुताबिक, पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों का संबंध स्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया जैसे अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों से है. इतना ही नहीं ये संगठन देश में एक विशेष समुदाय में कट्टरपंथ को बढ़ावा दे रहा है. साथ ही पीएफआई और इसके काडर बार बार देश में हिंसक और आतंकी गतिलिधियों में लिप्त पाए गए हैं.
केंद्रीय एजेंसियों ने की थी छापेमारी
इससे पहले NIA, ED और राज्यों की पुलिस ने 22 सितंबर और 27 सितंबर को PFI पर ताबड़तोड़ छापेमारी की थी. पहले राउंड की छापेमारी में 106 PFI से जुड़े लोग गिरफ्तार हुए थे. दूसरे राउंड की छापेमारी में PFI से जुड़े 247 लोग गिरफ्तार-हिरासत में लिए गए. जांच एजेंसियों को PFI के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले. इसके बाद जांच एजेंसियों ने गृह मंत्रालय से कार्रवाई की मांग की थी. जांच एजेंसियों की सिफारिश पर गृह मंत्रालय ने PFI पर बैन लगाने का फैसला किया.