ईडी ने NSE के पूर्व एमडी रवि नारायण को गिरफ्तार कर लिया है. फोन टैपिंग मामले में ईडी ने उनकी गिरफ्तारी की है. इस मामले में इससे पहले नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की एक अन्य पूर्व एमडी और सीईओ चित्रा रामकृष्ण को भी गिरफ्तार किया था. इसके अलावा पूर्व पुलिस आयुक्त संजय पांडे की भी इस मामले में गिरफ्तारी हो चुकी है.
बताया जा रहा है कि ईडी पूछताछ के दौरान रवि नारायण ने सहयोग नहीं किया था, उनसे कई सवाल पूछे गए थे लेकिन एक बार भी स्पष्ट जवाब नहीं मिला. ऐसे में ईडी के पास उनके खिलाफ जितने भी सबूत थे, उसी के आधार पर शाम को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. यहां ये जानना जरूरी है कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर रवि कई पदों पर रह चुके थे. 1994 से लेकर 2013 तक उन्होंने कई पदों पर अपनी सेवा दी.
ये पूरा टैपिंग कांड साल 2009 से 2017 के बीच किया गया है. आरोप ये लगा है कि NSE के कई कर्मचारियों के फोन टैप किए गए, इस पूरी टैपिंग में चित्रा रामकृष्ण ने भी सक्रिय भूमिका निभाई. संजय पांडे को लेकर कहा गया है कि उनकी एक कंपनी थी- iSec Services. इसी कंपनी की मदद से NSE कर्मचारियों के फोन टैप किए गए थे. इस पूरे काम के लिए संजय को 4.45 करोड़ रुपये भी मिले. अब ये जो रुपये वाला खेल है, यहीं से NSE के कई बड़े अधिकारी भी शक के घेरे में आए. जांच के दौरान ये सामने आया है कि इन बड़े अधिकारियों ने संजय पांडे की iSec Services के फेवर में कई एग्रीमेंट किए. बकायदा फोन टैपिंग की मशीने लगाई गईं जिससे NSE के कर्मचारियों पर नजर रखी जा सके.
इस पूरे मामले में संजय पांडे के अलावा कंपनी से जुड़े कुछ दूसरे बड़े अधिकारियों के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है. इस लिस्ट में संतोष पांडे, आनंद नारायण, अरमान पांडे, मनीष मित्तल, नमन चतुर्वेदी जैसे बड़े नाम शामिल हैं. ये सभी फोन टैपिंग कांड के वक्त कंपनी में बड़े पदों पर आसीन थे.