scorecardresearch
 

उमेश पाल हत्याकांड: हमलावरों ने कोर्ट से घर तक किया पीछा, दरवाजे पर आते ही फेंके बम

यूपी के प्रयागराज में शुक्रवार को राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई. कार और बाइक से आए हमलवारों ने पहले देसी बम फेंके, फिर गोली चला दी. इस घटना में उमेश पाल के दो सरकारी गनर भी जख्मी हुए. एक गनर ने अस्पताल में दम तोड़ दिया. जबकि दूसरे का इलाज चल रहा है.

Advertisement
X
प्रयागराज में हमलावरों ने उमेश पाल को निशाना बनाया और बम फेंके. उसके बाद गोली मारकर हत्या कर दी.
प्रयागराज में हमलावरों ने उमेश पाल को निशाना बनाया और बम फेंके. उसके बाद गोली मारकर हत्या कर दी.

बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उसके गनर की हत्या का मामले में बड़ी जानकारी सामने आई है. पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि हमलावर कार और बाइक से आए थे. पुलिस ने कोर्ट से लेकर उमेश पाल के घर तक के पूरे रास्ते के सीसीटीवी खंगाले हैं. उमेश पाल की कार का हमलावर लगातार पीछा करते आ रहे थे. घटना उमेश पाल के घर के ठीक बाहर हुई.

Advertisement

प्रयागराज पुलिस के मुताबिक, हमलावर बैग में बम रखकर लाए थे. एक सीसीटीवी फुटेज में बदमाश झोले से बम निकाल कर मारते देखा जा रहा है. पुलिस ने बाहुबली अतीक अहमद के छोटे भाई अशरफ के करीबी शूटर और बमबाज लड़कों की तस्वीरें निकाल ली हैं. अब हिरासत में लिए गए संदिग्धों से पूछताछ शुरू कर दी है. देर रात पुलिस ने प्रतापगढ़ और कौशांबी में दबिश दी और 4 अन्य संदिग्धों को हिरासत में लिया है.

उमेश पाल की घर के सामने हुई हत्या 

बता दें कि शुक्रवार को राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की उनके आवास के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई. बाद में उमेश के एक गनर की अस्पताल में मौत हो गई, जो गोलीबारी में घायल हुआ था. एक अन्य गनर घायल है, उसका उपचार चल रहा है. प्रयागराज के पुलिस आयुक्त रमित शर्मा ने बताया कि उमेश पाल पर शुक्रवार शाम उनके घर के बाहर देसी बमों से हमला किया गया और गोली मार दी गई. हमले में उनके दो गनर भी घायल हुए थे. सरकार द्वारा उमेश पाल की सुरक्षा में दोनों गनर तैनात किए गए थे. इनमें से एक गनर संदीप निषाद ने अस्पताल में दम तोड़ दिया.

Advertisement

उमेश

राजू पाल हत्याकांड में मुख्य गवाह थे उमेश

उमेश 2005 में बहुजन समाज पार्टी के विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह थे. राजू पाल हत्याकांड का मुख्य आरोपी माफिया से नेता बना अतीक अहमद है, जो वर्तमान में गुजरात जेल में बंद है. पुलिस ने कहा कि बमबारी में गंभीर रूप से घायल उमेश पाल को स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.

जबकि गनर निषाद की हालत भी गंभीर थी, उन्हें पहले वेंटिलेटर पर रखा गया. लेकिन जान नहीं बच सकी. पुलिस ने बताया कि दूसरे गनर राघवेंद्र सिंह का डॉक्टरों द्वारा ऑपरेशन किया जा रहा है. इलाके के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर हमलावरों की पहचान करने की जा रही है.

हमलावरों की तलाश में पुलिस की आठ टीमें लगाईं

पुलिस कमिश्नर शर्मा ने बताया कि यह घटना उमेश पाल के घर के ठीक बाहर हुई. अब तक इस बात की पुष्टि हुई है कि दो बम फेंके गए थे और उन पर एक छोटी बंदूक से फायर किया गया था. पीड़ित के परिजन की तहरीर पर धूमनगंज थाने में केस दर्ज किया गया है. घटना के हर पहलू की जांच करने और हमले में शामिल लोगों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की आठ टीमों का गठन किया गया है.

Advertisement

उमेश

अतीक अहमद के दो बेटों समेत 7 लोग पुलिस हिरासत में  

सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में पुलिस ने 7 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है. इसमें अतीक अहमद के दो बेटे एजम और आबान भी शामिल हैं. हत्याकांड के खुलासे के लिए प्रयागराज कमिश्नरेट की 8 पुलिस टीमों को लगाया गया है. उधर, यूपी एसटीएफ की प्रयागराज यूनिट अतीक अहमद के गुर्गों के साथ-साथ उमेश पाल की पुरानी रंजिश के आरोपियों की जानकारी भी जुटा रही है. इसके साथ ही पुलिस वारदात को अंजाम देने के पैटर्न पर अतीक अहमद के बमबाज गुर्गों को ढूंढ रही है. 

अतीक अहमद ने करवाई बेटे की हत्या- उमेश पाल की मां 

बेटे की हत्या पर उमेश पाल की मां का कहना है, "गोलियों और बम की आवाज सुनकर हम लोग बाहर की ओर दौड़े थे. आज राजू पाल हत्याकांड में मेरे बेटे की पेशी थी. वो कोर्ट से आया था. तभी उस पर हमला कर दिया गया. इस वारदात को अतीक अहमद ने अंजाम दिलवाया है."

25 जनवरी 2005 को दिनदहाड़े हुई थी राजू पाल की हत्या

यूपी में साल 2004 के आम चुनाव में फूलपुर से सपा के टिकट पर अतीक अहमद को सांसद चुना गया था. इसके बाद इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा सीट खाली हो गई थी. इस सीट पर हुए उपचुनाव में सपा ने अतीक के छोटे भाई अशरफ को टिकट दिया था. लेकिन बसपा ने उसके सामने राजू पाल को खड़ा किया था. इसमें राजू पाल ने अशरफ को हराया था. उपचुनाव में जीत दर्ज कर पहली बार विधायक बने राजू पाल की 25 जनवरी, 2005 को दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड में देवी पाल और संदीप यादव की भी मौत हुई थी. दो अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस हत्याकांड में सीधे तौर पर सांसद अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ का नाम सामने आया था.

Advertisement

उमेश

शुक्रवार को क्या हुआ...

राजू पाल हत्याकांड के चश्मदीद गवाह उमेश पाल का 2007 में अपहरण कर लिया गया था. इस मामले में उमेश पाल की ओर से धूमनगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी. मामले में अतीक अहमद, उनके छोटे भाई पूर्व विधायक खालिद अजीम उर्फ अशरफ समेत कई अन्य को आरोपी बनाया गया था. इस केस की प्रयागराज की एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट में सुनवाई चल रही है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट को आदेश दिया था कि 2 महीने में ट्रायल पूरा करें. उमेश पाल शुक्रवार को एमपी एमएलए कोर्ट में दोपहर 2:30 बजे पहुंचे और शाम पौने चार बजे तक मामले की सुनवाई चली. शुक्रवार को आरोपियों की ओर से अधिवक्ता एलपी द्विवेदी ने बहस की. लेकिन बहस पूरी नहीं हो पाई और 27 फरवरी को आगे की बहस पूरा करने के लिए कोर्ट से समय मांगा. सोमवार को इस मामले में आगे की बहस होनी थी.

 

Advertisement
Advertisement