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UP: आजमगढ़ और मिर्जापुर में फर्जी मदरसों की जांच पूरी, SIT ने मांगी FIR दर्ज करने की अनुमति

जांच के दौरान आजमगढ़ के 250 और मिर्जापुर के 143  मदरसों की जांच में भौतिक सत्यापन के दौरान कई मदरसे फर्जी निकले हैं. इतना ही नहीं साल 2009-10 में बिना भौतिक सत्यापन के कई मदरसों को मान्यता दी गई थी.

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आजमगढ़ और मिर्जापुर में फर्जी मदरसों की जांच पूरी हो गई है. (सांकेतिक तस्वीर)
आजमगढ़ और मिर्जापुर में फर्जी मदरसों की जांच पूरी हो गई है. (सांकेतिक तस्वीर)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कई अफसर और कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध
  • SIT ने मांगी FIR की अनुमति
  • करोड़ों रुपए के अनुदान का घोटाला भी हुआ

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ और मिर्जापुर जिले में फर्जी मदरसों की जांच पूरी हो गई है. जांच पूरी होने के बाद अब एसआईटी ने केस दर्ज करने के लिए शासन से अनुमति मांगी है. जांच के दौरान आजमगढ़ के 250 और मिर्जापुर के 143  मदरसों की जांच में भौतिक सत्यापन के दौरान कई मदरसे फर्जी निकले हैं.

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इतना ही नहीं साल 2009-10 में बिना भौतिक सत्यापन के कई मदरसों को मान्यता दी गई थी. इस दौरान करोड़ों रुपए के अनुदान का घोटाला हुआ था. एसआईटी की जांच में अल्पसंख्यक विभाग के कई अफसर और कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है. इस मामले में एसआईटी ने जांच पूरी करने के बाद  शासन को रिपोर्ट भेजी है. साथ ही इस मामले में एफआईआर दर्ज करने की भी अनुमति मांगी गई है.

बता दें कि हाल में योगी सरकार ने मदरसों में पारदर्शिता लाने के लिए यूपी के मदरसों की जानकारी मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड किए जाने की बात कही थी. प्रदेश सरकार की तरफ से कहा गया था कि इससे वे मदरसा शिक्षक भी पकड़ में आ जाएंगे, जो एक साथ कई मदरसों में काम कर रहे हैं. साथ ही सभी मदरसा शिक्षकों का विवरण एक स्थान पर मिल जाएगा.

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यह भी बताया गया था कि सरकार मदरसा शिक्षकों के लिए तबादला नीति पर भी विचार कर रही है. इससे न सिर्फ पारदर्शिता आएगी, बल्कि मदरसा शिक्षा में भी सुधार होगा. बता दें कि उत्तर प्रदेश में 560 अनुदानित मदरसे हैं. इनमें नौ हजार शिक्षक पढ़ाते हैं. इनका वेतन प्रदेश सरकार देती है.

 

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