Pune Porsche Car Case: पुणे पोर्श कांड के आरोपी नाबालिग किशोर के दादा सुरेंद्र अग्रवाल से पुणे क्राइम ब्रांच पूछताछ कर रही है. उन्हें 2008 में अजय भोसले नामक शख्स पर हुई गोलीबारी में आरोपी के रूप में नामित किया गया था और उनके अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन से संबंध बताए गए थे.
सुरेंद्र अग्रवाल से क्राइम ब्रांच द्वारा विशाल अग्रवाल दुर्घटना मामले में दर्ज की गई दूसरी एफआईआर के संबंध में पूछताछ की जा रही है. नाबालिग के पिता को गिरफ्तार कर लिया गया है. अधिकारियों का कहना है कि जिस दिन एक्सीडेंट हुआ उसे लेकर सुरेंद्र अग्रवाल से बेटे और पोते के बारे में हुई बातचीत और अन्य विवरण जानने के लिए उससे पूछताछ की जा रही है.
अंडरवर्ल्ड कनेक्शन आया सामने
दरअसल अग्रवाल परिवार का अंडरवर्ल्ड कनेक्शन भी सामने आया है. आरोपी नाबालिग के दादा सुरेंद्र कुमार अग्रवाल ने अपने भाई से संपत्ति विवाद में अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन की मदद ली थी. राजन के गुर्गे ने गोलीबारी भी की थी. इस मामले में हत्या की कोशिश की FIR दर्ज हुई थी. पहले पुलिस ने जांच की. बाद में सीबीआई को मामला सौंपा गया. यह केस कोर्ट में विचाराधीन है.
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विशाल अग्रवाल पुणे के जाने-माने रियल एस्टेट कारोबारी हैं. विशाल के पिता सुरेंद्र कुमार अग्रवाल (आरोपी के दादा) ने अपने भाई आरके अग्रवाल से कुछ संपत्तियों को लेकर विवाद में छोटा राजन से हाथ मिलाया था और मदद मांगी थी. इसी विवाद को लेकर सुरेंद्र के खिलाफ बंड गार्डन पुलिस स्टेशन में अजय भोसले नाम के शख्स की हत्या की कोशिश का मामला दर्ज किया गया था. आरोप है कि सुरेंद्र ने सुपारी देकर कुछ गुर्गों को भेजा, जिन्होंने आरके अग्रवाल के दोस्त अजय भोसले पर गोली चलाई. इस घटना में भोसले का ड्राइवर भी घायल हो गया था. यह मामला मुंबई के सत्र अदालत में विचाराधीन है.
नाबालिग की जमानत रद्द
आपको बता दें कि जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने बुधवार को पुणे पोर्श हादसे में 17 वर्षीय नाबालिग आरोपी की जमानत रद्द कर दी थी. अब उसे बाल सुधार गृह में भेज दिया गया है. इससे पहले पुलिस ने उसके बिल्डर पिता को गिरफ्तार किया गया था जिसे कोर्ट ने 24 मई तक पुलिस रिमांड में भेज दिया है. 19 मई को पोर्श कार की टक्कर में बाइक सवार युवक और युवती की मौत हो गई थी.
पुणे पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि जेजे बोर्ड ने नाबालिग आरोपी को 5 जून तक बाल सुधार गृह में भेज दिया है. पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने कहा कि नाबालिग आरोपी पर एक वयस्क की तरह मुकदमा चलाया जाना चाहिए. इसके लिए पुलिस ने ऊपरी अदालत से अनुमति मांगी है.
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CM शिंदे ने दिए कड़ी कार्रवाई के निर्देश
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और गृह मंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने इस मामले में पुलिस को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. इस मामले में पुलिस पर किसी दबाव के बारे में पूछे जाने पर पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने कहा कि पुलिस शुरू से ही कानून के मुताबिक काम कर रही है. पुलिस पर किसी का कोई दबाव नहीं है. उन्होंने कहा, "हम पुलिस द्वारा उठाए गए हर कानूनी कदम पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं. हमने यथासंभव कड़ी कार्रवाई की है.''
क्या है पूरा मामला?
पुणे में 17 साल के लड़के ने तीन दिन पहले शराब के नशे में अपनी पोर्श कार से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था. हादसे में दोनों (लड़का-लड़की) की मौत हो गई थी. मरने वालों की पहचान अनीश अवधिया (24 साल) और अश्विनी कोष्टा (24 साल) के रूप में हुई है. दोनों मध्य प्रदेश के रहने वाले थे और पुणे में काम करते थे.
इस मामले में जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने कुछ शर्तों के साथ आरोपी नाबालिग को रिहा कर दिया था. पुलिस ने अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनमें बार के दो मैनेजर, बार का मालिक, होटल कर्मचारी और आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल का नाम शामिल है.
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