
पंजाब में नया गैंगवॉर शुरू होने जा रहा है? क्योंकि जो कभी साथ थे, अब दुश्मन बन गए हैं. तरन तारन जिले के गोइंदवाल केंद्रीय जेल में गैंगवॉर में दो गैंगस्टर की मौत हो गई है. इसकी जिम्मेदारी गोल्डी बराड़ (Goldy Brar) ने ली है. जिस गैंग के दो गुर्गों की मौत हुई है, वो जगदीप सिंह उर्फ जग्गू भगवानपुरिया के साथ जुड़े थे.
जग्गू भगवानपुरिया कभी गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) का करीबी हुआ करता था. और गोल्डी बराड़ भी लॉरेंस बिश्नोई गैंग का ही है. इसी कारण अब पंजाब में गैंगवॉर के नए दौर के शुरू होने का खतरा मंडरा रहा है.
जग्गू भगवानपुरिया गैंग के दो गुर्गों की हत्या के बाद गोल्डी बराड़ ने फेसबुक पर लिखा कि उनकी मौत की जिम्मेदारी लॉरेंस ग्रुप लेता है. लॉरेंस बिश्नोई इस समय जेल में है, जबकि गोल्डी बराड़ कनाडा में बैठा है.
एक बात ये भी है कि गोइंदवाल जेल में जिन दो गुर्गों की मौत हुई है, वो जग्गू के शार्प शूटर थे और सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में आरोपी भी. पिछले साल 29 मई को सिद्धू मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
जेल में कैसे हुआ गैंगवॉर?
- रविवार को दोपहर तीन बजे के आसपास आरोपी आपस में भिड़ गए. इसमें दो की मौत हो गई, जबकि एक बुरी तरह घायल हो गया.
- एसएसपी गुरमीत सिंह चौहान ने बताया कि मारे गए आरोपियों की पहचान मनदीप सिंह उर्फ तूफान और मनमोहन सिंह उर्फ मोहना के रूप में हुई है. इस झड़प में केशव नाम के आरोपी को गंभीर चोटें आईं हैं.
- न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि किसी बात पर आरोपियों के बीच झगड़ा हो गया. बात इतनी बढ़ गई कि आरोपियों ने एक-दूसरे पर बर्तनों और लोहे की छड़ों से हमला कर दिया.
कौन थे मनदीप-मनमोहन?
- पुलिस ने बताया कि मनदीप सिंह उर्फ तूफान को पिछले साल मनप्रीत सिंह उर्फ मणि रैया के साथ अमृतसर से गिरफ्तार किया गया था. दोनों जग्गू भगवानपुरिया गैंग के मेन शूटर थे.
- पुलिस के मुताबिक, पहले मनदीप और मनप्रीत को ही सिद्धू मूसेवाला की हत्या करने का काम सौंपा गया था, लेकिन सिक्योरिटी होने की वजह से वो इस वारदात को अंजाम नहीं दे सके थे.
- वहीं, मनमोहन सिंह उर्फ मोहना को पिछले साल जनवरी और फरवरी में सिद्धू मूसेवाला की रेकी करने के जुर्म में गिरफ्तार किया गया था.
- जबकि केशव पर आरोप है कि मूसेवाला की हत्या के बाद उसने शूटरों को गाड़ी उपलब्ध करवाई और भागने में उनकी मदद की.
क्या शुरू होने वाला है नया गैंगवॉर?
- हाई सिक्योरिटी जेल में जग्गू भगवानपुरिया गैंग के दो आदमियों की मौत के बाद अब नए गैंगवॉर की आहट भी शुरू हो गई है.
- इसकी जिम्मेदारी गोल्डी बराड़ ने ली है. उसने फेसबुक पर लिखा- जेल में आज जो कुछ भी हुआ है, उसकी जिम्मेदारी लॉरेंस ग्रुप लेता है. हमारे भाई अंकित सिरसा, कशिश, मामा केटा ने इनको मारा है.
- उसने आगे लिखा- जग्गू के कहने पर हमारे भाई मनप्रीत को दो दिन पहले बैरक में मारा था. जग्गू ने हमारे साथ दोगलापन किया है. उसने हमारी मुखबिरी कर पुलिस को जानकारी दी थी.
- इसने आगे कहा, हमारे साथी जगरूप रूपा और मनु की मुखबिरी देकर उनका एनकाउंटर करवाया. जग्गू ने हमारा बहुत नुकसान किया है. जग्गू के गुर्गे जहां नशा बेचते हैं, उनकी खैर नहीं. वो अब बचकर रहें. वो हमारे टारगेट पर हैं. हम न नशा बेचते हैं, न करते हैं और न बेचने देंगे.
गोल्डी-लॉरेंस और जग्गू... दोस्त अब दुश्मन बने!
- जगदीप सिंह उर्फ जग्गू भगवानपुरिया गैंग पंजाब में जाना-पहचाना नाम है. वो कई खिलाड़ियों और कबड्डी लवर्स के लिए यूथ आइकन है. उसे पंजाब का सुपारी किंग भी कहा जाता है. जग्गू गैंग पंजाब के माझा इलाके में सबसे ज्यादा एक्टिव है. जग्गू भगवानपुरिया को लॉरेंस बिश्नोई का करीबी माना जाता है.
- वहीं, लॉरेंस बिश्नोई पंजाब का जाना-माना अपराधी है और पंजाब यूनिवर्सिटी में छात्र नेता रह चुका है. अपने कारनामों की वजह से उसका जेल से आना-जाना भी लगा रहता है. उसके खिलाफ हत्या, रंगदारी, लूटपाट और आर्म्स एक्ट समेत कई धाराओं में राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में 25 से ज्यादा केस दर्ज हैं.
- जबकि, गोल्डी बराड़ भी लॉरेंस बिश्नोई गैंग का ही है. वो सिर्फ 28 साल है और उस पर दर्जनों आपराधिक केस दर्ज हैं.
- अब गोल्डी बराड़ और लॉरेंस बिश्नोई तो साथ हैं, लेकिन जग्गू भगवानपुरिया अलग है. अब लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ड्रग्स की तस्करी को लेकर भी जग्गू को धमकाया है. साथ ही उसके दो गुर्गों की हत्या की भी जिम्मेदारी ली है.
क्या ट्राएंगल बनने जा रहा है?
- पंजाब में गैंगस्टर्स के बीच बदला लेने की होड़ मची रहती है. ये ठीक वैसे ही होता है, जैसे किसी फिल्म में होता है. एक गैंग का आदमी दूसरी गैंग के आदमी को मारता है और फिर बदला लेने के लिए दूसरी गैंग का आदमी पहली गैंग के आदमी की हत्या करता है. सिलसिला ऐसे ही चलता रहता है.
- लॉरेंस गैंग की अब तक लड़ाई बंबीहा गैंग से चलती थी. लेकिन अब लॉरेंस गैंग की लड़ाई जग्गू भगवानपुरिया गैंग से भी शुरू हो गई है. ऐसे में अब पंजाब में गैंगवॉर का ट्राएंगल भी बनने का खतरा है.
- लॉरेंस और बंबीहा गैंग में बदले की कहानी लवी दयौड़ा की हत्या से शुरू हुई थी. लवी दयौड़ा, बंबीहा गैंग का आदमी था, जिसकी हत्या लॉरेंस गैंग के शूटर संपत नेहरा ने कर दी थी. बाद में लॉरेंस गैंग के शार्प शूटर अंकित भादू का एनकाउंटर हो गया.
- लॉरेंस को शक था कि अंकित भादू की मुखबिरी बंबीहा गैंग के मनप्रीत मन्ना ने की थी. इसके बाद 12 दिसंबर 2019 को मालोट के एक मॉल के बाद मन्ना की गोलियां मारकर हत्या कर दी गई.
- मन्ना की हत्या का बदला लेने के लिए बबीहा गैंग को अर्मीनिया से चला रहे लक्की पटियाला ने 10 अक्टूबर 2020 को गुरलाल बराड़ की हत्या करवा दी. गुरलाल बराड़ रिश्ते में कनाडा में बैठे गोल्डी बराड़ का भाई लगता था.
- इसके बाद गोल्डी बराड़ ने 22 अक्टूबर 2020 को बंबीहा ग्रुप का साथी होने के शक में रणजीत सिंह राणा की हत्या करवा दी. उसके बाद लॉरेंस गैंग ने कांग्रेस प्रधान गुरलाल पहलवान की हत्या करवा दी.
- बाद में लक्की पटियाला ने 2021 में पहले लॉरेंस के करीबी माने जाने वाले विक्की मिद्दूखेड़ा की हत्या करवाई और फिर मार्च 2022 में जालंधर में इंटरनेशनल कबड्डी खिलाड़ी संदीप नंगल अंबिया की हत्या करवा दी. मिद्दूखेड़ा की हत्या का बदला लेने के लिए ही लॉरेंग गैंग ने सिद्धू मूसेवाला की हत्या करवाई थी.