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स्वयंभू ईसाई धर्म प्रचारक बजिंदर सिंह के खिलाफ दर्ज यौन उत्पीड़न मामले की जांच जारी, SIT का गठन

पीड़िता ने पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में लगाया है कि वह अपने माता-पिता के साथ अक्टूबर 2017 में बजिंदर सिंह के चर्च में जाने लगी थी. तभी पादरी ने उसका मोबाइल फोन नंबर ले लिया था और उसे मैसेज भेजने शुरू कर दिए थे.

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पादरी बजिंदर सिंह का विवादों से पुराना नाता रहा है
पादरी बजिंदर सिंह का विवादों से पुराना नाता रहा है

स्वयंभू ईसाई धर्म प्रचारक बजिंदर सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले की जांच जारी है. पंजाब पुलिस ने 28 फरवरी को 22 वर्षीय महिला की शिकायत मिलने के बाद पंजाब के चर्चित पादरी बजिंदर सिंह (42) के खिलाफ कपूरथला में यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया गया था. कपूरथला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) गौरव तूरा ने कहा कि इस मामले की जांच जारी है. हालांकि, उन्होंने आगे कोई जानकारी देने से इनकार कर दिया. 

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पीड़िता ने पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में लगाया है कि वह अपने माता-पिता के साथ अक्टूबर 2017 में बजिंदर सिंह के चर्च में जाने लगी थी. उसने आरोप लगाया कि पादरी ने उसका मोबाइल फोन नंबर ले लिया और उसे मैसेज भेजने शुरू कर दिए. उसने यह भी कहा कि वह सिंह से डरती थी, इसलिए उसने अपने माता-पिता को इस बारे में नहीं बताया.

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि साल 2022 से पादरी ने उसे रविवार को चर्च के एक केबिन में अकेले बैठाया. जब वह अकेली होती, तो पादरी कथित तौर पर उसे गले लगाता और गलत तरीके से छूता. पीटीआई के मुताबिक, उसने यह भी आरोप लगाया है कि पादरी ने उसे और उसके परिवार के सदस्यों को धमकी दी थी कि अगर उसने उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई तो वह उसे और उसके परिवार के सदस्यों को खत्म करवा देगा.

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पुलिस ने बजिंदर सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354ए (यौन उत्पीड़न), 354डी (पीछा करना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया है. पादरी के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप की जांच के लिए पुलिस अधीक्षक (फगवाड़ा) रूपिंदर कौर के नेतृत्व में तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है.

पंजाब राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष विजया राहतकर ने शुक्रवार को दिल्ली में बताया कि आयोग ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया है और शिकायतकर्ता को सुरक्षा प्रदान करने के निर्देश जारी किए हैं. राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने भी मामले में पंजाब पुलिस से त्वरित कार्रवाई की मांग की है. 

बजिंदर सिंह ने अपने खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोप को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया है. पादरी ने कुछ दिन पहले कहा, 'मेरे खिलाफ लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं. इन दिनों फर्जी चैट आसानी से बनाई जा सकती हैं. उन्हें मुझे सबूत देने चाहिए. चर्च में हर कोई जानता है कि वह (शिकायतकर्ता) दौरे से पीड़ित थी. उसे बुरी आत्माओं की समस्या थी. लोग बुरी आत्माओं से छुटकारा पाने के लिए यहां प्रार्थना करने आते हैं. हमारा काम प्रार्थना करना है. वह हमारी बेटी की तरह है.' 

विवादों से पुराना नाता
ये पहली बार नहीं, जब बजिंदर सिंह विवादों में आए हों. साल 2018 में जीरकपुर की एक महिला द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद उन पर एक और यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया गया था. तब बजिंदर को लंदन जाते समय दिल्ली एयरपोर्ट से पकड़ लिया गया था. कुछ दिन पहले मोहाली की एक अदालत ने उस मामले में उनके खिलाफ वारंट जारी किया था. साल 2022 में बजिंदर सिंह पर दिल्ली के एक परिवार से उनकी बेटी की बीमारी के इलाज के लिए पैसे लेने का आरोप लगाया था, लेकिन उस लड़की को बचाया नहीं जा सका. साल 2023 में बजिंदर सिंह के ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापेमारी की थी.

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हरियाणा के रहने वाले बजिंदर सिंह का जन्म एक जाट परिवार में हुआ था. हालांकि, उन्होंने 10 साल से भी ज़्यादा समय पहले ईसाई धर्म अपना लिया था. स्वयंभू ईसाई उपदेशक जालंधर के ताजपुर में चर्च ऑफ़ ग्लोरी एंड विजडम नामक चर्च चलाते हैं. दूसरा चर्च मोहाली के माजरी में है. वे साल 2012 में उपदेशक बने थे. उनके समर्थकों का दावा है कि उनके चर्च की भारत और विदेशों में कई शाखाएं हैं.

उनके चर्च में समागम होते हैं, जहां बड़ी संख्या में लोग अपनी बीमारियों के ठीक होने की उम्मीद में आते हैं. इन समागमों का सीधा प्रसारण YouTube चैनल पर किया जाता है, जिसके 3.74 मिलियन (37.4 लाख) सब्सक्राइबर हैं.

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