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पंजाब के मोहाली जिले में एक थानेदार पर पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने पचास हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया. थानेदार पर आरोप है कि पिछले साल दिसंबर में वादी शिकायत लेकर थाने पहुंचा था, लेकिन थानेदार ने उसकी शिकायत पर मामला दर्ज नहीं किया और ना ही उस शिकायत पर कोई कार्रवाई की. जब पीड़ित थाने के चक्कर काट-काटकर थक गया, तब उसने अदालत से इंसाफ की गुहार लगाई.
आरोपियों ने ऐसे किया था पीड़ित पर हमला
यह मामला मोहाली जिले के डेराबस्सी थाना इलाके का है. पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव मल्हौत्रा के अनुसार, पीड़ित दविंदर सिंह पुत्र अवतार सिंह, निवासी गांव ईशापुर रोनी, पीएस डेराबस्सी, जिला मोहाली (एसएएस नगर) ने पुलिस को जो बयान दर्ज कराया है, उसके मुताबिक 23 साल के दविंदर किसान हैं और वो कृषि कार्य करते हैं. वारदात के दिन यानी 29 दिसंबर 2023 की सुबह लगभग 8:30 बजे वो ग्राम ईशापुर रोनी कुटिया में गुरु नानक मिल पर दूध देने गया था.
तभी सुच्चा सिंह पुत्र महिंदर सिंह, लखविंदर सिंह पुत्र सुच्चा सिंह, भगवंत सिंह पुत्र सुच्चा सिंह, बलवीर सिंह पुत्र भाग सिंह, हरपाल सिंह पुत्र बलवीर सिंह, अमरजीत सिंह पुत्र माम राज, अमृतपाल सिंह पुत्र अमरजीत सिंह, दर्शनी देवी पत्नी सुच्चा सिंह निवासीगण ग्राम ईशापुर रोनी ने उसे घेर लिया और गालियां देते हुए उसके साथ मारपीट की.
पीड़ित की मां से भी मारपीट
आरोपी बलवीर सिंह ने उसकी दाहिनी बांह पर फाहरा का वार किया, भगवंत सिंह ने उसकी पीठ पर उल्टा कुदाल का वार किया और हरपाल सिंह ने उसके सिर पर छड़ी का वार किया. उपरोक्त सभी ने उसे बहुत मारा-पीटा. इस दौरान दविंदर मदद के लिए चिल्लाने लगा. तभी उसकी मां मनदीप कौर मौके पर आ गईं तो बलवीर सिंह ने उसकी मां मनदीप कौर की गर्दन पकड़ ली और उन्हें भी पीटा.
जब दविंदर और उसकी मां के शोर मचाने पर लोग मौके पर इकट्ठा हो गए तो उपरोक्त सभी आरोपी उन्हें जान से मारने की धमकी देते हुए मौके से भाग गए. बात यहीं खत्म नहीं हुई, इसके बाद आरोपियों ने पीड़ित दविंदर सिंह के घर पर ईंटें और पत्थर भी फेंके जो कई लोगों को लगे.
ये विवाद था हमले की वजह
पीड़ित के मुताबिक, बलजीत सिंह ने उनके चाचा और उनकी जमीन के लिए पानी देने से मना किया था, तब दविंदर के पिता ने पानी के लिए पाइप और वाहन की व्यवस्था की. यही बात आरोपियों को नागवार गुजर रही थी. अब हमले के बाद दविंदर और उसकी मां को इलाज के लिए सीएच डेराबस्सी में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है. पीड़ित ने बयान के अंत में कहा कि सुच्चा सिंह, लखविंदर सिंह उर्फ लक्की, भगवंत सिंह, बलवीर सिंह, हरपाल सिंह, अमरजीत सिंह, अमृतपाल सिंह और रोशनी देवी के खिलाफ सीएच में कानूनी कार्रवाई की जाए.
प्रारंभिक जांच में कार्रवाई की संस्तुति
बयान दर्ज करने वाले एएसआई सुखदेव सिंह ने थाने लौटकर डीडीआर संख्या 29 उसी तारीख में रोजनामचा में एंट्री की और पीड़ित का बयान दर्ज किया. लेकिन तब से लेकर अब इस मामले में थानेदार अजितेश कौशल ने लापरवाही बरतते हुए कोई कार्रवाई नहीं की. ना ही मामला दर्ज किया गया. जबकि बयान लेने वाले और प्राथमिक जांच करने वाले एएसआई ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की थी.
अदालत से लगाई थी इंसाफ की गुहार
बाद में थाने के चक्कर काट-काटकर थक चुके पीड़ित और उसके पिता ने आखिरकार अदालत से इंसाफ मांगने का फैसला किया. जिसके चलते दविंदर सिंह के पिता ने वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव मल्हौत्रा के जरिए से पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में इंसाफ की गुहार लगाई. राजीव मल्हौत्रा ने अवतार की ओर से हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी. जिसमें सारा मामला अदालत के सामने रखा गया था.
ऐसे दर्ज हुई FIR
मामले को गंभीरता से लेते हुए हाई कोर्ट ने फौरन इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए. साथ ही डेराबस्सी थाने के एसएचओ अजितेश कौशल पर लापरवाही बरतने के आरोप में 50 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया. हाई कोर्ट के आदेश पर फौरन पीड़ित दविंदर सिंह की तहरीर पर 12 मई 2024 को मामला दर्ज कर लिया गया.
अब पीड़ित दविंदर सिंह और मनदीप कौर की मांग है कि उन पर हमला करने के आरोपी सुच्चा सिंह, लखविंदर सिंह, भगवंत सिंह, अमरजीत सिंह, अमृतपाल सिंह, बलवीर सिंह, दर्शनी देवी और हरपाल सिंह निवासीगण गांव ईशापुर रोनी के खिलाफ जल्द से जल्द कानूनी कार्रवाई की जाए.