यूपी के रायबरेली जिले में भूमि धोखाधड़ी से जुड़े एक मामले में 12 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है. पूर्व कांग्रेस सांसद शीला कौल के पुत्र विक्रम कौल, तत्कालीन एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट वित्त और राजस्व (एडीएम) मदन पाल आर्य और तत्कालीन तहसीलदार कृष्ण पाल सिंह का नाम भी उन 12 लोगों में शामिल है, जिनके खिलाफ इस मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है.
समाचार एजेंसियों के मुताबिक पूर्व सांसद के पुत्र, एडीएम और तहसीलदार समेत सभी आरोपियों पर सिविल लाइंस क्षेत्र में पांच बीघे का प्लॉट प्राप्त करने के लिए तथ्य छिपाकर भूमि को लीजहोल्ड से फ्रीहोल्ड में तब्दील कर देने का आरोप है. यह मामला साल 2001 का बताया जा रहा है. एडीएम (वित्त और राजस्व) प्रेम प्रकाश उपाध्याय की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है.
अपनी शिकायत में एडीएम ने कहा है कि 6 फरवरी 2001 को कमला नेहरू सोसाइटी की ओर से एक आवेदन प्राप्त हुआ था. इस आवेदन में सोसाइटी की ओर से प्लॉट को लीजहोल्ड से फ्रीहोल्ड में तब्दील करने का आग्रह किया गया था. एडीएम ने आरोप लगाया है कि सोसाइटी के पदाधिकारियों के साथ ही नजूल क्लर्क और प्रभारी अधिकारी ने तथ्यों को छिपाकर गलत तरीके से सोसाइटी के पक्ष में प्लॉट को फ्रीहोल्ड में परिवर्तित कर दिया.
शिकायत में यह भी कहा गया है कि राजस्व अधिकारियों लेखपाल, कानूनगो और तहसीलदार के हस्ताक्षर भी कागजात पर थे. दस्तावेजों पर कई जगह व्हाइटनर लगाकर ओवर राइटिंग की गई है. इस संबंध में शिकायतकर्ता प्रेम प्रकाश उपाध्याय ने कहा है कि केस दर्ज होने के बाद मामले की जांच सिटी मजिस्ट्रेट करेंगे.