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राजस्थान: हनीट्रैप में फंस कर पाक को खुफिया जानकारी भेज रहा था MES कर्मचारी, CID ने किया गिरफ्तार

आरोप है कि एमईएस में सिविल डिफेंस कर्मचारी राम निवास पाकिस्तान में बैठे हैंडलरों के संपर्क में था और उसने निवारू और जयपुर में सेना से जुड़ी तमाम जानकारियों के साथ ही अन्य दफ्तरों के संबंध में भी जानकारियां लीक कीं.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • निवारू में तैनात था रामनिवास गौड़ा
  • दो साल से था हैंडलर्स के संपर्क में
  • फेसबुक पर बना रखी थी फेक आईडी

राजस्थान की पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. राजस्थान पुलिस की सीआईडी ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के एक एजेंट को गिरफ्तार किया है, जो पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहा था. राजस्थान की सीआईडी ने मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज (एमईएस) के कर्मचारी राम निवास गौड़ा को निवारू से गिरफ्तार किया है. राम निवास गौड़ा को हनीट्रैप में फंसाकर उससे महत्वपूर्ण जानकारियां ली जा रही थी. 

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रामनिवास फेसबुक और व्हाट्सऐप के जरिए एकता@जसमीत कौर नाम के पकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटर के संपर्क में था. रामनिवास पिछले दो सालों से पकिस्तान इंटेलिजेंस के साथ जुड़ा हुआ था और इस दौरान उसने कई महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की थीं.   

अधिकारियों के मुताबिक रामनिवास ने पूछताछ के दौरान बताया कि उसे फेसबुक पर एक फ्रेंड रिक्वेस्ट मिला था. जिसके बाद वे दोनों काफी फ्रेंडली हो गए थे. उन्होंने अपना व्हाट्सऐप नंबर भी शेयर किया था. वे दोनों लगातार व्हाट्सऐप चैट करते थे. इसके अलावा दोनों के बीच ऑडियो-वीडियो कॉल पर भी खूब बातचीत होती थी. एकता नाम की यह पकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटर व्हाट्सऐप चैट के लिए भारत का नंबर ही इस्तेमाल कर रही थी. इतना ही नहीं उसने बताया था कि वह शिमला में प्रिंसिपल कंट्रोलर ऑफ डिफेंस अकाउंट (PCDA) से जुड़ी हुई है.  

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शुरुआत में रामनिवास और एकता के बीच फ्रैंडली चैट होती थी लेकिन दोस्ती बढ़ने पर उसने मिलिट्री नेचर को लेकर बातचीत करने लगी. बाद में एकता ने रामविलास को इन खुफिया सूचनाओं के बदले में पैसे देने की बात भी कही थी. जिसके बाद रामनिवास ने मार्च 2020 में अपना अकाउंट नंबर शेयर किया था और 10,000 रुपये की मदद भी मांगी थी.     

राजस्थान सीआईडी ने यह कार्रवाई सेना की ओर से मिले खुफिया इनपुट के आधार पर की है. उन्होंने बताया कि एमईएस में सिविल डिफेंस कर्मचारी रामनिवास पाकिस्तान में बैठे हैंडलरों के संपर्क में था और उसने निवारू और जयपुर में सेना से जुड़ी तमाम जानकारियों के साथ ही अन्य दफ्तरों के संबंध में भी जानकारियां लीक कीं.

रामनिवास गौड़ा

सितंबर में सैन्य इंटेलिजेंस ने यह पाया था कि निवारू में कोई एजेंट है, जो पाकिस्तान में बैठे हैंडलर्स को सेना से जुड़ी जानकारियां लीक कर रहा है. सैन्य इंटेलिजेंस ने नजर रखनी शुरू की और रामनिवास गौड़ा की पहचान पाकिस्तानी एजेंट के तौर पर की गई. 

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रामनिवास फेसबुक की फर्जी आईडी और वॉट्सएप के जरिए पाकिस्तानी हैंडलर्स के संपर्क में था. वह पाकिस्तान में बैठे हैंडलर्स को पिछले दो साल से निवारू और जयपुर में सेना से जुड़ी जानकारियों के साथ ही कई दफ्तरों, वहां तैनात कर्मचारियों के संबंध में भी जानकारियां दे रहा था. सेना से खुफिया इनपुट मिलने के बाद जयपुर के पुलिस हेडक्वार्टर ने संयुक्त ऑपरेशन की योजना बनाई और रामनिवास को धर दबोचा.

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