
राजस्थान में रीट भर्ती परीक्षा में नकल कराने के मामले में पुलिस और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने भंवरलाल जाट को पकड़ा था. बाड़मेर जिले के खोखसर गांव के निवासी शिक्षक भंवर लाल को गिरफ्तार कर डुंगरपुर पुलिस और एसओजी ने जब जांच शुरू की तो चौंकाने वाले खुलासे हुए. सरकारी नौकर कर रहा भंवर लाल जाट हिस्ट्रीशीटर निकला. उसके खिलाफ 25 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं फिर भी वो एक नहीं, दो-दो बार सरकारी नौकरी पाने में सफल रहा.
जानकारी के अनुसार भंवर लाल जाट पर चोरी समेत अन्य अपराध में संलिप्त रहने के आरोप हैं. इसी बीच फर्जी तरीके से परीक्षा में बैठकर साल 2005 में वह शिक्षक बन गया लेकिन 16 महीने बाद ही उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया. भंवर लाल ने फिर से फर्जी तरीके से नए कागजात तैयार कराए और साल 2008 में शिक्षक भर्ती थर्ड ग्रेड टीचर में नियुक्ति पाने में सफल रहा. भंवर लाल फर्जी तरीके से परीक्षार्थियों को पास कराता था. यह सिलसिला पिछले कई साल से लगातार ये सिलसिला चला आ रहा था.
हिस्ट्रीशीटर होने के बावजूद भंवर लाल को दो बार सरकारी नौकरी कैसे लग गई, इसकी जांच हुई तो फर्जी दस्तावेजों की बात सामने आई. शिक्षक भंवर लाल के पास स्कॉर्पियो से लेकर शिक्षक के पास आलीशान बंगला भी है. भंवर लाल के पिता भी हिस्ट्रीशीटर थे. इसके बावजूद राजनीतिक पकड़ इतनी कि हिस्ट्रीशीटर पिता के नाम से राजस्व गांव है और किसी ने विरोध में आवाज उठाने की जरूरत नहीं समझी.
हिस्ट्रीशीटर ने की है तीन शादियां
सरकारी नौकरी के बावजूद भंवर लाल की तीन शादियां कर रखी हैं और तीनों ही सरकारी नौकरी में हैं. तीन पत्नियों से उसके पांच बेटे हैं. डूंगरपुर पुलिस ने जब उसे गिरफ्तार किया था, उस समय भंवरलाल के पास से 12 लाख रुपये नकद बरामद किया था. उसके पास से सब इंस्पेक्टर से लेकर कई भर्तियों के फर्जी एडमिट कार्ड बरामद किए थे. ऐसा बताया जा रहा है कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात में भी नकल कराने वाला गिरोह चलाता है.