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बच्चों को ट्रेनिंग देकर रखता है ये गैंग, पलक झपकते ही पार कर देते हैं शादी-पार्टी से कैश और जेवरात

Rajasthan News: यह गैंग देशभर में कई स्थानों पर विवाह समारोह के साथ पार्टी में बैग चोरी करती है. आरोपियों का गिरोह कड़िया गैंग के नाम से कुख्यात है. यह गिरोह अपने चोरी के लिए छोटे बच्चों को ट्रेनिंग देकर रखता है, जिसमें उन्हें कोट-पैंट पहनाकर शादी समारोह में भेज देता है.

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शादी-पार्टी में बच्चों से चोरी कराने वाली गैंग का खुलासा. (सांकेतिक तस्वीर)
शादी-पार्टी में बच्चों से चोरी कराने वाली गैंग का खुलासा. (सांकेतिक तस्वीर)

Rajasthan News: राजसमंद जिले की कांकरोली थाना पुलिस ने शादी, पार्टी और समारोह में चोरी करने वाली अंतरराज्यीय कड़िया गैंग का खुलासा किया है. इस मामले में शातिर मां-बेटे समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिन्होंने देशभर में 18 से अधिक वारदातें करना कबूला है. 

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कांकरोली थाना अधिकारी डीपी दाधीच ने बताया कि स्वास्तिक सिनेमा के पीछे गली नंबर एक में 6 नवंबर दोपहर को जन्मदिन की पार्टी में 36 ग्राम सोने की ज्वैलरी सहित 13 हजार रुपए की नकदी से भरा बैग चोरी हो गया था. चोरी के आरोप में अन्तर्राज्यीय गिरोह के मां बेटा सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया. 

थानाधिकारी दाधीच ने बताया कि गुलखेड़ी थाना बोडा जिला राजगढ़ मध्यप्रदेश निवासी अमित सिसोदिया जाति सांसी, अमित की माता रेखाबाई और कबीर भानेरिया को जन्मदिन की पार्टी में ज्वैलरी से भरा बैग चुराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. 

आरोपियों ने राजसमंद, उदयपुर, चित्तौड़, अजमेर, भीलवाड़ा सहित देश के 18 राज्यों में कई वारदातें करते हुए करोड़ों रुपए की चोरी करना कबूल किया.  पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपी कड़िया नाम से गैंग बनाकर 10 से 13 साल के बच्चों से वारदात करवाते हैं.  

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यह गैंग देशभर में कई स्थानों पर विवाह समारोह के साथ पार्टी में बैग चोरी करती है. आरोपियों का गिरोह कड़िया गैंग के नाम से कुख्यात है. सांसी जाति के लोग पचोर जिला राजगढ़ मध्यप्रदेश में निवास करते हैं जो समूह के रूप में रहते हैं. 

सभी आरोपी शादी समारोह या बैंक में रैकी कर नकदी और ज्वैलरी के बैग उठाते हैं. यह गिरोह अपने उक्त कार्य के लिए छोटे बच्चों को ट्रेनिंग देकर रखता है, जिसमें उन्हें कोट-पैंट पहनाकर शादी समारोह में भेज देता है. बच्चा समारोह में जाकर रैकी करता है. रैकी कर कीमती बैग पर नजर रखकर उठाता है और भागकर अपने बाहर खड़े साथी को दे देता है. 

इसके बाद आसपास खड़े अन्य साथी उसको कार का लोकेशन देते हैं और पूरी टीम एक-दूसरे की मदद करते हुए शहर से बाहर चली जाती है. घटना को अंजाम देने के बाद शहर से निकलकर यह गैंग लगातार अन्य शहरों में दूसरे शिकार के लिए घूमती रहती है. 

महिला को साथ में रखने से पुलिस आदि को कोई शंका नहीं होती है. न ही इस गैंग के लोग होटल या धर्मशाला में विश्राम करते हैं. कार में ही सभी जरूरत की सामग्री रखते हैं. इस मामले में पकड़े जाने से पहले ही आरोपियों ने दोनों बच्चों को अजमेर से ही राजगढ़ (मध्य प्रदेश) के लिए रवाना कर दिया था.   

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