हनीप्रीत और गुरमीत राम रहीम की अय्याशियों के किस्से तो आपने खूब देखे और खूब सुने, लेकिन हनीप्रीत की जिंदगी में एक और गुरमीत है. जी हां, एक गुरमीत वो जिसकी बेबी डॉल थी हनीप्रीत और एक गुरमीत वो, जिसकी मादाम थी हनीप्रीत. हम आपको बताने जा रहे हैं हनीप्रीत के इस नए गुरमीत के बारे में विस्तार से.
हनीप्रीत के साथ गुरमीत को सबने देखा है. यानी गुरमीत राम रहीम इंसा. लेकिन हम आपको बताते हैं कि हनीप्रीत की जिंदगी में एक और गुरमीत है. जी हां आपने सही पढ़ा एक और गुरमीत. एक गुरमीत की राजदार है हनीप्रीत तो दूसरा गुरमीत हनीप्रीत का राजदार है.
गुरमीत राम रहीम के साथ हनीप्रीत की अय्याशियों की गवाह बहुत सी तस्वीरें हैं. मुंह बोली बेटी के साथ गुरमीत राम रहीम के रिश्तों की कलंककथा अब सारी दुनिया के सामने है. कभी 24 में से 23 घंटे इस गुरमीत के साथ बिताने वाली हनीप्रीत लाख दुहाई दे. लाख सफाई दे. लेकिन एक बेटी.. वो भी मुंह बोली.. ऐसे किसी रिश्ते का यूं चोली-दामन जैसा साथ सारी दुनिया में कहीं नहीं मिलेगा.
दरअसल, बाप-बेटी के रिश्ते की आड़ में बहुत कुछ ऐसा होता था. जो यकीन दिलाने के लिए काफी है कि दाल में कुछ ना कुछ तो काला जरूर था. हालांकि हनीप्रीत के साथ रिश्तों पर गुरमीत राम रहीम तो खामोश ही रहता है और खुद हनीप्रीत सफाई देती रहती है.
हर पल गुरमीत राम रहीम के साथ बिताने वाली हनीप्रीत उसके हर गुनाह की सबसे बड़ी राज़दार है. लेकिन हनीप्रीत की जिंदगी में एक और गुरमीत भी है. जो उसके लिए बहुत खास है. जब गुरमीत राम रहीम 2 साध्वियों के रेप केस में 20 साल के लिए सलाखों के पीछे चला गया तो वही दूसरा गुरमीत हनीप्रीत का सहारा बना.
जिस तरह हनीप्रीत, गुरमीत राम रहीम की सबसे बड़ी राज़दार है. वैसे ही हनीप्रीत का राजदार है ये दूसरा गुरमीत. जब दो-दो राज्यों की पुलिस और देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई तक हनीप्रीत की तलाश में रात-दिन एक किए थी. जब हरियाणा से लेकर नेपाल तक हनीप्रीत की तलाश की जा रही थी. उस वक्त भी हनीप्रीत का बेहद करीबी वो गुरमीत उसके साथ था.
कौन है हनीप्रीत का ये नया गुरमीत
हर कोई जानना चाहता है कि आखिर वो दूसरा गुरमीत कौन है. क्या है इस गुरमीत के साथ हनीप्रीत का रिश्ता. कैसे हनीप्रीत के बेहद पोशीदा राज़ जानता है हनीप्रीत का ये नया गुरमीत. ऐसे हर सवाल से उठने वाला है, क्योंकि हनीप्रीत का ये नया गुरमीत भी अब पुलिस के शिकंजे में आ चुका है. हम आपको बताते हैं कि कौन है ये नया गुरमीत और क्यों इस नए गुरमीत के पास गई थी हनीप्रीत.
हनीप्रीत को थी गुरमीत की ज़रूरत
25 अगस्त को गुरमीत राम रहीम सलाखों के पीछे पहुंच गया. हनीप्रीत हेलीकॉप्टर में बैठकर जेल तक गुरमीत राम रहीम के साथ गई. लेकिन लाख शातिर चाल चलने के बाद भी बाबा की ये बेबी जेल में अपने गुरमीत के साथ नहीं रह सकती थी. जेल से बाहर रहकर हनीप्रीत को कुछ जरूरी काम भी करने थे. अपने और गुरमीत राम रहीम के गुनाहों के कई सबूत मिटाने भी थे और छिपाने भी थे. इन सब कामों के लिए भी उसे जरूरत थी गुरमीत की. वो गुरमीत नहीं, जो सलाखों में कैद हो चुका था बल्कि दूसरे गुरमीत की.
फरारी के 38 दिन हनीप्रीत कहां रही. क्या-क्या किया. इस बारे में उसने अब तक पूरी तरह अपनी जुबान नहीं खोली है. लेकिन 3 अक्टूबर को गिरफ्तारी से पहले जब वो आजतक के हाथ लगी, उसी वक्त हनीप्रीत ने इस नए गुरमीत के बारे में इशारा कर दिया था. 38 दिन तक पुलिस से बचने में हनीप्रीत की मदद कई लोगों ने की. उन्हीं में से एक था डेरा का समर्थक और हनीप्रीत का राज़दार गुरमीत सिंह.
पंजाब का रहने वाला है गुरमीत
गुरमीत सिंह पंजाब में मुक्तसर के ठंडेवाली गांव का रहने वाला है. गुरमीत, हनीप्रीत के साथ गिरफ्तार हुई सुखदीप दौर का रिश्तेदार है. फरारी के दौरान 12 दिन हनीप्रीत, इस गुरमीत सिंह की मदद से छिपी रही थी. गुरमीत सिंह 25 अगस्त की हिंसा में भी आरोपी है. हनीप्रीत का ये नया गुरमीत ही वो शख्स है, जिसने ना सिर्फ 12 दिन तक हनीप्रीत को छिपाए रखा बल्कि अपनी मदाम हनीप्रीत को कानूनी पैंतरेबाजी भी सिखाता रहा. गुरमीत ही वो शख्स है जो हनीप्रीत को चोरी छिपे दिल्ली लाया था और हनीप्रीत को उसके वकील के दफ्तर ले गया था.
ऐसे हुई गुरमीत की गिरफ्तारी
हनीप्रीत तो सलाखों के पीछे रहकर भी अपने पापा गुरमीत राम रहीम के पाप अपने सीने में दबाए बैठी है. लेकिन हनीप्रीत का नया गुरमीत अपनी मादाम के राज़ लंबे समय तक छिपा नहीं सका, क्योंकि वो खुद भी कानून के शिकंजे में आ गया. एसीपी मुकेश मल्होत्रा की टीम ने हनीप्रीत के नए गुरमीत को पंजाब में मुक्तसर के ठंडेवाली गांव से ही गिरफ्तार किया है. गुरमीत सिंह के पास से करोड़ों की प्रॉपर्टी और लेन-देन के दस्तावेज़ों वाले वो बैग भी बरामद हो गए हैं, जो हनीप्रीत ने उसे सौंपे थे.
हनीप्रीत ने गुरमीत राम-रहीम और अपने साथ जुड़े गुनाहों के सबूत रात के अंधेरे में सिरसा डेरा से उठाए थे और उन सबूतों को छिपाने के लिए अपने नए गुरमीत को दिए था. लेकिन हनीप्रीत का ये दूसरा गुरमीत भी आखिरकार कानून की गिरफ्त में आ ही गया. और इस तरह से पुलिस के सामने आ गए हनीप्रीत के गुनाहों के सबूत.