जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक से शुक्रवार को सीबीआई ने पांच घंटे पूछताछ की. सीबीआई अब उनके जवाबों का मूल्यांकन करेगी और बाद में आगे की कार्रवाई तय करेगी. सीबीआई की टीम ने यह पूछताछ उनके दिल्ली वाले आवास पर की. पूछताछ राज्यपाल रहते हुए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश के कथित रिलायंस जनरल इंश्योरेंस घोटाला मामले में की गई है.
सीबीआई ने 21 मार्च को उन्हें समन भेजा था. सत्यपाल मलिक ने खुद इंडिया टुडे/आज तक को बताया था कि सीबीआई ने मुझे पेश होने को कहा है. वे भ्रष्टाचार के इस मामले में कुछ चीजों पर मुझसे स्पष्टीकरण चाहते हैं. उन्होंने मुझसे मौखिक तौर पर 27 और 28 अप्रैल को मेरी सुविधानुसार पेश होने को कहा है. पिछले साल अक्टूबर में भी सीबीआई ने रिलायंस इंश्योरेंस केस में उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था.
यह है पूरा मामला
सत्यपाल मलिक को 2018 में बतौर राज्यपाल जम्मू-कश्मीर भेजा गया था. मलिक के कार्यकाल में ही केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटा दिया था. इसके बाद उन्हें बतौर राज्यपाल मेघालय भेज दिया गया था, लेकिन इस बीच उन्होंने दावा किया था कि उन्हें 23 अगस्त, 2018 से 30 अक्टूबर, 2019 के बीच जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी.
उन्होंने कहा था कि कश्मीर जाने के बाद उनके पास मंजूरी के लिए दो फाइलें आई थीं. इनमें से एक फाइल अंबानी की और दूसरी आरएसएस से जुड़े व्यक्ति की थी, जो पिछली महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार में मंत्री थे और प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) का बहुत करीब होने का दावा करते थे.
मलिक ने कहा था कि मुझे दोनों विभागों के सचिवों द्वारा सूचित किया गया था कि ये एक घोटाला है और मैंने उसके अनुरूप ही दोनों डील्स को रद्द कर दिया था. मलिक ने यह भी बताया था कि सचिवों ने उनसे कहा था कि आपको हर फाइल को पास करने के लिए 150 करोड़ रुपये मिलेंगे.