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जबरा फैन का कत्ल, 1 करोड़ की रिश्वत और पुलिसवाले का दिमाग... साउथ के सुपरस्टार दर्शन ने ऐसे रची खौफनाक साजिश

दक्षिण भारत में फिल्मों का अलग ही क्रेज है. लोग फिल्म स्टार्स को ना सिर्फ बेइंतहा चाहते हैं, बल्कि कई तो उनकी भगवान की तरह पूजा भी करते हैं. चित्रदुर्ग के एक मेडिकल स्टोर का सेल्समैन रेणुका स्वामी भी फिल्म स्टार दर्शन तुगुदीपा को कुछ ऐसे ही चाहता था.

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रेणुका स्वामी की चाहत फिल्म स्टार दर्शन के लिए दीवानगी की हद तक थी.
रेणुका स्वामी की चाहत फिल्म स्टार दर्शन के लिए दीवानगी की हद तक थी.

दक्षिण भारत में फिल्मों का अलग ही क्रेज है. लोग फिल्म स्टार्स को ना सिर्फ बेइंतहा चाहते हैं, बल्कि कई तो उनकी भगवान की तरह पूजा भी करते हैं. चित्रदुर्ग के एक मेडिकल स्टोर का सेल्समैन रेणुका स्वामी भी फिल्म स्टार दर्शन तुगुदीपा को कुछ ऐसे ही चाहता था. ऐसे में जब दर्शन के लोगों ने रेणुका से कहा कि दर्शन उससे मिलना चाहता है, तो उसको अपने कानों पर यकीन ही नहीं हुआ. उसे लगा कि ऊपर वाले उसकी मुंहमांगी मुराद पूरी कर दी. लेकिन उसे नहीं पता था कि वो जिसे भगवान समझ रहा है, असल में वही उसका डेविल यानी शैतान है.

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चित्रदुर्ग की अपोलो फार्मेसी में काम करने वाले रेणुका स्वामी की चाहत फिल्म स्टार दर्शन के लिए दीवानगी की हद तक थी. वो दर्शन की हर फिल्म फर्स्ट डे फर्स्ट शो देखा करता था. यही वजह है कि जब दर्शन की शादीशुदा जिंदगी में पवित्रा गौड़ा की एंट्री हुई, रेणुका पवित्रा से नाराज़ रहने लगा. हालांकि ना तो रेणुका जाति तौर पर दर्शन को जानता था और ना ही पवित्रा को. दोनों की जिंदगी में उसकी हैसियत एक ऐसे मामूली फैन से ज्यादा कुछ नहीं थी. एक ऐसा फैन जिसे दर्शन और पवित्रा जानते तक नहीं थे. इसके बावजूद रेणुका अक्सर खुंदक में रहता था. 

अक्सर पवित्रा गौड़ा को सोशल मीडिया पर गंदे मैसेज भेजा करता था. सोशल मीडिया पर पवित्रा को गंदे मैसेजेस भेजना, उसे दर्शन की जिंदगी से दूर चले जाने की बात कहना रेणुका के लिए एक आम बात थी. लेकिन उसे पता नहीं था कि उसकी इस आदत के चलते खुद उसी का हीरो अब उससे इतना खफा हो चुका है कि उसके नाम की सुपारी दे चुका है. ख़ैर 8 जून को जब चित्रदुर्ग में दर्शन के नाम से फैंस क्लब चलाने वाले राघवेंद्र ने रेणुका को फोन किया और दर्शन से मिलने का मौका देने की बात कही कि रेणुका स्वामी खुशी के मारे पागल हो गया.

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वो अपने फेवरेट फिल्म स्टार से मिलने के लिए उसके साथ उसी वक्त जाने को तैयार हो गया. दर्शन के गुर्गे पिछले कई दिनों से रेणुका को ट्रैक करने की कोशिश में थे और जैसे ही उन्होंने उसके सामने दर्शन से मीटिंग का चारा फेंका, वो खुद ब खुद गुर्गों के जाल में आ फंसा. राघवेंद्र के बुलाने पर वो खुद अपनी स्कूटी लेकर चित्रदुर्ग के चल्लाकेरे इलाके में पहुंचा और वहां पहुंच कर उसने उसको फोन किया. इसके बाद राघवेंद्र ने उससे मुलाकात की और अपने साथ दर्शन से मिलने बेंगलुरु चलने को राजी कर लिया. उसने एक कैब बुक किया.

अपने कुछ साथियों के साथ रेणुका स्वामी को लेकर बेंगलुरु के लिए रवाना हो गया. रास्ते में ही उसे बाकी के गुर्गे भी मिले, जो सीधे रेणुका को लेकर बेंगलुरु के पट्टानागरे इलाके के उस शेड में लेकर पहुंचे, जहां आखिरकार उसको घंटो टॉर्चर के बाद मौत के घाट उतार दिया गया. उसके कत्ल की तफ्तीश में अब इस साजिश को लेकर जो बातें सामने आ रही हैं, वो चौंकाने वाली हैं. बेंगलुरु पुलिस राघवेंद्र और दूसरे गुर्गों को लेकर गुरुवार को चित्रदुर्ग के उसी इलाके में पहुंची, जहां उसने रेणुका को दर्शन से मिलने की बात कह उसे धोखे से बुलाया और अगवा कर लिया था.

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बंगलुरु में शुरू हुआ रेणुका के साथ टॉर्चर का सिलसिला

पुलिस ने आस-पास के इलाकों के सीसीटीवी फुटेज भी कलेक्ट की, जिसमें राघवेंद्र और रेणुका दोनों नजर आ रहे हैं. एक तस्वीर में अपने अपहरण से पहले रेणुका राघवेंद्र की बताई हुई जगह यानी चल्लाकेरे गेट की तरफ जाता हुआ दिख रहा है. पुलिस को अभी और कुछ ऐसे किरदारों की तलाश है, जिन्होंने रेणुका को चित्रदुर्ग से अगवा करने में राघवेंद्र की मदद की थी. पुलिस सूत्रों की मानें तो बेंगलुरु लाए जाने के साथ ही रेणुका के साथ टॉर्चर का सिलसिला शुरू हो चुका था. हालांकि पहले तो उसे कुछ देर तक समझ ही नहीं आया कि ये सब उसके साथ क्या हो रहा है? 

जिसे भगवान की तरह पूजा, उसने की बेरहमी से पिटाई

क्योंकि उसे दर्शन पर खुद से ज्यादा यकीन था, लेकिन यहां दर्शन के ईशारे पर खुद उसी के गुर्गे उसकी जान लेने पर आमादा थे. बेंगलुरु के एक सुनसान ठिकाने पर अब उसके साथ मारपीट, लोहे के गर्म छड़ से दाग़े जाने और दूसरे तरीकों के बर्बरता की शुरुआत हो चुकी थी. चूंकि दर्शन लगातार रेणुका को लेकर अपने गुर्गों के टच में था, जब उसे उसको बेंगलुरु लाए जाने की खबर मिली, तो वो खुद भी उस ठिकाने तक पहुंचा, जहां उसको बंधक बना कर रखा गया था. यहां पहुंचने के बाद उसे पहले रेणुका को बेल्ट से बुरी तरह से पीटा, जो उसको किसी भगवान की तरह पूजता था.

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पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुए खुलासे ने केस का रुख मोड़ा

यहां खुद उसका भगवान ही उसे सज़ा देने पर और उसकी जान लेने पर आमादा था. जब रेणुका को बुरी तरह पीटने के बाद दर्शन का जी भर गया, तो फिर वो अपने गुर्गों को उसे ठिकाने लगा देने का हुक्म देते हुए वहां से वापस चला गया. इसके बाद भी देर तक उस पर जुल्मों सितम का सिलसिला चलता रहा और आखिरकार उसकी जान चली गई. रेणुका का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों ने उसके शरीर पर गर्म लोहे की रॉड से दागे जाने के निशान पाए हैं. डॉक्टरों ने बताया है कि उसकी नाक, जीभ काट डाली गई थी और जबड़ा भी तोड़ कर अलग कर दिया गया था. 

पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों का सनसनीखेज खुलासा

इसके साथ-साथ पूरे शरीर पर अनगिनत हड्डियां टूटी हुई थीं. ऐसा लगता था कि जैसे उसे दीवार से टकरा कर मारा गया है. उसके स्कल यानी खोपड़ी में फ्रैक्चर के निशान मिले. बल्कि सच्चाई तो ये है कि ये रेणुका की लाश का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों ने ही इस केस का खुलासा किया, वरना बेंगलुरु की पुलिस पहले तो इसे सुसाइड यानी खुदकुशी का मामला मान कर चल रही थी. वैसे कहानी इतनी भर नहीं है. पुणे में हुए पोर्श एक्सीडेंट केस की तरह ही इस मामले के सामने आने के बाद दर्शन और उसके गुर्गों की ओर से पूरे मामले को दबाने की कोशिशें शुरू कर दी गई.

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इसकी कहानियां अब छन-छन कर बाहर निकलने लगी हैं. इसके साथ ही कई सवाल भी खड़े होने शुरू हो गए हैं...

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सवाल नंबर- 1: डॉक्टर को की गई 1 करोड़ की रिश्वत की पेशकश?

सूत्रों की मानें तो रेणुका स्वामी की लाश का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों की टीम में से एक ने ये शिकायत की है कि उसे उसकी मौत को सामान्य मौत बताने के लिए एक करोड़ रुपए की रिश्वत देने की पेशकश की गई थी. इसके साथ ही कहा गया था कि वो रेणुका की मौत को कत्ल की जगह नैचुरल डेथ बता दें. अब इस डॉक्टर की इस शिकायत ने कर्नाटक में नया भूचाल ला दिया है. उधर, पुलिस ने इस मामले में डॉक्टर से ऑफिशियल कंप्लेंट देने की बात कही है, ताकि मौत का सौदा करने वाले गुनहगारों की पहचान की जा सके. 

सवाल नंबर- 2: इंस्पेक्टर ने दिया लाश ठिकाने लगाने का आईडिया?

पुलिस की जांच में अब एक तथ्य ये भी उभर कर सामने आया है कि रेणुका स्वामी की हत्या करने के बाद एक क़ातिल ने खुद ही अपने जानकार पुलिस के एक सब इंस्पेक्टर को फोन किया था और उससे रेणुका की लाश को ठिकाने लगाने को लेकर आईडिया मांगा था. ये उस पुलिस सब इंस्पेक्टर का ही आईडिया था, जिसके बाद क़ातिलों ने रेणुका की लाश कामाक्षीपाल्या के गंदे नाले में फेंक दी. क्योंकि उन्हें लगता था कि बारिश के बाद गंदे नाले में डाली गई रेणुका की लाश बह कर आगे निकल जाएगी और किसी को पता भी नहीं चलेगा. लेकिन बदकिस्मती से अगले ही दिन यानी 9 जून को उसकी लाश आवारा कुत्तों को नजर आ गई और वो उसे नोचने लगे, जिसके बाद मामले का खुलासा हुआ. 

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सवाल नंबर- 3: क्या मंत्री ने कत्ल के आरोपी दर्शन को बचाने की कोशिश?

पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर को रिश्वत देने की कोशिश, पुलिस वाले से ही लाश ठिकाने लगाने का आईडिया पूछना जैसी बातें भी मानों कम थी, जो अब पता चला है कि खुद कर्नाटक के एक राज्य मंत्री ने ही अपने फिल्म स्टार दोस्त दर्शन को इस मामले में बचाने की कोशिश की. कुछ सूत्रों ने दावा किया है कि जब पुलिस ने रेणुका के क़त्ल के मामले में मैसुरु के एक होटल से दर्शन को हिरासत में लिया, तो इस मंत्री ने ना सिर्फ बेंगलुरु के बड़े पुलिस अधिकारियों को ताबड़तोड़ कॉल्स किए, बल्कि गृह मंत्री और यहां तक की मुख्य मंत्री के दफ्तर में भी संपर्क साध कर उसकी मदद करने की बात कही. हद तो तब हो गई जब इस मामले को लेकर ये मंत्री खुद गृह मंत्री जी परमेश्वरा के घर से उनसे मिलने पहुंच गया. हालांकि इस सिलसिले में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए बाद में गृह मंत्री ने साफ किया कि उन पर इस मामले में किसी का कोई भी दबाव नहीं है. 

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सवाल नंबर- 4: क्या विपक्षी विधायक ने भी बनाया पुलिस पर दबाव?

दर्शन के स्टारडम और बड़े लोगों तक उसकी पहुंच का असर देखिए कि उसके गिरफ्तार होते ही इस मामले में सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष के नेता भी सक्रिय हो गए और उसको बचाने की कोशिश करने लगे. इन्हीं लोगों में एक बीजेपी के विधायक का नाम भी सामने आया है, जिसने उसकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस के बड़े अफसरों से बात कर मामले को रफा दफा करने के लिए दबाव बनाया, लेकिन लगातार मीडिया में आती खबरों के सामने किसी का कोई भी दबाव काम नहीं आया और दर्शन पर शिकंजा कसता चला गया.

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पुलिस ने इस मामले में चल रही इनवेस्टिगेशन की सारी डिटेल तो फिलहाल शेयर नहीं की है, लेकिन ये बताया है कि उसने दर्शन को आरोपी नंबर 1 नहीं बल्कि आरोपी नंबर 2 बनाया है, जबकि आरोपी नंबर 1 उसकी दूसरी बीवी पवित्रा गौड़ा है, जिसे लेकर ये सारा मामला शुरू हुआ था. अब पुलिस के पास ऐसा करने के क्या आधार हैं, ये तो फिलहाल साफ नहीं है, लेकिन ये समझा जाता है कि राजनीतिक दबाव और दर्शन के हिमायती लोगों की ओर से पुलिस के काम-काज में डाली जा रही बाधा के चलते पुलिस ने ये फैसला किया है. अब इसका असर केस पर क्या और कैसा होगा, ये एक देखने वाली बात है. 

इनपुट- बेंगलुरु से सगय राज के साथ सुप्रीतम बनर्जी
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