सागर हत्याकांड के आरोपी रेसलर सुशील कुमार ने पूछताछ में दावा किया है कि सागर की पिटाई के पीछे उसकी हत्या का इरादा बिल्कुल नहीं था. लेकिन सागर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सारी सच्चाई सामने आ गई है. सूत्रों का कहना है कि सागर के सिर से लेकर पैर तक अनगित और घातक चोटें थीं. जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई और इतनी खतरनाक, अंदरुनी और गहरी चोटों का मकसद तो सिर्फ और सिर्फ किसी को डराना कतई नहीं हो सकता.
ठीक इसी तरह सागर के साथी सोनू महाल की हालत भी सुशील और उनके साथियों की पिटाई से बेहद नाज़ुक है. वैसे सोनू की एक पहचान और भी है. सोनू सिर्फ सागर का साथी नहीं है बल्कि दिल्ली पुलिस के खातों में एक कुख्यात हिस्ट्रीशीटर है और उस पर सिर्फ कत्ल के लिए दर्जनों मामले दर्ज हैं. वो दिल्ली के ही एक कुख्यात गैंगस्टर काला जठेड़ी का भांजा है और काला के लिए शार्प शूटर का काम करता है.
बताते हैं कि सागर की मौत और सोनू की हालत बिगड़ने के बाद सुशील कुमार को भी अपनी गलती का अहसास हो गया था और उन्होंने सोनू के मामा और गैंगस्टर काला जठेड़ी से बात करने की कोशिश की थी. गैंगस्टर काला इन दिनों विदेश में है. और जब से उसे सुशील कुमार की इस करतूत का और ख़ास कर अपने भांजे सोनू महाल की पिटाई का पता चला है, वो सुशील से बुरी तरह नाराज़ है. सूत्रों की मानें तो अपनी गिरफ्तारी से पहले सुशील कुमार ने इस मामले पर अपनी बात रखने के लिए गैंगस्टर काला को फ़ोन भी किया था, लेकिन काला ने सुशील कुमार को बुरी तरह झिड़क दिया और साथ ही देख लेने की धमकी भी दे डाली.
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पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सुशील कुमार इन दिनों कुश्ती के बहाने गैंगस्टरों को पहलवानों के तौर पर अपने गुर्गों की सप्लाई करने में लगे थे. वो नीरज बवानिया और दूसरे गैंगस्टरों की मदद तो कर ही रहे थे. इससे पहले गैंगस्टर काला की मदद कर रहे थे. गैंगस्टर काला जठेड़ी इन दिनों दुबई में है. ये वही काला जठेड़ी है जो पिछले दिनों दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में शूटआउट के बाद अपने एक साथी कुलदीप फिज्जा को छुड़ाने के मामले में चर्चाओं में आया था. काला गैंग ने अस्पताल में शूटआउट कर सनसनी फैला दी थी. ये अलग बात है कि कुछ दिन बाद फिजजा को दिल्ली पुलिस ने एक एनकाउंटर में ढेर कर दिया था.
वैसे दिल्ली एनसीआर में पहलवानों और अपराधियों का गठजोड़ कोई नई बात नहीं है. अपने कैरियर में नाकाम बहुत से पहलवान या तो बाउंसर बन गए या फिर बड़े गैंगस्टर माफियाओं से जुड़ गए लेकिन सुशील के मामले में हद ये है कि वो इतनी कामयाबी के बावजूद खुद को गैंग और गैंगस्ट्रों से अलग नहीं रख सके. और नतीजा सागर धनखड़ मर्डर केस के तौर पर सामने आया. इन पहलवानों का इस्तेमाल कई राजनीतिक पार्टियों, बैंक में वसूली एजेंट और पब-क्लब बाउंसर के तौर पर किया जाने लगा.
अभी कुछ साल पहले की बात है कि हरियाणा में एक सरपंच की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. इस मामले में भी पहलवान नवीन दलाल का नाम सामने आया था. वहीं नवीन दलाल जिसने दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के बाहर उमर खालिद पर 2 फायर किए थे. पहलवान नवीन दलाल हरियाणा के मांडोठी गांव का रहने वाला है. इसी तरह हरियाणा के पहलवान राकेश मलिक पर भी कत्ल का इल्जाम है. आरोप ये भी है कि पहलवान राकेश मलिक ने कत्ल के मामले में जेल से बाहर निकलने के बाद एक और हत्या का प्रयास किया था. हैरानी की बात ये भी है कि रेसलिंग फेडरेशन के मुखिया ब्रजभूषण शरण सिंह पर भी कई संगीन इल्जाम हैं.