उत्तर प्रदेश के संभल के शाहवाजपुर सूरा नगला गांव में मंगलवार को वार्षिक नेजा मेला आयोजित होने वाला था, लेकिन इस साल अधिकारियों ने इसकी अनुमति नहीं दी. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) श्रीश चंद्र ने बताया कि मंगलवार को मेला स्थल पर कोई सभा या कार्यक्रम नहीं हो रहा है. यहां भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है.
एएसपी ने कहा, "यह मेला ऐतिहासिक रूप से एक लुटेरे, आक्रमणकारी और हत्यारे की याद में आयोजित किया जाता था. लोगों ने इस प्रथा की अनुपयुक्तता को समझ लिया है. इसे छोड़ दिया है. संभल के अधिकारियों ने आक्रमणकारी महमूद गजनवी के भतीजे सैयद सालार मसूद गाजी की याद में आयोजित होने वाले 'नेजा मेले' के लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया था.
उन्होंने कहा था कि देश को लूटने आए किसी व्यक्ति की स्मृति का महिमामंडन करना सही नहीं है. इलाके में स्थिति शांतिपूर्ण है. सुरक्षा बल पूरी तरह सतर्क हैं. उन्होंने कहा, "आज कोई भी दरगाह पर नहीं जा रहा है. लोगों को एहसास हो गया है कि उन्हें आक्रमणकारी की याद में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में भाग नहीं लेना चाहिए. क्षेत्र पूरी तरह से शांतिपूर्ण है.''
पुलिस ने सभी महत्वपूर्ण जगहों पर सुरक्षा बढ़ा दी है. कानून और व्यवस्था को बाधित करने के किसी भी प्रयास के खिलाफ चेतावनी दी गई. एएसपी ने कहा, "किसी को भी सुरक्षा व्यवस्था से समझौता करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. हम सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं. अफवाह फैलाने वाले किसी भी शख्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी."
तीन दिवसीय नेजा मेला 25 मार्च से शुरू होना था. संभल शहर के कोट गर्वी इलाके में शाही जामा मस्जिद में अदालत के आदेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान 24 नवंबर को भड़की हिंसा के बाद से सांप्रदायिक तनाव व्याप्त है. अदालत का आदेश एक याचिका के बाद आया जिसमें दावा किया गया था कि मस्जिद एक प्राचीन मंदिर के स्थल पर बनाई गई थी.
बताते चलें कि संभल हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए शाही जामा मस्जिद प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष जफर अली को जेल में जान का खतरा है. उनके परिजनों आरोप लगाया है कि जेल अधिकारी उन्हें उनसे मिलने नहीं दे रहे हैं. उनके बड़े भाई मोहम्मद ताहिर अली ने दावा किया कि परिजनों को जेल में उनसे मिलने की अनुमति नहीं दी गई है.
उन्होंने कहा, "उनके साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है जैसे कि वह एक खूंखार अपराधी हों. जेल के अंदर जफर की जान को खतरा है. वो 70 साल के हैं. उन्हें दवाइयां भी नहीं मिल पा रही हैं. पुलिस बदसलूकी कर रही है. प्रशासन ने सारी हदें पार कर दी हैं. उन्होंने प्रशासन का पूरा सहयोग किया, फिर भी सजा दी जा रही है."
मोहम्मद ताहिर अली ने कहा कि उनको अदालत पर पूरा भरोसा है और उम्मीद है कि न्याय मिलेगा. उन्होंने आरोप लगाया कि जफर अली को सोमवार को घटना की जांच कर रहे आयोग के सामने पेश होना था, लेकिन उन्हें साजिश के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. जफर अली ने पुलिस पर हिंसा के लिए आरोप लगाया था.