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20 IPS, 100 PPS अफसर, 11000 जवान और SPG की निगरानी... ऐसे अभेद्य बनी अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था

22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किए गए हैं. यूपी पुलिस, एसटीएफ, एटीएस, सीआरपीएफ के साथ एसपीजी को अयोध्या के सिक्योरिटी की जिम्मेदारी दी गई है. इतना ही नहीं एंटी ड्रोन सिस्टम से लेकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस कमांड कंट्रोल सिस्टम बनाए गए हैं.

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राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किए गए हैं.
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किए गए हैं.

अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मद्देनजर सुरक्षा के ऐसे इंतजाम किए जा रहे हैं कि परिंदा भी पर नहीं मार सकता है. इस बार केंद्र और राज्य से जुड़ी सुरक्षा एजेंसियां एक साथ मिलकर काम कर रही है. उत्तर प्रदेश पुलिस, एसटीएफ, एटीएस, पीएसी, आरएएफ के साथ केंद्रीय अर्ध सैनिक बलों के जवान तैनात किए गए हैं. इतना ही नहीं 16 जनवरी से अयोध्या को एसपीजी के हवाले कर दिया जाएगा. उसकी अगुवाई सभी टीमें एक साथ मिलकर काम करेंगे.

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जानकारी के मुताबिक, राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, आरएसएस चीफ मोहन भागवत के साथ बड़ी संख्या देश-विदेश की हस्तियां शामिल होने के लिए आ रही हैं. इसके साथ ही लाखों की संख्या में आम लोग भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले हैं. ऐसे में 16 से लेकर 23 जनवरी तक अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था किसी चुनौती से कम नहीं है. इससे निपटने के लिए एंटी ड्रोन सिस्टम से लेकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस कमांड कंट्रोल सिस्टम बनाए गए हैं. 

एसपीजी की निगरानी में होगी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा

यूपी पुलिस की तरफ से 3 डीआईजी, 17 आईपीएस और 100 पीपीएस स्तर के अधिकारी अयोध्या में तैनात किए गए हैं. इनके साथ 325 इंस्पेक्टर, 800 सब इंस्पेक्टर और एक हजार से अधिक कांस्टेबल मौजूद रहेंगे. पीएसी की चार कंपनियों को भी भेजा गया है, जो कि आम लोगों की सुरक्षा का कार्य करेंगी. राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य कार्यक्रम एसपीजी की निगरानी में ही होगा. उसके साथ सीआरपीएफ. एटीएस और एसटीएफ के अधिकारी लगातार संपर्क में रहेंगे. एसपीजी के निर्देशन में काम करेंगे.

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एंटी ड्रोन सिस्टम, एआई से लैस कमांड कंट्रोल सिस्टम

अयोध्या रेंज के आईजी प्रवीण कुमार के मुताबिक, करीब 11 हजार अतिरिक्त सुरक्षा बल अयोध्या में तैनात किए जाएंगे. सरयू नदी में निगरानी करने के लिए जल पुलिस को अतिरिक्त हाई स्पीड बोट मुहैया कराई गई है. सुरक्षा एजेंसियों की नजर जमीन से लेकर आसमान तक रहेगी. इसके लिए एंटी ड्रोन सिस्टम और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस कमांड कंट्रोल सिस्टम तैयार किए गए हैं. आने-जाने वालों की फिजिकल चेकिंग के अलावा, उच्च स्तरीय सुरक्षा तकनीक का भी इस्तेमाल होगा. लोगों की पहचान की जांच की जाएगी.

आम लोगों को भी आंख और कान बना रही पुलिस

अयोध्या में चप्पे-चप्पे पर नजर रखने के लिए यूपी पुलिस ने 10 हजार से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं. इन कैमरों के जरिए लोगों की हर गतिविधि पर नजर रखी जाएगी. इसके साथ ही आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का भी सहारा लिया जाएगा. स्थानीय लोगों को भी इस योजना में सहभागी बनाया जा रहा है. जिन लोगों के दुकानों और घरों के सामने सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, उनको पुलिस कंट्रोल रूम से जोड़ा जा रहा है. ये कैमरे यूपी पुलिस के 10000 से अधिक सीसीटीवी कैमरों के नेटवर्क के अलावा होंगे.

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फिजिकल इंटेलिजेंस का सहारा ले रही यूपी पुलिस

इसके साथ ही यूपी पुलिस फिजिकल इंटेलिजेंस का सहारा ले रही है. बड़ी संख्या में ऐसे लोगों से संपर्क कर उनको अपने साथ जोड़ा गया है जो ई रिक्शा, टैक्सी, होटल, धर्मशाला और गेस्ट हाउस कर्मचारी हैं. ऐसे लोगों को यह निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि या फिर संदिग्ध लोग दिखाई दें तो तुरंत पुलिस को सूचना दें. यही नहीं यदि बिना परिचय पत्र के कोई भी किसी होटल धर्मशाला या लॉज या फिर मंदिर में रुकता है, तो वहां के कर्मचारी सीधे पुलिस को सूचना देंगे. उनके नाम गुप्त रखे जाएंगे. 

सीआईएसएफ को सौंपी गई एयरपोर्ट की सुरक्षा

अयोध्या के महर्षि वाल्मिकी इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सुरक्षा सीआईएसएफ को सौंपी गई है.गृह मंत्रालय ने सीआईएसएफ के 250 जवानों और अधिकारियों को सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी है. अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले एयरपोर्ट पर सुरक्षा पुख्ता कर दी गई है. 22 जनवरी को यहां 100 से अधिक विमान उतरने की संभावना है. इसमें बड़ी संख्या में वीवीआईपी शामिल हैं. इस एयरपोर्ट को 20 महीने के रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया है. इस एयरपोर्ट 1450 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है.

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