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डेरा सच्चा सौदाः दफ्न होकर रह गए कंकाल के राज

गुरमीत राम रहीम के सिरसा डेरे में चार सौ से ज़्यादा लोगों की लाशें दफ़्न हैं, ये बात तो खुद राम रहीम के लोग ही कह रहे हैं. लेकिन इन चार सौ कंकालों में कौन अपनी मौत मरा है और किन्हें मार कर दफ़्नाया गया है, ये राज़ अब भी राज़ ही बना हुआ है.

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पुलिस को पूछताछ में पता चला कि डेरे में चार सौ से ज्यादा लाशें दफ्न हैं
पुलिस को पूछताछ में पता चला कि डेरे में चार सौ से ज्यादा लाशें दफ्न हैं

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गुरमीत राम रहीम के सिरसा डेरे में चार सौ से ज़्यादा लोगों की लाशें दफ़्न हैं, ये बात तो खुद राम रहीम के लोग ही कह रहे हैं. लेकिन इन चार सौ कंकालों में कौन अपनी मौत मरा है और किन्हें मार कर दफ़्नाया गया है, ये राज़ अब भी राज़ ही बना हुआ है.

वजह ये कि हर लाश के ऊपर बाबा ने पेड़ लगा रखे हैं. ऐसे में कई दिनों तक डेरे की खाक छान कर पुलिस थक चुकी है. पुलिस के सामने सबसे बड़ा सवाल यही है कि आख़िर वो कौन सी लाश खोद निकाले और कौन सी छोड़ दे? इन हालात में डर ये है कि डेरे के तमाम दूसरे रहस्यों की तरह वहां हुई रहस्यमयी मौतों का राज़ भी कहीं हमेशा हमेशा के लिए राज़ ही ना रह जाए.

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गुरमीत राम रहीम के डेरे को लेकर बातें तो बहुत हुई. हाई कोर्ट के आदेश पर हरियाणा पुलिस से लेकर तमाम महकमों ने डेरे का ज़र्रा-ज़र्रा छान मारा, लेकिन हक़ीक़त यही है कि पुलिस की ये तमाम कवायद खोदा पहाड़ और निकली चुहिया वाली बात साबित हुई.

पुलिस को डेरे से संदिग्ध मौत के सिलसिले में कोई कंकाल नहीं मिला. ना हज़ारों करोड़ की संपत्ति के हिस्से के तौर पर नकदी और ज्वेलरी मिली और ना ही डेरे से बरामद हार्ड डिस्क में कोई ऐसी बात सामने आई, जिससे डेरे में चल रहे गोरखधंधे का खुलासा हो.

ऐसे में अब इस बात की उम्मीद कम ही है कि कोर्ट कमिश्नर की ओर से आगामी 9 नवंबर को हाई कोर्ट में सौंपी जाने वाली जांच रिपोर्ट में डेरे को लेकर कोई नया और चौंकानेवाला खुलासा हो. डेरे की छानबीन में अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं. वहां पर कंकाल से लेकर ज्वेलरी तक कुछ भी नहीं मिला. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कभी 400 लाशों का सच सामने भी आएगा? साथ ही 64 अधजली हार्ड डिस्क का राज़ भी पोशीदा है.

राम रहीम तो रेप के आरोप में गुनहगार साबित होने के बाद जेल चला गया था. लेकिन उसके जेल जाते ही पंचकूला में साज़िशन भड़काई गई हिंसा को लेकर हाई कोर्ट की निगाहें राम रहीम के डेरे पर टेढ़ी हो गई थीं. इसी के साथ हाई कोर्ट ने पंचकूला में भड़की हिंसा में हुए नुकसान की भरपाई डेरे की संपत्ति ज़ब्त करने के आदेश दिए.

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उधर, डेरे के पुराने राज़दारों ने डेरे में चलते गोरखधंधों को लेकर तमाम तरह के खुलासे किए और इल्ज़ाम लगाए. इन इल्ज़ामों सबसे ऊपर तो डेरे में चलते मौत और क़त्ल के सिलसिले से जुड़े थे. इल्जाम लगा कि राम रहीम अपने खिलाफ़ मुंह खोलने वाले लोगों को डेरे में ही मार कर उन्हें या तो दफ्ना देता है या फिर उनकी लाश नहर में बहा देता है.

इस खुलासे ने हर किसी के कान खड़े कर दिए. लेकिन हद तो तब हो गई, जब पुलिस की गिरफ्त में आए डेरे के अधिकारी डॉ पीआर नैन ने ये कह कर पुलिस को और उलझा दिया कि डेरे में एक दो नहीं, बल्कि चार सौ लोगों की लाशें दफ्न हैं और हर लाश के ऊपर पेड़ लगा है.

असल में नैन ने कहा कि ये लाशें उन भक्तों की हैं, जिन्होंने डेरे को अपनी ज़िंदगी दे दी. राम रहीम ने पर्यावरण का ख्याल रखते हुए इन लाशों को जलाने की बजाय उन्हें दफ्ना कर उसके ऊपर पेड़ लगा दिया. अब ऐसे में पुलिस के साथ-साथ कोर्ट कमिश्नर के सामने मुसीबत ये हो गई कि आख़िर वो कौन सी लाशें खोदे और कौन सी छोड़ दें.

ये तो रही लाश और कंकाल की बात. डेरे की अकूत संपत्ति के बारे में भी जितनी बातें कही गईं, पुलिस उसका छोटा सा हिस्सा भी नहीं ढूंढ सकी. कहां तो डेरे में करोड़ों की नकदी और ज्वेलरी की बात कही जा रही थी और कहां पुलिस की छापेमारी में उसे सिर्फ़ 12 हज़ार रुपये मिले.

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वैसे ये दुनिया जानती है कि पुलिस ने डेरे पर कितनी देर में दबिश दी और राम रहीम के गिरफ्तार होने के साथ ही कैसे उसकी मुंह बोली बेटी हनीप्रीत डेरे के अंदर गई और कथित तौर पर वहां से सारी कीमती चीज़ें अपने साथ निकाल गई. इस बात का खुलासा पूछताछ के दौरान भी हो चुका है.

कुछ ऐसा ही उन 64 अधजली हार्ड डिस्क का मामला भी है, जिसमें पुलिस को शक था कि डेरे के कई राज़ छुपे हो सकते हैं. लेकिन हकीकत यही है कि पुलिस अब तक 64 में से सिर्फ़ एक ही हार्ड डिस्क का डाटा रिट्रीव कर सकी है. ऐसे में इस बात की उम्मीद कम है कि कोर्ट कमिश्नर की जांच में कोई नई और चौंकानेवाली बात सामने आएगी.

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