शराबबंदी वाले बिहार में सीतामढ़ी पुलिस को शराब की डिलीवरी करते हुए मुजफ्फरपुर पुलिस ने रंगे हाथों पकड़ा है. पुलिस के मुताबिक, तीन लोगों को निलंबित किया गया है. इनमें दो दारोगा रैंक के हैं और एक कांस्टेबल पद पर तैनात था. फिलहाल, इन लोगों पर वैधानिक प्रक्रिया के तहत विभागीय कार्रवाई की जा रही है.
मामला मुजफ्फरपुर के कांटा थाना क्षेत्र का है. जानकारी के मुताबिक, सीतामढ़ी पुलिस की टीम शराब की डिलीवरी कर रही थी. इस दौरान ही मुजफ्फरपुर पुलिस ने इन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया. मामला दो दिन पहले का है. हालांकि, दोनों जिले की पुलिस इस मामले को मीडिया से छुपाने की कोशिश में थी.
दो दारोगा और एक कांस्टेबल निलंबित- SP
'आजतक' की टीम ने सीतामढ़ी एसपी मनोज कुमार तिवारी से जब इस मामले में सवाल पूछा, तो उन्होंने मामले की पुष्टि कर दी. एसपी ने बताया कि त्वरित कार्रवाई करते हुए दो दारोगा और एक कांस्टेबल को निलंबित किया गया है. वैधानिक प्रक्रिया के तहत विभागीय कार्रवाई की जा रही है.
एसपी के मुताबिक, आरोपी दारोगा के नाम रामेश्वर उरांव और जितेंद्र सुमन हैं. वहीं, एक कांस्टेबल की मुख्य रूप से संलिप्तता पाई गई है. आरोपी दारोगा सीतामढ़ी नगर थाना और महिला थाने में तैनात थे.
धड़ल्ले से चल रही शराब की होम डिलीवरी- BJP
बता दें कि बिहार भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने 4 मई को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जनता दल यूनाइटेड पर अवैध रूप से बिहार में सक्रिय शराब माफिया से 10,000 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त करने का आरोप लगाया था.
सम्राट चौधरी ने आरोप लगाते हुए कहा, "बिहार में धड़ल्ले से चल रही शराब की होम डिलीवरी के जरिए शराब माफिया ने नीतीश कुमार और जनता दल यूनाइटेड को 10,000 करोड़ रुपये मुहैया कराए हैं. यह राज्य में 10,000 करोड़ रुपये का घोटाला है. सरकार शराब माफियाओं से मिलीभगत कर रही है."
वहीं, बीजेपी की ओर से लगाए आरोपों पर पलटवार करते हुए जेडीयू ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष के आरोपों से स्पष्ट है कि बीजेपी बिहार में शराबबंदी के पक्ष में नहीं है. जनता दल यूनाइटेड के नेता अभिषेक कुमार झा ने कहा, "सम्राट चौधरी द्वारा लगाए गए आरोप निराधार और काल्पनिक हैं."