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बिपिन रावत के हेलिकॉप्टर क्रैश से जुड़े 4 बड़े सवाल, जिनके जवाब खोल सकते हैं हादसे का राज

इस दर्दनाक हादसे के बाद हर किसी के ज़ेहन में यही सवाल है कि आखिर ये हादसा कैसे हुआ और इसकी वजह क्या रही? वायुसेना ने इस हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं. इस दौरान चार बड़े सवाल हैं, जिनके जवाब जांच अधिकारियों को तलाश करने हैं.

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इस दर्दनाक हादसे में जनरल बिपिन रावत समेत 13 लोगों की मौत हो गई
इस दर्दनाक हादसे में जनरल बिपिन रावत समेत 13 लोगों की मौत हो गई
स्टोरी हाइलाइट्स
  • हेलिकॉप्टर ने तमिलनाडु के सुलूर से भरी थी उड़ान
  • हादसे पहले हेलिकॉप्टर ने भरी थी 27 मिनट की उ़डान
  • वायुसेना ने दिए हैं हादसे की जांच के आदेश

तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार को हुए हेलिकॉप्टर हादसे में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 13 लोगों की मौत हो गई है. हादसे के वक्त सीडीएस जनरल रावत सेना के सबसे सुरक्षित माने जानेवाले चॉपर एमआई-17 वी5 में सवार थे. 

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इस दर्दनाक हादसे के बाद हर किसी के ज़ेहन में यही सवाल है कि आखिर ये हादसा कैसे हुआ और इसकी वजह क्या रही? वायुसेना ने इस हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं. इस दौरान चार बड़े सवाल हैं, जिनके जवाब जांच अधिकारियों को तलाश करने हैं. आइए एक नज़र डालते हैं उन चार सवालों पर- 

सवाल नंबर - 1 - क्या ख़राब मौसम की वजह से हुआ हादसा?

एमआई-17 वी5 हेलिकॉप्टर के क्रैश हो जाने के पीछे जानकारों को जो वजह सबसे बड़ी लग रही है, वो मौसम ही है. पहले भी ख़राब मौसम के चलते ऐसे कई हादसे हो चुके हैं. पूर्व एमआई-17 के पायलट अमिताभ रंजन ने आजतक को बताया है कि ऐसे हादसों में अक्सर मौसम ही सबसे बड़ी वजह होती है. ख़ास कर पहाड़ी और जंगलों वाले इलाक़ों में तो ऐसा ही होता है. जिस जगह ये हादसा हुआ वहां सुबह मौसम ख़राब था. 

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सवाल नंबर- 2 - क्या तकनीकी ख़राबी बनी हादसे की वजह?

हादसे की दूसरी वजह तकनीकी ख़राबी हो सकती है. हालांकि रूस में बने इस अत्याधुनिक हेलिकॉप्टर को बेहद सुरक्षित माना जाता है और यही वजह है कि इससे सीडीएस समेत तमाम वीवीआईपीज़ एक जगह से दूसरी जगह की दूरी तय करते हैं. यहां तक कि पीएम मोदी भी अक्सर इसी एमआई 17 वी5 हेलिकॉप्टर से केदारनाथ समेत दूसरे दुर्गम स्थानों की दूरी पूरी करते हैं. ये डबल इंजन वाला हेलिकॉप्टर है, यानी उड़ान के दौरान एक इंजन में खराबी आने पर दूसरे इंजन के सहारे ये हेलीकॉप्टर अपना बाकी का सफ़र पूरा कर सकता है. 

सवाल नंबर - 3 - क्या पावर लाइन से टकराया हेलिकॉप्टर?

जहां ये हेलिकॉप्टर हादसे का शिकार हुआ, वहां से इसकी मंज़िल यानी वेलिंग्टन आर्म्ड फ़ोर्सेज़ कॉलेज की दूरी महज़ दस किलोमीटर की बताई गई है. ऐसे में सवाल उठता है कि कहीं ये हेलिकॉप्टर किसी पावर लाइन से टकरा कर हादसे का शिकार तो नहीं हो गया? क्योंकि आम तौर पर हैलीपैड के नज़दीक आकर चॉपर अपनी ऊंचाई कम कर देते हैं, ताकि उनके लिए लैंड करना आसान हो जाए. इन हालात में ये भी जानना ज़रूरी है कि आख़िर हादसे के वक़्त ये हेलिकॉप्टर ठीक कितनी उंचाई पर उड़ रहा था और नीचे उड़ान भरने की वजह से ये किसी पावर लाइन से तो नहीं टकरा गया?

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सवाल नंबर - 4 - क्या पायलट की गलती से हुआ क्रेश?

कहीं हादसे की वजह कोई मानवीय भूल यानी पायलट की गलती तो नहीं रही. ज़ाहिर है, हादसे की जांच में इस सवाल का जवाब भी मिल जाएगा. लेकिन जानकारों की मानें तो इसकी गुंजाइश नहीं के बराबर है. वजह ये कि ये हेलिकॉप्टर जितना हाई प्रोफ़ाइल, एलीट और सुरक्षित माना जाता है, इसे चलानेवाले पायलट भी उतने ही एक्सपर्ट होते हैं. जिन्हें हर तरह के हालात में फ्लाई करने का तर्जुबा होता है. यकीनन सीडीएस का चॉपर उड़ानेवाले हेलीकॉप्टर के पायलट में ये सारी खूबियों का होना लाज़िमी है.

 

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