पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में स्थित बन्नू कैंटोनमेंट के बाहर हुए बम धमाकों के बाद आतंकियों की धर पकड़ तेज हो गई है. इसी कड़ी में पंजाब के काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट (CTD) ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के 10 आतंकियों को गिरफ्तार किया है. इनमें दो कुख्यात आतंकी भी शामिल हैं, जो एक बड़ी वारदात को अंजाम देने की साजिश रच रहे थे.
CTD के एक प्रवक्ता ने बताया, ''खुशाब और रावलपिंडी से TTP के दो खतरनाक आतंकवादियों को विस्फोटकों के साथ गिरफ्तार किया गया है. उनकी पहचान रियाज और राशिद के रूप में हुई है. काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट पंजाब ने प्रांत के विभिन्न जिलों में कुल 73 अभियान चलाए, जिसमें 10 आतंकवादियों को हथियारों और विस्फोटकों के साथ गिरफ्तार किया गया.''
गिरफ्तार किए गए आतंकवादियों के कब्जे से कुल 2.69 किलोग्राम विस्फोटक, 19 डेटोनेटर, 35 फीट सेफ्टी फ्यूज वायर, एक आईईडी बम और प्रतिबंधित साहित्य बरामद किया गया. इन आतंकवादियों ने लाहौर में स्थित कई महत्वपूर्ण इमारतों को निशाना बनाने की योजना बनाई थी. इन सभी के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं. उनसे पूछताछ के साथ आगे की जांच की जा रही है.
आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान द्वारा सुरक्षा बलों पर किए गए कई आतंकी हमलों के बाद काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट ने उसके खिलाफ अभियान तेज कर दिया है. सीटीडी ने 1 मार्च को कहा था कि पंजाब में TTP से जुड़े एक सिख सहित 20 आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया है. एक सप्ताह पहले भी पंजाब में एक बड़े आतंकवादी खतरे को नाकाम कर दिया गया था.
बताते चलें कि पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में सुरक्षा बलों और हमलावरों के बीच हुई झड़प में 9 लोग मारे गए और 35 घायल हो गए. जैश उल फुरसान ने हाल ही में TTP से हाथ मिलाया है. रिपोर्ट के अनुसार, आतंकियों ने दो कार बम (SVBIED) का इस्तेमाल किया, ताकि सुरक्षा बलों का ध्यान भटकाया जा सके. इसके तुरंत बाद टारगेटेट हमला किया गया.
आतंकियों ने बन्नू कैंट के सुरक्षा बैरियर पर हमला बोला. इस हमले के बाद पाकिस्तान ने आतंक पर लगाम लगाने के लिए बड़ा फैसला किया. पंजाब प्रांत की सरकार ने 80 से अधिक प्रतिबंधित संगठनों को दान देने पर रोक लगा दी. इसमें मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद का संगठन जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन भी शामिल है.
पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने लोगों से आग्रह किया कि रमजान और ईद के दौरान इन संगठनों को किसी भी तरह से सहायता या दान ना करें. सरकारी नोटिफिकेशन के अनुसार, प्रतिबंधित संगठनों को किसी भी प्रकार का सहायता देना आतंकवाद निरोधक अधिनियम, 1997 के तहत अपराध माना जाएगा. जो भी व्यक्ति या संस्था ऐसा करेगा, उसे कानून के तहत सजा दी जाएगी.