वो लड़की खूबसूरत होने के साथ साथ तेज दिमाग भी थी. वो अपनी जिंदगी में हर तरह का सुकून पाना चाहती थी. वो अमीरों जैसी ऐशोआराम की जिंदगी चाहती थी. इस काम के लिए उसने एक बेहतर करियर चुना. वो एयर होस्टेस बन गई और उसके सपने उड़ान भरने लगे. मगर किसी को क्या पता था कि आसमान में उड़ने वाली ये लड़की एक दिन लोगों को ही उड़ाने लगेगी.
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अमीर बनने की चाह
गुनाह के जाल में बुनी यह सच्ची दास्तान एक गरीब परिवार में पली बढ़ी लड़की ममता मसीह की है. जो जुर्म की दुनिया के रास्ते अमीर बनने के ख्वाब बुन रही थी. मूल रूप से मध्य प्रदेश के उज्जैन की रहने वाली ममता होनहार छात्रा थी. उसे अंग्रेजी का अच्छा ज्ञान था. वह शानदार अंग्रेजी बोलती थी. उसने पढ़ाई पूरी करने के बाद बड़े शहरों का रुख किया और काम की तलाश करने लगी. उसका एक ही मकसद था जल्द से जल्द अमीर बनना. वो हर वक्त अपने सपने को पूरा करने की फिराक में रहा करती थी.
कई जगह काम करने के बाद बनी एयर होस्टेस
नौकरी की तलाश करते करते उसे आखिरकार एक होटल में काम मिल गया. उसके बाद उसने कई होटलों में काम किया. फिर उसने एयरलाइंस इंड्रस्टी का रुख किया. जैसे जैसे उसे बेहतर काम मिल रहा था वैसे ही उसकी कमाई भी बढ़ती जा रही थी. वह एक निजी एयरलाइंस के ग्राउंड स्टॉफ में काम रही थी. लेकिन अपनी शानदार अंग्रेजी और खूबसूरती के सहारे जल्द ही वो एयर होस्टेस बन गई. यहीं से उसके ख्वाबों को पर लग गए थे. अब वह स्पाइस जेट के साथ काम कर रही थी.
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बढ़ रहा था लालच
स्पाइस जेट में कुछ महिनों तक एयर होस्टेस के तौर पर काम करने के बाद ममता को महसूस हुआ कि इस काम से उसे उतना पैसा नहीं मिल रहा था जो उसके सपने को जल्द पूरा कर सके. सालभर बाद ही उसने स्पाइस जेट की नौकरी छोड़कर गुड़गांव के एक बड़े स्पा में काम करना शुरू कर दिया. लेकिन उसके अंदर पैसे की भूख खत्म नहीं हो रही थी. वो कोई ऐसा रास्ता तलाश कर रही थी जिससे उसका अमीर बनने का ख्वाब पूरा हो सके.
जुर्म की दुनिया में दस्तक
ममता अपने सपने को पूरा करने के बारे में सोच ही रही थी कि उसकी मुलाकात पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक कुख्यात गैंग के सदस्य विनय से हो गई. उसे अमीर बनने का शॉर्टकट सामने नजर आ रहा था. लिहाजा उसने उस गैंग के साथ काम करना शुरू कर दिया. अब वो पूरी तरह से जरायम की दुनिया में कदम रख चुकी थी. इस गैंग ने एक नया काम शुरू किया था मिस्डकॉल के सहारे अमीर लोगों को फंसाने का. मासूम सी दिखवे वाली ममता इसी काम को अंजाम देने लगी थी. वो अमीरजादों को मिस्डकॉल देकर अपने जाल में फंसाती थी. फिर उन्हे ब्लैकमेल करके या उनका अपहरण कर उसका गैंग मोटी रकम वसूल करता था.
बड़े व्यापारी को बनाया शिकार
जुर्म की काली दुनिया में आने के बाद ममता छोटे मोटे व्यापारियों और अमीर लोगों को फंसाकर अपना उल्लू सीधा करती रही. लेकिन जल्द ही उसे मेरठ के एक बड़े व्यापारी और एक बड़े अस्पताल के मालिक मनोज गुप्ता को अपने जाल में फंसाने का मौका मिला. एक मिस्डकॉल करके ममता ने मनोज को अपने जाल में फंसा लिया. मेरठ के बुढ़ाना गेट के पास रहने वाले मनोज गुप्ता शहर के सबसे अमीर लोगों में शुमार होते हैं. वह सोने और हीरों का कारोबार करते हैं. मोदी नगर में उनका एक बड़ा अस्पताल भी है. मनोज को इस बात ज़रा भी अंदाजा नहीं था कि फोन पर उनसे मीठी मीठी बातें करने वाली खूबसूरत हसीना दरअसल एक खूबसूरत बला थी. दोनो के बीच कई दिन तक फोन पर बातें होती रही. उसके बाद मुलाकातों को दौर शुरू हो चुका था.
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अपहरण की वारदात को दिया अंजाम
मिस्डकॉल से शुरू हुई बातचीत अब दोस्ती में बदल चुकी थी. मनोज गुप्ता और ममता के बीच इससे आगे की कहानी शुरू हो गई थी. मनोज अब ममता को हर तरह से हासिल करने का ख्वाब देख रहा था. उसके अंदर हवस की आग जलने लगी थी. इसी दौरान मनोज ने ममता को साथ में घूमने चलने का ऑफर दिया. ममता ने फोरन इसके लिए मनोज को हां कर दी. दरअसल ममता भी किसी ऐसे ही मौके की तलाश में थी. 18 फरवरी 2016 को मनोज और ममता एक इनोवा कार से देहरादून के लिए रवाना हुए. मनोज ममता को देहरादून के डूंगा गांव में स्थित अपने फार्म हॉउस पर ले गया. जहां वो दोनों अकेले थे. ममता के गैंग के साथी दूसरी कार से उनका पीछा करते हुए वहां पहुंच गए थे. मनोज ने अपने चौकीदार को भी वहां से जाने के लिए कह दिया था. अब मनोज और ममता वहां अकेले थे. इसी दौरान मनोज ने ड्रिंक करना शुरू कर दिया. ममता उसे बहलाती रही और मौका देखकर उसने मनोज को नशे का इंजेक्शन लगा दिया. ममता के साथी भी वहां आ गए और वे देर रात ही मनोज को अगवा कर अपने साथ ले गए.
करोड़ो में वसूली फिरौती
मनोज गुप्ता अब गैंग के कब्जे में था. ममता और उसके साथी उसकी इनोवा कार भी अपने साथ ले गए थे. होश आने पर मनोज को पूरा मामला समझ में आया. विरोध करने पर उसकी पिटाई भी की गई. मनोज के फार्म हॉउस का चौकीदार जब सुबह वहां पहुंचा तो मनोज को वहां न पाकर उसने उसके घर फोन कर सारी बात बता दी. 19 फरवरी को ममता ने मनोज के फोन से ही उसकी पत्नी को फोन किया और मनोज की बात कराई. गैंग ने मनोज की पत्नी से एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगी. इधर सूचना मिलते ही देहरादून पुलिस भी हरकत में आ चुकी थी. पुलिस ने मेरठ और मुजफ्फरनगर पुलिस से भी इस संबंध में संपर्क किया था. मामला हाई प्रोफाइल था तो पुलिस कोई रिस्क लेना नहीं चाहती थी. मनोज के फोन की लोकेशन मुजफ्फरनगर आ रही थी. पुलिस अपना जाल बुन रही थी. लेकिन ममता ने मनोज के घरवालों से फिरौती के लिए फिर बात की. 20 लाख नकद और तीन किलो सोने पर बात बन गई. ममता ने मनोज के परिजनों को जगह बता दी. पुलिस उन्हें पकडने की फिराक में थी लेकिन ऐसा नहीं हो सका. ममता के गैंग को सोना और पैसा पहुंच चुका था और पुलिस की इसकी भनक तक नहीं लगी.
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दिल्ली से पकड़ी गई ममता
फिरौती का पैसा वसूलकर गैंग के लोग मुजफ्फरनगर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर गजरौला के पास मनोज गुप्ता को सड़क के किनारे छोड़कर फरार हो गए. इस संबंध में देहरादून के प्रेमनगर थाने में मुकदमा दर्ज हो चुका था. उत्तराखंड और यूपी पुलिस ममता और उसके साथियों की तलाश में जुटी थी. सबसे पहले पुलिस ने उन दो लोगों को गिरफ्तार किया जिन्होंने इस वारदात में इस्तेमाल किए गए सिमकार्ड ममता को उपलब्ध कराए थे. उसके बाद कड़िया जुड़ने लगीं. और आखिरकार ममता को वारदात के कुछ दिन बाद ही दिल्ली के महिपालपुर से गिरफ्तार कर लिया गया. पकड़े जाने के बाद ममता ने खुलासा किया कि उसका गैंग ऐसे ही लड़कियों का माध्यम से लोगों को फंसाने का काम करता था. उसने खुलासा करते हुए बताया कि मनोज की अपहरण की साजिश मेरठ के एक फ्लैट में रची गई थी. वहीं ममता को मनोज का नंबर दिया गया था. अपहरण की इस साजिश में मुजफ्फरनगर की एक ब्लॉक प्रमुख के पति विनय समेत कई लोग शामिल थे. ममता अब जेल की सलाखों के पीछे पहुंच चुकी है. लेकिन उसे अपने साथियों से ही जान का खतरा बना हुआ है. अमीर बनने की चाहत ने एक काबिल और होनहार लड़की को जुर्म की काली दुनिया में धकेल दिया. जहां सिर्फ बदनामी और सजा के अवाला कुछ हासिल नहीं होता.