धर्मांतरण मामले यूपी एटीएस ने दिल्ली और हरियाणा के तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. रिमांड पर चल रहे उमर गौतम और जहांगीर कासमी से पूछताछ के बाद गिरफ्तार किए गए तीनों शख्स के नाम सामने आए थे. गिरफ्तार किए गए लोगों में राहुल भोला, इरफान शेख और मन्नू यादव उर्फ अब्दुल शामिल हैं.
इरफान ख्वाजा खान एक इंटरप्रेटर है जो दिल्ली में मिनिस्ट्री ऑफ चाइल्ड वेलफेयर में इंटरप्रेटर का काम करता है जिसकी वजह से उसका मूक बधिर लोगों में अच्छी पकड़ है. राहुल भोला मूक बधिर है जो इरफान खान के साथ मिलकर मूक बधिर को धर्मांतरण की तरफ प्रेरित करता था.
इससे पहले 7 दिन के रिमांड पर लिए गए इस्लामिक दावा सेंटर से ताल्लुक रखने वाले मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती जहांगीर कासमी द्वारा बीते डेढ़ साल में करवाए गए धर्मांतरण के 81 पन्ने का विवरण सामने आया था.
मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी के दस्तखत से 7 जनवरी 2020 से 12 मई 2021 के बीच 33 लोगों का धर्मांतरण करवाया गया. जिनमें 18 महिलाएं और 15 पुरुष शामिल हैं. वहीं राज्यों की बात करें तो सर्वाधिक धर्मांतरण दिल्ली से 14, उत्तर प्रदेश से 9, बिहार से 3, एमपी से 2 और गुजरात, महाराष्ट्र, असम, झारखंड और केरल से 1-1 व्यक्ति ने इस दौरान धर्मांतरण कर इस्लाम स्वीकार किया.
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बता दें कि उत्तर प्रदेश में जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए कानून को बने 7 महीने हो चुके हैं. कानून बनने के 7 महीने बाद भी अब तक उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण के 50 मामले आ चुके हैं, जिसमें सबसे ज्यादा मामले मेरठ जोन में दर्ज हुए हैं. इस लिहाज से हर महीने प्रदेश भर में 7 शिकायतें धर्मांतरण की मिल रही हैं.
बीते सप्ताह यूपी एटीएस के द्वारा मूक बधिर बच्चों और महिलाओं का धर्मांतरण कराने वालों की गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर उत्तर प्रदेश में गैर-कानूनी ढंग से धर्मांतरण को रोकने के लिए बनाए गए कानून की चर्चा शुरू हो गई है.