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जेल में रहकर भी 200 करोड़ से ज्यादा की ठगी करने वाले महाठग सुकेश चंद्रशेखर (Sukesh Chandrasekhar) ने एक नहीं बल्कि कई लोगों को अपना शिकार बनाया. अब उसकी शिकार बनी एक महिला का पता चला है. जिसके साथ उसने 4 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की थी. इस नए मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सुकेश को 14 दिन रिमांड पर लेने की मांग की थी. कोर्ट ने उसे 9 दिन के लिए ईडी की रिमांड पर भेज दिया है.
जुलाई 2021 की घटना
प्रवर्तन निदेशालय की रिमांड कॉपी के मुताबिक, सुकेश चंद्रशेखर पर दिल्ली के रजोकरी की रहने वाली जपना नाम की महिला से 4 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है. दरअसल, जपना का पति मालविंदर सिंह जेल में बंद था. उसी के संबंध में जुलाई 2021 में ठग सुकेश चंद्रशेखर ने जपना को लैंडलाइन नंबर से कॉल की थी. उसने खुद की पहचान विनोद राज गोपालन के रूप ने बताई थी.
लॉ सेक्रेटरी के नाम से किया था कॉल
सुकेश ने विनोद राज गोपालन बनकर उस महिला से कहा कि लॉ सेक्रेटरी आप से बात करना चाहते हैं. इसके बाद फिर से महिला के पास लैंडलाइन नंबर से एक कॉल आई. कॉलर ने खुद को लॉ सेक्रेटरी बताते हुए महिला से बात शुरू की. उसने पीड़ित महिला को तिहाड़ जेल में बंद उसके पति की सुरक्षा का हवाला दिया और उनसे सहयोग करने की बात कही.
शो हो रहा था होम मिनिस्ट्री का नंबर
फोन पर उस शख्स ने यह भी बताया कि उसकी होम मिनिस्ट्री में बात हो गई है और होम मिनिस्ट्री के अधिकारी मालविंदर की मदद करना चाहते हैं और बताया गया कि कृष्ण कुमार अब आपसे मिलकर आगे की बात करेंगे. महिला ने जब उस लैंडलाइन नंबर को ट्रूकॉलर (Truecaller) पर चेक किया तो वो होम मिनिस्ट्री का नम्बर शो हुआ.
ऐसे की गई 4 करोड़ की ठगी
इसके बाद जपना सिंह को विदेशी नंबर से एक फोन कॉल आई. कॉल करने वाले खुद को कृष्ण कुमार बताया. उसने खुद को सरकारी तंत्र का बेहद करीबी बताकर महिला से 25 जुलाई 2021 तक बात की. इसी के बाद फोन करने वाले ने यानी सुकेश चंद्रशेखर ने उस महिला से करीब 4 करोड़ रुपये अलग-अलग तारीखों पर वसूले और इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया.
PMLA के तहत गिरफ्तारी
ठगी का वो पैसा पीएम केअर फंड के नाम से फर्जी एकाउंट में ट्रांसफर करवाया गया. जिसकी बाकायदा रिसीप्ट भी शिकायतकर्ता महिला को भेजी गई. इसके अलावा हांगकांग की एक फर्जी कंपनी के एकाउंट में भी पैसा ट्रांसफर करवाया गया था. अब इसी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सुकेश चंद्रशेखर को पीएमएलए (PMLA) के तहत गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया है.
ऐसे ही अंजाम दी थी 200 करोड़ की ठगी
इस पूरे मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग का एक अलग से नया मामला दर्ज किया है. उसी के तहत सुकेश चंद्रशेखर को गिरफ्तार किया गया है. आपको याद दिला दें कि इससे पहले सुकेश चंद्रशेखर को मालविंदर सिंह के भाई शिवेंद्र सिंह की पत्नी अदिति सिंह की शिकायत के आधार पर गिरफ्तार किया गया था. सुकेश ने ठीक ऐसे ही अदिति सिंह से भी इसी तरह 200 करोड़ रुपये की रंगदारी वसूल की थी.
9 दिनों के लिए ईडी की रिमांड पर सुकेश
इस केस में ईडी ने जपना सिंह से 4 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और जबरन वसूली करने के मामले में विशेष अदालत से सुकेश की 14 दिन की रिमांड मांगी थी. लेकिन अदालत ने सुकेश को 9 दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया है.
आपस में भाई हैं मलविंदर सिंह और शिविंदर सिंह
यहां ये बताना भी ज़रूरी है कि मलविंदर सिंह और शिविंदर सिंह मशहूर दवा कंपनी रैनबैक्सी के मालिक थे. अदिति सिंह इनमें से एक शिविंदर सिंह की पत्नी हैं. जिन्हें सुकेश चंद्रशेखर ने 15 जून 2020 को पहली बार फोन किया था. इसके लिए उसने एक एप का इस्तेमाल किया था. और अब जिस महिला ने सुकेश के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत की है, वो शिविंदर सिंह के भाई मलविंदर सिंह की पत्नी है. यानी सुकेश चंद्रशेखर ने जेल में बंद दोनों सिंह बंधुओं की पत्नियों को झांसे में लेकर उनके साथ धोखाधड़ी और ठगी की.
सप्लीमेंट्री चार्जशीट में चौंकाने वाले खुलासे
इससे पहले 25 जनवरी को सुकेश चंद्रशेखर के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने महाठग के खिलाफ 134 पन्नों की सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की थी. जिसमें खुलासा किया गया था कि सुकेश चंद्रशेखर ने अपना मनी लॉड्रिंग का खेल एक ओटीटी सीरीज देखने के बाद शुरू किया था. पटियाला हाउस कोर्ट में दाखिल की गई चार्जशीट में सुकेश की ठगी की पूरी मॉडस ऑपरेंडी के साथ-साथ उसकी जिंदगी का वो कच्चा-चिट्ठा कैद था, जिस पर पूरी की पूरी फिल्म बन सकती है.
सुकेश ने पत्नी के साथ मिलकर देखी थी वेब सीरीज
दिल्ली पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) की मानें तो सुकेश और उसकी पत्नी लीना मारिया पॉल ने नेटफ्लिक्स पर ओजॉर्क नाम की एक वेब सीरीज देखी थी. जिसे देखने के बाद उन्होंने अलग-अलग किस्म के काम धंधों के जरिए ठगी से जुटाई गई काली कमाई को सफेद करने का काम शुरू किया था. दोनों ने इसके लिए एक-एक कर कई बिजनेस की शुरुआत की. ऊपरी तौर पर तो इन धंधों का मकसद किसी भी दूसरे कारोबार की तरह सीधे-साधे तरीके से पैसे बनाने का था, लेकिन असल में महाठगी की आरोपी जोड़ी इन अलग-अलग कारोबार के जरिए ब्लैक मनी को व्हाइट करने में जुटी थी.
पहले शुरू किया था एक सैलून
इस जोड़ी ने सबसे पहले लीना मारिया पॉल के नाम पर एक सैलून की शुरुआत की थी. जिसका नाम था नेल आर्टिस्ट्री. इसके बाद एक-एक कर उन्होंने सुपर कार आर्टिस्ट्री, एलएस फिशरीज और न्यूज एक्सप्रेस पोस्ट जैसे कई संस्थान खोले और काले धन को सफेद करने में लगे रहे. इन संस्थानों में वो काला धन लगाते और उन्हें ग्राहकों से होनेवाली कमाई के तौर पर दिखाते और इस तरह वो उस पैसे को व्हाइट मनी में कनवर्ट करते थे. जांच में पुलिस को पता चला कि अकेले नेल आर्टिस्ट्री सैलून में ही मनी लॉड्रिंग के लिए दोनों ने अनगिनत बार कार्ड स्वाइप करके उसकी पेमेंट दिखाई थी. जबकि इतने कम वक्त पर इतना बिजनेस जुटा पाना किसी भी दूसरे कारोबारी के लिए तकरीबन नामुमकिन सी बात होती.
ऐसे जमा होती थी रकम
दोनों ने अपने नाम के शुरुआती अक्षरों से ही अपने ज्यादातर बिजनेस की शुरुआत की. इनमें एल का मतलब लीना था. यानी लीना मारिया पॉल, जबकि एस का मतलब था सुकेश. यानी सुकेश चंद्रशेखर. जून 2020 से अगस्त 2021 के दौरान नेल आर्टिस्ट्री, सुपर कार आर्टिस्ट्री, एलएस फिशरीज, एलएस एडुकेशन, न्यूज एक्सप्रेस पोस्ट जैसे अलग-अलग फर्म में करोडों की रकम आई और वो लीना मारिया पॉल के बैंक खातों में जमा करवा दी गई. असल में ये सबकुछ इनकम टैक्स, और फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट जैसे कानूनों को धोखा देने के लिए था. ताकि लोगों से ठगी गई रकम को वो बड़े आराम से अपने काम ले सकें.
सुकेश पर लगा था मकोका
दिल्ली पुलिस ने सुकेश के खिलाफ मकोका यानी महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट 1999 के तहत केस दायर किया था. मकोका के तहत ही दायर दिल्ली पुलिस की इस चार्जशीट में सुकेश और लीना के अलावा अरुण मुत्थू, बी मोहनराज समेत और भी कई लोगों के नाम हैं. पुलिस की मानें तो सुकेश ये साथी असल में उसके साथ मनी लॉड्रिंग के काम में जुटे थे. सुकेश और उसकी इस चौकड़ी ने 2020 और 2021 के दौरान करीब 20 करोड़ रुपये लीना के पांच बैंक अकाउंट में जमा करवाए थे. लेकिन ये तो रही सुकेश की ठगी की मॉडस ऑपरेंडी की एक झलक, जिसका जिक्र दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में किया है.