दिवाली मनाने अपने घर जा रहे युवक को जीआरपी सिपाहियों ने चलती ट्रेन से बाहर फेंक दिया. इसके कारण युवक की दर्दनाक मौत हो गई. घटना के वक्त मृतक के दो साथी भी बोगी में मौजूद थे. आरोपी सिपाहियों ने मृतक से 200 रुपए भी लिए थे. शिकायत के बाद दोनों आरोपी सिपाहियों के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर जेल भेज दिया गया है. साथ ही दोनों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है. ट्रेन से युवक को धक्का देने की घटना 19 अक्टूबर की है.
जानकारी के मुताबिक, मुंबई में रहकर काम करन वाला युवक अरुण दिवाली का त्योहार परिवार के मनाने के लिए झारखंड लौट रहा था. 19 तारीख वो अपने दो दोस्त अर्जुन भुइया और हरि के साथ मुम्बई हावड़ा मेल में सवार हुआ. अरुण के दोस्त अर्जुन के मुताबिक जब हम तीनों स्टेशन पहुंचे तो ट्रेन चलने लगी. ट्रेन छूटने के डर से हम लोग बिना टिकट के ही चढ़ गए. फिर जब थोड़ी देर बाद टीटी आया तो उससे टिकट बनवा लिया था.
अर्जुन ने आगे बताया, ''ट्रेन जब 20 अक्टूबर को छिवकी स्टेशन पहुंची. फिर जब ट्रेन चलने लगी तो थोड़ी देर बाद जीआरपी के दो सिपाही कृष्ण कुमार और आलोक हमारी बोगी में आए और हमसे टिकट दिखाने की बोलने लगे. हमने उन्हें टिकट दिखाया और टीटी द्वारा टिकट दिए जाने की बात भी बताई. वे मानने को तैयार ही नहीं थे टिकट टीटी ने दिया है. बाद में दोनों हमसे धक्का-मुक्की करने लगे.
चलती ट्रेन से फेंक दिया अरुण को
दोनों सिपाही पैसों की मांग करते हुए मारपीट करने लगे. तभी अरुण ने 200 रुपए सिपाहियों को दे दिए. लेकिन उनकी धक्का-मुक्की नहीं रुकी. इसी दौरान सिपाहियों ने अरुण को चलती गाड़ी से नीचे फेंक दिया. घटना के वक्त ट्रेन ऊंचडीह रेलवे स्टेशन पार कर रही थी.
हो चुकी थी अरुण की मौत
अर्जुन ने आगे बताया कि सिपाहियों द्वारा अरुण को गाड़ी से नीचे फेंके जाके बाद चेन पुलिंग की गई. लेकिन जब तक ट्रेन रुकती तब तक बहुत आगे निकल चुकी थी. फिर विंध्याचल स्टेशन पर गाड़ी रुकने पर हमने घटना की जानकारी जीआरपी पुलिस को दी. देर रात पुलिस जब घटना स्थल पर पहुंची तो पटरियों पर अरुण की खून से लथपथ लाश पड़ी हुई थी. उसके सिर से खून निकल रहा था. शरीर के दूसरे अंगों पर भी गंभीर चोट थीं.
आरोपियों को भेजा गया जेल
पुलिस ने दोस्तों के द्वारा लिखित शिकायत के आधार पर पुलिस ने दोनों आरोपी सिपाही कृष्ण कुमार और आलोक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की थी. दोनों को वाराणसी कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट के आदेश पर दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है. वहीं, जीआरपी एसपी सिद्दार्थ मीना ने दोनों सिपाहियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया. मृतक अरुण के शव का पोस्ट मार्टम कराया गया है.