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उमेश हत्याकांड में 66 दिन बाद भी आरोपी बमबाज गुड्डू मुस्लिम यूपी पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है. वह लगातार अपनी लोकेशन बदलकर पुलिस को चकमा दे रहा है. जब तक पुलिस उसके ठिकाने पर पहुंचती है, वह उस राज्य को छोड़कर दूसरे में पहुंच जाता है. सूत्रों के मुताबिक, गुड्डू अब तक 8 राज्यों में शरण ले चुका है. वह अपना नाम और भेष बदलकर पुलिस को चकमा दे रहा है. इतना ही नहीं वह पुलिस से बचने के लिए दूसरे राज्यों में माफियाओं से अपने संपर्क का इस्तेमाल कर रहा है.
दरअसल, 24 फरवरी को प्रयागराज में उमेश पाल की हत्या हुई थी. इस हत्याकांड का सीसीटीवी फुटेज सामने आया था. इसमें देखा गया था कि गुड्डू मुस्लिम ने उमेश और उसके गनर्स पर बम से हमला किया था. इसके बाद वह फरार हो गया. उमेश पाल हत्याकांड में 7 में से 4 शूटर मारे जा चुके हैं. लेकिन गुड्डू मुस्लिम, साबिर और अरमान अभी भी पुलिस के लिए चुनौती बने हुए हैं.
सूत्रों का दावा है कि गुड्डू मुस्लिम की आखिरी लोकेशन ओडिशा में मिली थी. तब वह ओडिशा-छत्तीसगढ़ के बॉर्डर पर सोहेला में था. इसके बाद उसका कोई सुराग पुलिस को नहीं लगा. गुड्डू फरारी के दौरान 8 राज्यों में गया है.
- 24 फरवरी को प्रयागराज में उमेश हत्याकांड को अंजाम देने के बाद वह फरार हो गया. इसके कुछ दिन बाद वह मेरठ पहुंचा. यहां से दिल्ली, उदयपुर और जयपुर (राजस्थान), भागलपुर (बिहार), रायगंज (पश्चिम बंगाल) पहुंचा. इसके बाद वह छत्तीसगढ़ और लास्ट लोकेशन ओडिशा में थी.
साउथ इंडिया में भी छिपे होने की आशंका
गुड्डू मुस्लिम के साउथ इंडिया में भी छिपे होने की आशंका है. इसी दौरान पता चला है कि उमेश पाल की हत्या के लिए हथियार जुटाने वाला कोई और नहीं बल्कि गुड्डू मुस्लिम ही था. उसी ने हथियार तस्करों के जरिए उमेश पाल की हत्या के लिए बंदूकों का इंतजाम किया था.इस बात का खुलासा दिल्ली से गिरफ्तार किए गए खालिद, जीशान और जावेद ने किया था. गुड्डू मुस्लिम के कहने पर ही खालिद और जीशान ने 10 हथियार मंगवाए थे. इन्हीं हथियारों का इस्तेमाल 24 फरवरी को उमेश पाल हत्याकांड में किया गया था. जानकारी मिली है कि उमेश पाल हत्याकांड से पहले गुड्डू मुस्लिम की लखनऊ के एक बिल्डर से लगातार बातचीत हो रही थी, अब वो बिल्डर पुलिस के रडार पर है.
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि गुड्डू मुस्लिम भेष बदलने में माहिर है. अधिकारियों का दावा है कि हो सकता है कि पहचान छिपाने के लिए गुड्डू मुस्लिम ने अपनी मूंछें मुंडवा ली हों या फिर दाढ़ी रख ली हो. इतना ही नहीं इससे पहले खुलासा हुआ था कि गुड्डू हिंदू नाम का इस्तेमाल कर छिप रहा है.
गुड्डू को सुल्तानपुर का रहने वाला है. गुड्डू सुल्तानपुर के गोसाईगंज थाना क्षेत्र के इटकौली गांव का रहने वाला है. यह गांव फैजाबाद और जौनपुर के बॉर्डर पर है. यही वजह है कि गुड्डू ने जब अपराध की दुनिया में कदम रखा तो उसका संपर्क अभय सिंह और धनंजय सिंह से हुआ.
गुड्डू ने 1993 में पहला मर्डर किया. लेकिन वह उसमें पकड़ा नहीं गया. तब उसकी उम्र 16 साल थी. गुड्डू मुस्लिम ने नैनी इलाके में सलीम और पप्पू की गोली और बम मार कर हत्या कर दी थी लेकिन उसमें गुड्डू मुस्लिम पकड़ा नहीं गया. 1998 में गुड्डू मुस्लिम से लखनऊ में पीटर गोम्स की हत्या के मामले में पूछताछ हुई थी. तब उसने कई राज उगले थे. पूछताछ के दौरान गुड्डू मुस्लिम ने बताया था कि उसने 1993 में प्रयागराज के कर्नलगंज की मेस कॉलोनी में मौजूदा समय के एक बाहुबली विधायक के साथ मिलकर मुन्ना उर्फ भुवरा पर गोली चलाई थी. इतना ही नहीं उसने रिटायर्ड पुलिस अफसर के भाई की हत्या का बदला लेने के लिए बमबाजी भी की थी.
गुड्डू मुस्लिम ने पूछताछ के दौरान बताया था कि उसने 1997 में इटावा पुलिस लाइन के पास एक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी के भाई की हत्या करने वाले पर बम से हमला किया था. इस मामले में गुड्डू मुस्लिम ने दो माफियाओं के साथ होने की बात भी मानी थी. वह भी इस हमले में शामिल थे. इस हमले के लिए उसे पुलिस अधिकारी के बेटे ने पिस्टल और रिवाल्वर दी थी. बमबाजी में मौजूदा समय का सफेदपोश बाहुबली घायल हुआ था, उसका इलाज पुलिस अधिकारी के बेटे ने लखनऊ में कराया था.
गुड्डू मुस्लिम ने पूछताछ में बताया था कि लखनऊ में उसका ठिकाना एक सम्मानित परिवार के बिगड़ैल बेटे के गेस्ट हाउस में होता था. गुड्डू वहीं रुकता था. उसने फैजाबाद के संतोष सिंह को लखनऊ बुलाकर इसी गेस्टहाउस में कोल्ड ड्रिंक में नींद की दवा देकर बेहोश किया और फिर संतोष सिंह की लाश सुल्तानपुर-इलाहाबाद हाईवे पर डालकर कुचल दी. कैसे अतीक के संपर्क में आया गुड्डू ? गोरखपुर में एनडीपीएस में जेल जाने के बाद गुड्डू मुस्लिम अतीक अहमद के संपर्क में आया. गोरखपुर के तत्कालीन एएसपी और मौजूदा समय में यूपी एसटीएफ चीफ अमिताभ यश ने गुड्डू मुस्लिम को जेल भेजा था और सजा भी करवाई थी. लेकिन अतीक अहमद में अपने इलाहाबाद हाईकोर्ट के सिंडिकेट का इस्तेमाल कर गुड्डू मुस्लिम को हाईकोर्ट से रिहा करवाया और तभी से 20 सालों से गुड्डू मुस्लिम अतीक अहमद के लिए काम कर रहा था.
प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. अशरफ ने मौत से पहले गुड्डू मुस्लिम का नाम लिया था. लेकिन वह अपनी पूरी बात नहीं कह पाया कि इससे पहले ही उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई. माना जा रहा है कि अशरफ गुड्डू मुस्लिम को लेकर सनसनीखेज खुलासा करना चाहता था कि असद के एनकाउंटर के पीछे गुड्डू मुस्लिम ही है. गुड्डू मुस्लिम की मुखबिरी पर ही असद का एनकाउंटर हुआ है.