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इस IPS अफसर ने बनाई थी देश की पहली SWAT, सैफुल्लाह का एनकाउंटर किया था लीड

लखनऊ शूटआउट की कमान संभालने वाले यूपी के तेज तर्रार आईपीएस अफसर असीम अरुण अपने शानदार काम के लिए जाने जाते हैं. जिस तरह से उनकी टीम ने आतंकी सैफुल्‍लाह को ढेर किया, वैसे ही वे कई ऐसे काम कर चुके हैं, जो काबिल-ए-तारीफ हैं. यहां तक कि देश में जनपद स्तर पर पहली स्वॉट टीम बनाने का श्रेय भी असीम अरुण को जाता है. बड़े-बड़े अपराधी उनके नाम से थर-थर कांपते हैं.

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IPS असीम अरुण पीएम की सुरक्षा में भी तैनात रह चुके हैं
IPS असीम अरुण पीएम की सुरक्षा में भी तैनात रह चुके हैं

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लखनऊ शूटआउट की कमान संभालने वाले यूपी के तेज तर्रार आईपीएस अफसर असीम अरुण अपने शानदार काम के लिए जाने जाते हैं. जिस तरह से उनकी टीम ने आतंकी सैफुल्‍लाह को ढेर किया, वैसे ही वे कई ऐसे काम कर चुके हैं, जो काबिल-ए-तारीफ हैं. यहां तक कि देश में जनपद स्तर पर पहली स्वॉट टीम बनाने का श्रेय भी असीम अरुण को जाता है. बड़े-बड़े अपराधी उनके नाम से थर-थर कांपते हैं. जानिए, असीम अरुण के बारे में विस्तार से.

कौन हैं असीम अरुण
यूपी के कई जिलों में पुलिस कप्तान रह चुके असीम अरुण का जन्म 3 अक्‍टूबर 1970 को यूपी के ही बदायूं जनपद में हुआ था. उनके पिता श्रीराम अरुण भी एक आईपीएस अफसर थे. वे उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक भी रहे. उनकी माता शशि‍ अरुण जानी-मानी लेखि‍का और समाजसेवि‍का हैं. असीम ने शुरुआती तालीम लखनऊ के सेंट फ्रांसि‍स स्‍कूल से हासिल की. इसके बाद उन्होंने दिल्ली का रुख किया और सेंट स्‍टीफेंस कॉलेज से बीएससी की.

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Asim

पुलिस करियर की शुरुआत
असीम अरुण के पिता श्रीराम अरुण देश के जाने माने पुलिस अफसर थे. तो उन्हें भी पिता से प्रेरणा मिली. उन्होंने भी पुलिस में करियर बनाने का फैसला किया. मेहनत और लगन से तैयारी का नतीजा ये निकला कि 90 के दशक में उनका चयन भी भारतीय पुलिस सेवा के लिए हो गया. असीम अरुण 1994 बैच के आईपीएस अफसर हैं. ट्रेनिंग के दौरान उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया. अपने बैच में वे सबसे होनहार अफसर के तौर पर जाने गए.

कई जिलों की कमान संभाल चुके हैं असीम
भारतीय पुलि‍स सेवा में आने के बाद असीम अरुण यूपी के कई जिलों में तैनात रहे. उन्होंने टि‍हरी गढ़वाल (अब उत्तराखंड में) के अलावा यूपी के जनपद बलरामपुर, हाथरस, सिद्धार्थ नगर, अलीगढ़, गोरखपुर और आगरा में बतौर पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस उपमहानिरीक्षक अपनी सेवाएं दी. इसके बाद वे कुछ समय के लिए स्टडी लीव पर विदेश चले गए थे. लेकिन लौटकर आने के बाद उन्होंने एटीएस लखनऊ में कार्यभार संभाला. कुछ माह पहले ही उन्हें वाराणसी जोन का आईजी बनाया गया था. मगर अचानक उनका स्थानांतरण रद्द कर लिया गया था. तभी से वे आईजी एटीएस के पद पर बने हुए हैं.

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SPG, NSG और CBI को भी दी सेवाएं
असीम अरुण की काबलियत का ही नतीजा था कि उन्हें देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सुरक्षा दल में शामिल किया गया. वे एसपीजी में प्रधानमंत्री के अंदरूनी घेरे की सुरक्षा यानी क्‍लोज़ प्रोटेक्‍शन टीम (CPT) का नेतृत्व कर चुके हैं. उनके शानदार प्रदर्शन को देखते हुए ही उन्हें एनएसजी मानेसर सहि‍त सीबीआई की साइबर अपराध वि‍वेचना अकादमी गाजि‍याबाद में भी सेवाएं देने का मौका मिला. वे एक बेहतर कमांडो के तौर पर भी जाने जाते हैं. पुलिस की डायल 100 सेवा शुरू किए जाने में भी उनका अहम योगदान रहा है.

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SWAT

स्वॉट टीम की स्थापना
जिस स्वॉट टीम को भारत के लोग केवल हॉलीवुड की फिल्मों में देख पाते थे, उसे भारत में जनपद स्तर पर पहुंचाने का श्रेय भी असीम अरुण को जाता है. वर्ष 2009 में उन्होंने अलीगढ़ जनपद में तैनाती के वक्त भारत की पहली जनपद स्तरीय स्पेशल वेपन्स एंड टेक्टिक्स टीम यानी स्वॉट का गठन किया. स्वॉट टीम आतंकी और जोखि‍मपूर्ण मिशन को अंजाम देने वाली खास हथियारों से लैस विशेष कमांडो टीम है. यही नहीं आगरा में डीआईजी के पद पर रहते हुए असीम अरुण ने इस टीम को विस्तार भी दिया और वहां भी स्वॉट टीम का गठन किया.

संयुक्त राष्ट्र संघ को भी दी सेवाएं
वर्ष 2002 में असीम अरुण को संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ ने कोसोवो में एक साल के तैनात किया. जहां उन्होंने सराहनीय सेवाएं दी. संयुक्त राष्ट्र और एसपीजी में तैनाती के वक्त और अवकाश के दौरान वे देश के सभी राज्यों और 20 देशों की यात्रा कर चुके हैं. असीम यूपी पुलि‍स के कई प्रोजेक्ट्स पर काम कर चुके हैं. उन्हें सादगीभरा जीवन पंसद हैं. वे पुलिसिंग को अपना पहला इश्क कहते हैं. लखनऊ एनकाउंटर के बाद से उनके नाम की चर्चा हर तरफ हो रही है.

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