उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गिरफ्तार किए गए ISI के संदिग्ध एजेंट अयोध्या के आस-पास पैठ बनाने की कोशिश कर रहे थे. पुलिस को अयोध्या में राम मंदिर से जुड़ी जानकारी भी आईएसआई के साथ शेयर किए जाने का शक है.
बीते 15 दिनों में आईएसआई के पांच एजेंट गिरफ्तार किए जा चुके हैं. जिसमें यूपी एटीएस ने 15 जुलाई को आईएसआई एजेंट रईस को गिरफ्तार किया था. फिर 18 जुलाई को सलमान और अरमान की गिरफ्तारी हुई. इसके बाद 31 जुलाई को मुकीम गिरफ्तार किया गया. इसके बाद भी करीब एक दर्जन संदिग्ध अब भी सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर हैं.
ऐसे में सुरक्षा एजेंसियों के सामने यह चुनौती है कि आखिर आईएसआई उत्तर प्रदेश से ऐसी कौन सी जानकारी निकालना चाहती है, जिसके लिए उसने उत्तर प्रदेश के अयोध्या के करीबी जिलों को अपने टारगेट पर रखा है. इन जिलों में गोंडा जिला प्रमुखता से शामिल है, जो अयोध्या से महज कुछ किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है. माना जा रहा है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने यूपी में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी.
इसके लिए उसने उत्तर प्रदेश खासकर अयोध्या के करीबी जिले गोंडा के युवाओं को पैसा और खूबसूरत लड़कियों का झांसा देकर अपना एजेंट बनाने का मिशन शुरू किया. आईएसआई ने अयोध्या से 40 किलोमीटर दूर गोंडा जिले में अपना नेटवर्क मजबूत बना लिया है.
जानकारी के मुताबिक़ ,दो जुलाई को गोंडा से अलकायदा आतंकी सद्दाम की गिरफ्तारी के बाद यूपी एटीएस ने इस जिले को हॉट स्पॉट के तौर पर लिया और सोशल मीडिया में नजर रखने के साथ ही सैकड़ों नंबर सर्विलांस पर लगाए गए थे. जिसके बाद एजेंसी को 15 जुलाई को एक सफलता मिली और गोंडा के तरबगंज से रईस नाम के युवक को गिरफ्तार किया गया. रईस आईएसआई के लिए एजेंट के तौर पर काम कर रहा था और पाकिस्तान को गोपनीय जानकारी मुहैया करा रहा था.
एजेंसी ने रईस से पूछताछ की तो सामने आया कि आईएसआई गोंडा जिले को अपने लिए सबसे मुफीद जगह मान कर यहां बड़ी संख्या में एजेंट बना रही है. आईएसआई के लिए न सिर्फ रईस बल्कि उसके जैसे दर्जनों मुस्लिम लड़के एजेंट के तौर पर काम कर रहे है और पाकिस्तान को जानकारियां भेज रहे हैं.
यूपी ATS ने जब रईस से पूछताछ की तो पता चला कि आईएसआई की हैंडलर उत्तर प्रदेश के युवाओं को पैसा और लड़कियां देने का वादा करती थी और फिर कई युवाओं को आईएसआई से जोड़ने का मिशन देती थी. सूत्रों के मुताबिक, गोंडा व उसके आस पास के जिलों में अब तक लगभग 25 आईएसआई एजेंट तैयार कर लिए गए हैं और उनसे गोपनीय जानकारी और तस्वीरें मंगवाई जा रही हैं. रईस को मुंबई के अरमान ने आईएसआई के हैंडलर से संपर्क कराया था. जिसके बाद रईस की आईएसआई में एंट्री हुई थी.
सूत्रों के मुताबिक, रईस ने एटीएस की पूछताछ में कुबूल किया है कि उसने 10 से अधिक लड़कों को आईएसआई से जोड़ा है. पूछताछ में रईस और अरमान ने एजेंसी को बताया है कि अभी उनसे फिलहाल झांसी के बबीना स्थित सैन्य छावनी की तस्वीर मांगी गई थी, जिसके लिए उन्होंने वहां जाकर फोटो खींच कर भेजा था.
एटीएस समझने की कोशिश कर रही है कि क्या आईएसआई का असली मकसद गोंडा से 40 किलोमीटर दूर स्थित अयोध्या की हर हलचल की जानकारी लेना था? इस काम के पीछे आईएसआई के आका का क्या मकसद था? ये सवाल इसलिए उठ रहा है कि गिरफ़्तार किए गए एजेंट को अयोध्या जाने वाले सभी रास्तों की जानकारी है. उसे रेलगाड़ियों के नाम, वहां होने वाली सभी एक्टिविटी की जानकारियां पहले से थी.
सूत्रों के मुताबिक, गोंडा से गिरफ्तार किए गए रईस, अरमान, सलमान और मुकीम के मोबाइल से अयोध्या के कई स्थानों, राम जन्मभूमि के द्वार और रास्तों की तस्वीरें मिली हैं. इसके अलावा गूगल मैप की हिस्ट्री में भी अयोध्या की लोकेशन हिस्ट्री मिली है. आईएसआई जनवरी 2024 को होने वाले राम मंदिर के उद्घाटन से पहले वहां होने वाली हर जानकारियां जुटना चाहती है, इस काम को अंजाम देने के लिए उसने गोंडा जिले में एजेंट्स की भर्ती की है.