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सियासी रंजिश के 50 साल और 6 मर्डर, नया नहीं बदायूं के सतरा गांव का खूनी खेल, जानें पूरी कहानी

यूपी के बदायूं जिले में एक साथ तीन लोगों के कत्ल की वारदात ने सबको दहला दिया है. बेखौफ कातिलों ने घर में घुसकर इस संगीन वारदात को अंजाम दिया और मौके से फरार हो गए. मरने वालों में पूर्व ब्लॉक प्रमुख और सपा नेता राकेश गुप्ता, उनकी पत्नी और मां शामिल हैं.

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गांव में तनाव को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है (फाइल फोटो)
गांव में तनाव को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है (फाइल फोटो)

उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में एक साथ तीन लोगों के कत्ल की वारदात ने सबको दहला दिया है. बेखौफ कातिलों ने घर में घुसकर इस संगीन वारदात को अंजाम दिया और मौके से फरार हो गए. मरने वालों में पूर्व ब्लॉक प्रमुख और सपा नेता राकेश गुप्ता और उनकी पत्नी और मां शामिल हैं. तीनों को करीब से गोली मारी गई थी. कत्ल का इल्जाम भी गांव के ही 6 लोगों पर है, जिनमें से 2 हमलावर पुलिस के हत्थे चढ़ गए, लेकिन 4 अभी भी फरार हैं. अब ख़बर ये है कि इस ट्रिपल मर्डर के पीछे भी एक खूनी कहानी है, जो पिछले 50 सालों से चली आ रही है. 

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31 अक्टूबर 2022.. दिन- सोमवार

बदायूं के उसहैत थाना क्षेत्र का सतरा गांव. शाम का वक्त था. पूर्व ब्लॉक प्रमुख और सपा नेता राकेश गुप्ता गांव में अपने घर पर ही थे. साथ में उनकी पत्नी और मां भी घर में मौजूद थीं. तभी बाइक पर सवार होकर कुछ लोग उनके घर पहुंचे और अंदर दाखिल होते ही उन्होंने राकेश गुप्ता, उनकी पत्नी और मां पर गोलियां बरसा दीं. गोलियों की आवाज सुनकर गांव वाले दहशत में आ गए. राकेश के भाई राजेश गुप्ता भी तेजी से मौके की तरफ भागे, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. 

ट्रिपल मर्डर के बाद गांव में तनाव

राजेश और गांव वाले जब मौके पर पहुंचे तो वहां खून से सने तीन मुर्दा जिस्म पड़े थे. राकेश, उनकी पत्नी और मां अब इस दुनिया में नहीं थे. ट्रिपल मर्डर की इस वारदात को अंजाम देकर कातिल फरार हो चुके थे. पूरे गांव में एक अजीब सा सन्नाटा था. गांव का माहौल खौफ से भरा था. पुलिस को जब इस हत्याकांड की खबर मिली तो भारी फोर्स के साथ आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए. पूरे गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया.

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6 लोगों के खिलाफ FIR

इस तिहरे हत्याकांड के बाद राकेश गुप्ता के भाई राजेश ने पुलिस को तहरीर दी, जिसके आधार पर एफआईआर दर्ज की गई. पुलिस ने 6 लोगों को आरोपी बनाया है. इनमें 4 नामजद हैं. रविंद्र दीक्षित और उसका बेटा सार्थक दीक्षित हत्याकांड के मुख्य आरोपी हैं. जबकि रविंद्र के छोटे बेटे अर्चित दीक्षित को षड्यंत्र रचने का आरोपी बनाया गया है. इस मामले में गांव के ही विक्रम समेत 4 आरोपी लोग फरार है.  

मृतक के भाई का दावा

राजेश गुप्ता ने दावा किया और बताया है कि रविवार को जब गोलियों कि आवाज सुनकर वह घर की तरफ भागे तो वहां उन्होंने रविंद्र दीक्षित और उसके बेटे समेत अन्य 2 लोगों को बाइक से भागते हुए देखा था. पुलिस ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई करते हुए 2 लोगों को गिरफ्तार किया है, लेकिन 4 आरोपी अभी भी फरार हैं.

दो परिवारों के बीच खूनी रंजिश

इस हत्याकांड के पीछे की कहानी नई नहीं है, बल्कि इस खूनी रंजिश को 5 दशक बीत चुके हैं. गांव में गुप्ता परिवार और दीक्षित परिवार के बीच ये रंजिश सालों से चली आ रही है. इस रंजिश ने अब तक दोनों तरफ से आधा दर्जन लोगों की जान ली है. राकेश गुप्ता समेत 3 लोगों के मर्डर में रविंद्र दीक्षित और उसका बेटा सार्थक दीक्षित मुख्य आरोपी हैं. माना जा रहा है कि दीक्षित परिवार ने राकेश गुप्ता समेत 3 लोगों को मारकर अपने पिता की हत्या का बदला लिया है.

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पहले भी हो चुके हैं कत्ल

जबकि राकेश गुप्ता के पिता और एक भाई का भी मर्डर पहले हो चुका है, जिसमें दीक्षित परिवार का नाम सामने आया था. यही वजह है कि गुप्ता और दीक्षित परिवार के बीच ये दुश्मनी सियासी भी है और पुरानी भी. गुप्ता परिवार समाजवादी पार्टी से जुड़ा है तो दीक्षित परिवार का नाता बीजेपी से है. 

एक दूसरे खिलाफ है गुप्ता और दीक्षित परिवार

एसएसपी डॉ. ओपी सिंह का कहना है कि पकड़े गए आरोपी रविंद्र और उसके बेटे से जब ट्रिपल मर्डर का मकसद पूछा गया तो रविंद्र ने बताया कि राकेश गुप्ता और उसके परिवार के बीच साल 1972 से राजनीतिक मतभेद हैं. दोनों के बीच वर्चस्व को लेकर विवाद चला आ रहा है. हर प्रधानी, ब्लॉक प्रमुख, जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में दोनों परिवार एक दूसरे के खिलाफ ही खड़े रहते थे.

दोनों तरफ के लोगों का कत्ल

एसएसपी ने बताया कि पहले भी इन लोगों में कई बार आमने-सामने का विवाद हो चुका है. मृतक राकेश के पिता रामकृष्ण गुप्ता की हत्या रविन्द्र दीक्षित ने ही 1979 में की थी. जिसके चलते आपसी तनाव काफी ज्यादा बढ़ गया. साल 2007 में राकेश गुप्ता के भाई का कत्ल हुआ था. जिसमें रविंद्र या उसके परिवार का दखल तो सामने नहीं आया लेकिन राकेश का परिवार उन्हीं को दोषी मानता था. इसी के चलते रंजिश और दुश्मनी गहरी हो गई. 

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अदालत में कड़ी पैरवी

कुछ वर्षों पहले रविंद्र दीक्षित के पिता का मर्डर हुआ था, जिसमें राकेश गुप्ता का नाम आया था. रविंद्र और उसका परिवार दुश्मनी के चलते गांव छोड़कर बरेली में जाकर रहने लगा था. वे कभी-कभी गांव में आते थे. इस रंजिश और दुश्मनी के चलते राकेश गुप्ता कोर्ट में कड़ी पैरवी कर रहा था. ये बात दीक्षित परिवार को अखर रही थी. इसी की वजह से रविंद्र दीक्षित ने हाल ही में ट्रिपल मर्डर की खौफनाक साजिश रची थी.

रविंद्र दीक्षित और सार्थक दीक्षित के खिलाफ कई केस

तिहरे हत्याकांड से पूरे यूपी को दहलाने वाले रविंद्र गुप्ता और उसके बेटे सार्थक का आपराधिक इतिहास भी बड़ा लंबा है-

- मुकदमा अपराध संख्या 351/2022 धारा 302/147/148/149/120B भादवि थाना उसहैत जनपद बदायूं.
- मु.अ.सं. 352/2022 धारा 27/30 आर्म्स एक्ट थाना उसहैत जनपद बदायूं.
- मु.अ.सं. 167/1979 धारा 302/307 भादवि थाना उसहै जनपद बदायूं,
- मु.अ.सं. 253/1982 धारा 302/307 भादवि थाना उसहैत जनपद बदायूं.
- मु.अ.सं. 33A/1985 धारा 147/148/149/307 भादवि थाना उसहैत जनपद बदायूं.
- मु.अ.सं. 468A/2010 धारा 395/397/342 भादवि थाना उसहैत जनपद बदायूं.
- मु.अ.सं. 35/2002 धारा 147/149/307 भादवि थाना कोतवाली जनपद बदायूं.
- मु.अ.सं. 44/2017 धारा 307/427/504/506 भादवि थाना उसहैत जनपद बदायूं.
- मु.अ.सं. 45/2017 धारा 147/148/149/224/225/353/336 भादवि व 7 सीएल एक्ट थाना उसहैत जनपद बदायूं.
- मु.अ.सं. 81/2020 धारा 307/342/504 तभादवि थाना उसहैत जनपद बदायूं.

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आरोपी सार्थक दीक्षित का आपराधिक इतिहास

- मु.अ.सं. 351/2022 धारा 302/147/148/149/120B भादवि थाना उसहैत जनपद बदायूं.
- मु.अ.सं. 353/2022 धारा 3/25 आर्म्स एक्ट थाना उसहैत जनपद बदायूं.
- मु.अ.सं. 99/2021 धारा 147/148/149/336/323/504/506 भादवि व 3(1)(द)(ध) एससी / एसटी एक्ट थाना उसहैत जनपद बदायूं.
- मु.अ.सं. 44/2017 धारा 307/427/504/506 भादवि थाना उसहैत जनपद बदायूं.
- मु.अ.सं. 45/2017 धारा 147/148/149/224/225/353/336 भादवि व 7 सीएल एक्ट थाना उसहैत जनपद बदायूं.
- मु.अ.सं. 81/2020 धारा 307/342/504 भादवि थाना उसहैत जनपद बदायूं.

 

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