उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में कोटे की दुकान को लेकर हुए गोलीकांड में पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की है, उसमें 8 आरोपी नामजद हैं. जबकि 20 से 25 लोग अज्ञात दर्ज किए गए हैं. इसमें 8 नामजद आरोपियों में से 2 और अज्ञात आरोपियों में से 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पकड़े गए आरोपियों में इस कांड के मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह के दो नामजद भाई शामिल हैं.
ये घटना बलिया के रेवती थाना क्षेत्र की है. जहां दुर्जनपुर गांव में हुए इस गोलीकांड का मुख्य आरोपी धीरेंद्र सिंह उर्फ डब्ल्यू भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का नेता बताया जाता है. वहां कोटे की दुकान को लेकर खुली बैठक बुलाई गई थी. आरोप है कि धीरेंद्र और उसके समर्थकों ने वहां फायरिंग की. जिसमें एक व्यक्ति की जान चली गई. हालांकि, बीजेपी के जिलाध्यक्ष ने सफाई दी कि धीरेंद्र पार्टी में किसी पद पर नहीं है.
डीआई़जी आजमगढ़ सुभाष चंद दुबे ने बताया कि आरोपियों की धरपकड़ के लिए पुलिस की 10 टीम काम कर रही हैं. सर्विलांस और स्वाट की टीम नामजद अपराधियों के खोजबीन में जुटी है. अब तक 2 नामजद आरोपियों समेत कुल 7 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं.
वाराणसी के एडीजी ब्रज भूषण शर्मा ने बलिया कांड पर जानकारी देते हुए बताया कि इस केस में 7 गिरफ्तारियां की गई हैं. जिसमें मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप के भाई नरेंद्र प्रताप और देवेंद्र प्रताप के अलावा 5 अज्ञात शामिल हैं.
इस मामले में बलिया पुलिस ने एफआईआर में जिन लोगों को नामजद किया है, उनमें निम्नलिखित आरोपी शामिल हैं-
1. धीरेंद्र प्रताप सिंह - फरार - मुख्य आरोपी
2. नरेंद्र प्रताप सिंह- गिरफ्तार (धीरेंद्र प्रताप सिंह का भाई)
3. प्रयाग सिंह- फरार
4. प्रभात प्रताप सिंह- फरार
5. जसवंत प्रताप सिंह- फरार
6. देवेंद्र प्रताप सिंह- गिरफ्तार- मुख्य आरोपी (धीरेंद्र प्रताप सिंह का भाई)
7. अमरजीत यादव- फरार
8. संतोष यादव- फरार
इस मामले में अभी तक दो नामजद आरोपियों देवेंद्र प्रताप सिंह और नरेंद्र प्रताप सिंह को गिरफ्तार किया गया है. ये दोनों मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह के भाई हैं. बताया जाता है कि फरार मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह सेना का रिटायर्ड जवान है. वह भूतपूर्व सैनिक संगठन की बैरिया तहसील इकाई का अध्यक्ष भी है. धीरेंद्र को बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह का करीबी भी बताया जाता है.