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उत्तर प्रदेश के गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के मामले में बाहुबली मुख्तार अंसारी को दोषी करार देते हुए 10 साल की सजा सुनाई है. यह मामला इसलिए भी अहम था कि इसमें पांच मुकदमों को आधार बनाया गया था, जिनमें से एक वो हत्याकांड है, जिसने पूरे सूबे को हिलाकर रख दिया था. हम बात कर रहे हैं, अवधेश राय मर्डर की. चलिए जानते हैं कि आखिर क्या था ये पूरा मामला? और गैंगस्टर एक्ट के इस मामले से इसका क्या संबंध था?
अवधेश राय हत्याकांड
वो 3 अगस्त 1991 का दिन था. उस दिन बनारस में हल्की बारिश हो रही थी. कांग्रेस नेता अवधेश राय अपने छोटे भाई अजय राय के साथ घर के बाहर ही खड़े थे. उनकी कार भी बाहर खड़ी थी. तभी उसी वक्त एक मारुति वैन वहां तेजी से आई. वैन पूरी भरी थी, तभी कुछ लोग वैन से बाहर निकले और अवधेश राय को निशाना बनाकर गोलियों से भून डाला. पूरा इलाका गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा था. इससे पहले कि अजय राय कुछ कर पाते, हमलावर वहां से फरार हो गए. अवधेश राय का जिस्म गोली लगने से छलनी हो चुका था. वो लहूलुहान होकर जमीन पर गिर पड़े थे.
अजय राय ने शोर मचाया. फिर उस वैन का पीछा भी किया. लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. जहां ये हत्याकांड हुआ था, वहीं बगल में चेतगंज थाना मौजूद है, लेकिन वहां से भी कोई निकलकर बाहर नहीं आया. अवधेश राय को कबीरचौरा अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था.
इस सनसनीखेज वारदात के मृतक के छोटे भाई पूर्व विधायक अजय राय ने चेतगंज थाने में मुख्तार अंसारी, पूर्व विधायक अब्दुल कलाम, भीम सिंह, कमलेश सिंह और राकेश समेत अन्य लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया था. तभी से 31 साल पुराना यह केस अदालत में विचाराधीन है.
साल 1996
इस वारदात के बाद अजय राय लगातार इंसाफ की लड़ाई लड़ते रहे. इसी के चलते मुख्तार अंसारी और उसके सहयोगी भीम सिंह और दूसरे आरोपियों के खिलाफ गाजीपुर की सदर कोतवाली में गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज किया गया था. अंसारी पर अवधेश राय हत्याकांड, गाजीपुर में तत्कालीन एडिशनल एसपी पर फायरिंग समेत कुछ अन्य मामलों को लेकर पांच मुकदमे दर्ज थे. जिनमें से दो वाराणसी, दो गाजीपुर और एक चंदौली में दर्ज था.
गैंगस्टर एक्ट केस से अवधेश राय हत्याकांड का संबंध
असल में बाहुबली मुख्तार अंसारी के खिलाफ गाजीपुर में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के केस में पांच अन्य मामलों को आधार बनाकर शामिल किया गया था. जिनमें से एक था अवधेश राय हत्याकांड. इस गैंगस्टर एक्ट के मामले में कोर्ट ने ट्रायल के बाद मुख्तार अंसारी को 4 मामलों बरी कर दिया था. अब सिर्फ कांग्रेस के पूर्व विधायक अजय राय के भाई अवधेश राय की हत्या का मामला है, जो विचाराधीन है. इन 5 मामलों के आधार पर ही लिखे गए गैंगस्टर एक्ट के केस में मुख्तार अंसारी को गाजीपुर कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है.
मुख्तार के लिए फांसी चाहता था राय का परिवार
बाहुबली माफिया और नेता मुख्तार अंसारी को पिछली सरकारों में खासी राहत मिलती रही. 2009 में मुख्तार अंसारी ने बनारस से लोकसभा का चुनाव भी लड़ा था. जिसमें उसे सभी दलों के बड़े नेता सपोर्ट करते नजर आए थे. अजय राय के मुताबिक अब उनकी भाई की हत्या का मामला वह फाइनल स्टेज में है. जिसमें उनकी पूरी गवाही भी हो चुकी है. और यही एकमात्र ऐसा मुकदमा है, जिसमें मुख्तार अंसारी को सजा ज़रूर मिलेगी. अवधेश राय का परिवार चाहता है कि मुख्तार अंसारी को फांसी की सजा मिले.
कभी मुख्तार के खिलाफ दर्ज थे 52 केस
आपको बताते चलें कि बाहुबली मुख्तार अंसारी ने ऐसी कई वारदातों को अंजाम दिया, जिनसे उसकी दहशत और खौफ पूरे यूपी में फैल गया था. वो चाहे साल 2005 में गाजीपुर का बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड हो या फिर 1991 का अवधेश राय हत्याकांड. सभी ने उसके खौफ में इजाफा किया. एक वक्त था, जब मुख्तार के खिलाफ यूपी में 52 मुकदमें दर्ज थे.