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पुलिस को आशंका, इन तीन जगहों पर छुपा हो सकता है मोस्ट वॉन्टेड विकास दुबे

एक सौ बीस घंटे से ऊपर हो चुके हैं. यूपी पुलिस की 40 टीमें उसकी खाक छान रही हैं. कानपुर के आस-पास का पूरा इलाका छान मरा गया. यूपी एमपी बॉर्डर, यूपी नेपाल बॉर्डर तक पर यूपी पुलिस चौबीसों घंटे नजरें गड़ाए है.

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पुलिस विकास को नेपाल के साथ-साथ कई स्थानों पर तलाश कर रही है
पुलिस विकास को नेपाल के साथ-साथ कई स्थानों पर तलाश कर रही है
स्टोरी हाइलाइट्स
  • विकास ने 3 जुलाई की रात खेला था खूनी खेल
  • 8 पुलिसवालों की हत्या कर फरार हो गया विकास
  • विकास को तलाश रही हैं पुलिस की 40 टीम

यूपी पुलिस के 8 अधिकारी और कर्मचारियों का हत्यारा गैंगस्टर विकास दुबे आखिर कहां छुपकर बैठा है. ये वो सवाल है कि जिसका जवाब यूपी पुलिस शिद्दत से तलाश रही है. वैसे कोरोना के चक्कर में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक है. तो वो विदेश भाग नहीं सकता. होटल और गेस्ट हाउस बंद हैं, तो वो वहां भेष बदल कर छुप नहीं सकता. तो फिर विकास दुबे पिछले सौ से ज्यादा घंटे से कहां छुपा बैठा है? यूपी पुलिस को यकीन है कि इस वक्त तीन ही ऐसी जगह है जहां वो छुप सकता है.

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एक सौ बीस घंटे से ऊपर हो चुके हैं. यूपी पुलिस की 40 टीमें उसकी खाक छान रही हैं. कानपुर के आस-पास का पूरा इलाका छान मरा गया. यूपी एमपी बॉर्डर, यूपी नेपाल बॉर्डर तक पर यूपी पुलिस चौबीसों घंटे नजरें गड़ाए है. कानपुर से निकल कर जाने वाले हर हाईवे, हर सड़क, हर टोल हर नाके को खंगाला जा चुका है. हर टोल की सीसीटीवी तस्वीरें दर्जनों बार देखी जा रही हैं. बंद पड़े होटलों और गेस्ट हाउसों तक की तलाशी ली जा रही है.

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उसके हर दूर-नजदीक के हर रिश्तेदार, दोस्त, जान-पहचान वालों के घर तक पुलिस हो आई है. मगर विकास दुबे का कोई सुराग नहीं मिल रहा. यूपी पुलिस के सूत्रों के मुताबिक फिलहाल तीन ही ऐसे ठिकाने हैं, जहां विकास दुबे के छुपे होने की सबसे ज्यादा उम्मीद है. पहला कानपुर के आसपास ही किसी जानने वाले के घर में. दूसरा नेपाल में और तीसरा मध्य प्रदेश में.

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पुलिस के मुताबिक चूंकि कोरोना के बाद से ही लगभग सभी होटल और गेस्ट हाउस बंद हैं, लिहाजा यहां उसके छुपे होने की उम्मीद बेहद कम है. इसीलिए सबसे ज्यादा पुख्ता यही है कि वो अपने किसी जानने वाले या गुर्गे के घर पर ही छुपा हुआ है.

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उधर, अब तक की तफ्तीश में पुलिस को पता चला है कि विकास दुबे ने उसे पकड़ने आई पुलिस टीम पर नक्सली स्टाइल में हमला करने की योजना बनाई थी. यही वजह से है कि पुलिस टीम पर उस रात करीब 300 से 400 राउंड गोलियां बरसाई गई थीं.

विकास दुबे ने जमींदोज हो चुके अपने घर की दीवारों तक में गोला-बारूद छुपा रखा था. विकास दुबे के पास जितने भी फोन हैं, फिलहाल दो जुलाई की रात दो बजे के बाद से ही बंद हैं. लेकिन पुलिस ने गांववालों और उसके करीबियों के 500 से ज्यादा मोबाइल फोन सर्विलांस पर लगा रखे हैं.

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