UP Police Mafia List: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने माफियाओं की जो लिस्ट जारी की थी, उसमें एक ऐसे अपराधी का नाम भी शामिल है, जो योगी सरकार के पिछले कार्यकाल में भी टॉप 25 माफिया की लिस्ट में शुमार था. हम बात कर रहे हैं मेरठ के कुख्यात माफिया गैंगस्टर उधम सिंह की. जिसका गैंग मेरठ के समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में लूट, डकैती, रंगदारी और सुपारी लेकर हत्या करने जैसी संगीन वारदातों को अंजाम दिया करता था. आइए आपको बताते हैं, यूपी की इस दबंग माफिया की क्राइम कुंडली.
कौन है उधम सिंह?
वो मेरठ जिले के सरूरपुर थाना क्षेत्र के करनावल गांव का रहने वाला है. यूपी पुलिस के रिकॉर्ड के मुताबिक, उधम सिंह डी-50 गैंग का सरगना है. वो अपना पूरा नाम उधम सिंह करनावल बताता है. वो एक ऐसा शातिर अपराधी है, जिसके नाम पुलिस की फाइलों में तकरीबन 4 दर्जन आपराधिक मामले दर्ज हैं. जिनमें लूट, डकैती और कत्ल जैसे संगीन जुर्म शामिल हैं.
ऐसे किया था सरेंडर
उधम सिंह लगातार कई संगीन वारदातों को अंजाम देता रहा. लेकिन साल 2011 में जब यूपी में बसपा का शासन था और तत्कालीन मुख्यमंत्री ने अपराधियों पर नकेल कसने का आदेश दिया था. तभी माफिया उधम सिंह ने गाजियाबाद की जिला अदालत में जाकर सरेंडर कर दिया था. वो तभी से लगातार जेल में बंद था. जेल में रहते हुए उसके दूसरे अपराधियों के साथ भी संबंध बन गए थे. कहा जाता है कि वो जेल में रहकर भी अपना गैंग चलाता रहा.
कई बार बदली गई जेल
जेल में रहने के बावजूद गैंगस्टर उधम सिंह का इतना खौफ था कि उसके खिलाफ चल रहे कई मुकदमों में गवाह नहीं मिले और इसी की वजह से वो कई मामलों में बरी हो चुका है. साल 2011 से जमानत पर रिहा होने तक यानी साल 2021 तक वो मेरठ, लखनऊ, प्रयागराज, आजमगढ़, सोनभद्र और बाराबंकी की जेलों में रह चुका है.
दस साल बाद मिली थी जमानत
वो लगातार अपने वकील के माध्यम से अदालत में जमानत याचिका दाखिल करता रहा. वो पहले ही कई मामलों में बरी हो चुका था. लिहाजा, साल 2021 में उसकी जमानत अदालत ने मंजूर कर ली और वो पूरे दस साल बाद जेल से बाहर आ गया था. बाराबंकी जेल से जब उसकी रिहाई हुई तो पुलिस चौकन्नी हो गई थी. उसकी और उसके गुर्गों की निगरानी की जा रही थी. लेकिन कहते हैं कि चोर चोरी से जाए हेराफेरी से नहीं. कुछ ऐसा ही उधम सिंह ने भी किया.
जमानत के 2 हफ्ते बाद फिर गिरफ्तारी
उसे जेल से रिहा हुए महज दो हफ्ते के वक्त ही बीता था. लेकिन वो फिर से कानून के निशाने पर आ गया था. कुख्यात उधम सिंह ने 19 जुलाई 2021 को एक सरकारी बैंक के पूरे स्टाफ को अपने घर बुलाकर 30 लोगों को जबरन लोन देने के लिए कहा था. और जब बैंक अधिकारियों ने उसे लोन देने से इनकार किया तो उसने पूरे बैंक स्टाफ को जान से मारने की धमकी दे डाली थी.
बैंक के अधिकारी और कर्मचारी उसकी करतूत से इतना डर गए थे कि उन्होंने बैंक आना ही बंद कर दिया था. यह मामला पुलिस तक जा पहुंचा और फिर 23 जुलाई 2021 को पुलिस की एक डीएसपी के नेतृत्व में उधम सिंह के घर पहुंची और उसे गिरफ्तार कर लिया. उसके खिलाफ बैंक मैनेजर ने मुकदमा दर्ज कराया था. बाद में उस बैंक के स्टाफ को भी सुरक्षा मुहैया कराई गई थी.
रासुका की कार्रवाई
एक बैंक के पूरे स्टाफ को जान से मारने की धमकी देने का मामला उधम सिंह को काफी महंगा पड़ा. इस कांड के बाद उसे गिरफ्तार कर जेल तो भेजा ही गया, साथ ही इसके खिलाफ मेरठ पुलिस ने रासुका की कार्रवाई कर डाली. दस साल जेल में बिताने के बाद भी वो महज दो हफ्ते जेल से बाहर रहा और इसके बाद अपनी करतूत के चलते वो फिर से जेल चला गया था. फिलहाल, उसे यूपी की जेल में ही बंद है.