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UP: निजी अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान प्रसूता की मौत, बाहर से ताला लगाकर भागे डॉक्टर व कर्मचारी

उत्तर प्रदेश के इटावा (Etawah UP) में एक निजी अस्पताल में ऑपरेशन (operation in private hospital) के दौरान एक 25 वर्षीय प्रसूता की मौत हो गई. इसके बाद अस्पताल के डॉक्टर व कर्मचारी चुपचाप अस्पताल के बाहर ताला लगाकर फरार हो गए. कई मरीज अंदर ही बंद रह गए. सूचना पर पहुंची पुलिस ने ताला तोड़कर मरीजों को मुक्त कराया. अस्पताल को सील कर दिया गया है. दोषियों पर कार्रवाई की जा रही है.

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निजी अस्पताल में मौत ऑपरेशन के दौरान प्रसूता की मौत. (Representative image)
निजी अस्पताल में मौत ऑपरेशन के दौरान प्रसूता की मौत. (Representative image)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पुलिस ने ताला तोड़कर मरीजों को कराया मुक्त
  • परिजन ने शव रखकर अस्पताल के बाहर किया हंगामा
  • स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल को किया सील

यूपी के इटावा (Etawah UP) में एक निजी अस्पताल में प्रसव के लिए आई 25 वर्षीय महिला की ऑपरेशन के दौरान मौत (Woman dies during operation) हो गई. हंगामे के डर से अस्पताल के डॉक्टर व कर्मचारी बाहर से ताला लगाकर भाग निकले. महिला के परिजन ने अस्पताल के बाहर शव रखकर हंगामा किया. सूचना पर पुलिस के साथ वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे.

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पुलिस ने अस्पताल में लगा ताला तोड़ा और सभी मरीजों को जिला अस्पताल में इलाज के लिए शिफ्ट कराया. सीएमओ के निर्देश पर डिप्टी CMO ने अस्पताल को सील कर दिया है. कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.

जानकारी के अनुसार, यूपी के इटावा (Etawah UP) में निजी अस्पताल रघुकुल हॉस्पिटल रेलवे स्टेशन के पास संचालित है. इसका रजिस्ट्रेशन सीएमओ ऑफिस में दर्ज है. यहां एक महिला कल शाम प्रसव के लिए भर्ती कराई गई. देर रात उसकी मृत्यु हो गई. अस्पताल प्रशासन ने डर के कारण सुबह मृतक महिला को बाहर कर दिया और उनके परिजन को भी धक्का मारकर बाहर निकाल दिया.

हंगामा शुरू होते ही ताला लगाकर भाग गए कर्मचारी

जब हंगामा शुरू हुआ तो अस्पताल के कर्मचारियों ने अस्पताल के बाहर मुख्य गेट पर ताला लगा दिया और फरार हो गए. दो मरीज उसी अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती थे. वह अंदर बंद रह गए. सूचना पुलिस को मिली तो पुलिस प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौके पहुंचे. अस्पताल का ताला तोड़कर अंदर बंद मरीजों को उपचार के लिए जिला अस्पताल भेजा. अस्पताल को सील कर दिया गया है. अस्पताल प्रशासन पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.

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परिजन बोले: मौत के बाद हमें Hospital से निकाल दिया

मृतका की ननद सुमन ने कहा कि उसकी भाभी 25 वर्षीय प्रियंका मोहब्बतपुर गांव से डिलीवरी के लिए आई थी. हमको हमारे गांव की आशा बहू इस अस्पताल में डिलीवरी के लिए लेकर आई थी. 50 हजार रुपये में अस्पताल प्रशासन ने नॉर्मल डिलीवरी की बात कही थी, जिसमें 30 हजार रुपये हमसे जमा करवा लिए गए थे. उसके बाद डिलीवरी हुई और रात्रि में ही अचानक तबीयत बिगड़ गई.

हम लोगों को ब्लड लेने के लिए भेज दिया. जब लौटकर आए तो उस समय तक प्रियंका की मृत्यु हो चुकी थी. उन्होंने आनन-फानन में मरीज को अस्पताल के बाहर कर दिया और हम लोगों को धक्का मारकर बाहर निकाल दिया. अस्पताल के कर्मचारी, डॉक्टर सभी लोग अस्पताल में ताला लगाकर भाग गए, जबकि अस्पताल के अंदर कुछ मरीज भर्ती थे, वह अंदर ही रह गए.

मरीज ने कहा: हमें Hospital में बंद कर भाग गया प्रबंधन

वहीं अस्पताल में भर्ती मरीज रानी ने बताया कि उसकी डिलीवरी हुई थी. अस्पताल प्रशासन ने रात में कोई ऑपरेशन (Operation in private hospital) किया था. इस दौरान किसी मरीज की मृत्यु हो गई थी. उसके बाद अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारी ताला लगाकर सभी भाग गए. हम लोग अस्पताल के अंदर ही बंद हैं. पुलिस और अधिकारियों ने आकर ताला खुलवाया है.

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सील कर दिया अस्पताल, की जा रही सख्त कार्रवाई: CMO

CMO इटावा डॉ. भगवानदास भिरोरिया ने कहा कि सूचना प्राप्त हुई थी कि निजी अस्पताल रघुकुल हॉस्पिटल के कर्मचारी ताला लगाकर भाग गए. उसके अंदर कुछ मरीज भर्ती हैं. पुलिस और विभाग के कर्मचारियों को भेजकर वहां ताला खुलवाया गया है. उन सभी मरीजों को वहां से मुक्त कराकर जिला अस्पताल में एंबुलेंस से पहुंचाया गया है.

CMP ने कहा कि अस्पताल में रात्रि में डिलीवरी के दौरान एक मरीज की मृत्यु हो गई थी. इसी सूचना से अस्पताल के लोग भाग गए थे. मरीजों को बंद करके भागना भी अपराध की श्रेणी में आता है. अस्पताल को सील कर दिया गया है. अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश भी दिए गए हैं.

रिपोर्ट: अमित तिवारी

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