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नोएडा में फर्जी कंसल्टेंसी फर्म का भंडाफोड़, छात्रों से करोड़ों की ठगी का खुलासा, आधा दर्जन लोग गिरफ्तार

एडिशनल डीसीपी मनीष कुमार मिश्रा ने बताया कि पुलिस ने गिरोह के कब्जे से अन्य वस्तुओं के अलावा 5.06 करोड़ रुपये के 61 पोस्ट-डेटेड चेक भी जब्त किए हैं. रविवार की रात नोएडा के सेक्टर 113 पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने इस गैंग से जुड़ी दो महिलाओं समेत कुल छह लोगों को गिरफ्तार किया है.

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पुलिस ने इस गैंग के 6 लोगों को गिरफ्तार किया है
पुलिस ने इस गैंग के 6 लोगों को गिरफ्तार किया है

दिल्ली से सटे यूपी के नोएडा में पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा किया है, जो प्रतिष्ठित कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में एडिशन लेने के इच्छुक छात्रों से ठगी किया करता था. पुलिस ने गिरोह के छह लोगों को गिरफ्तार किया है.

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ठगी करने वाले इस गैंग के बारे में एडिशनल डीसीपी (नोएडा) मनीष कुमार मिश्रा ने जानकारी दी. एडिशनल डीसीपी ने इस संबंध में पीटीआई को बताया कि इस गैंग ने अपना कार्यालय नोएडा और महाराष्ट्र के पुणे में बना रखा है. माना जा रहा है कि इस गैंग ने सैकड़ों छात्रों से करोड़ों रुपये की ठगी की है. 

एडिशनल डीसीपी (नोएडा) मनीष कुमार मिश्रा ने बताया कि पुलिस ने गिरोह के कब्जे से अन्य वस्तुओं के अलावा 5.06 करोड़ रुपये के 61 पोस्ट-डेटेड चेक भी जब्त किए हैं. उन्होंने बताया कि रविवार की रात नोएडा के सेक्टर 113 पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने इस गैंग से जुड़े दो महिलाओं समेत कुल छह लोगों को गिरफ्तार किया है.

एडिशनल डीसीपी मिश्रा के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान राहुल कुमार (30), अनुपम कुमार (28), दयानंद पांडे (25), सचिन सिंह (25), विदुषी लोहिया (37) और निकिता उपाध्याय (24) के रूप में हुई है. मनीष कुमार मिश्रा ने बताया कि गिरोह का सातवां सदस्य सोनू कुमार उर्फ ​​रणवीर सिंह फरार है. 

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सहायक पुलिस आयुक्त (नोएडा-3) शाव्या गोयल ने बताया कि गिरोह भोले-भाले उम्मीदवारों को निशाना बनाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करता था. ACP ने बताया कि आईआईटी या आईआईएम जैसे शीर्ष संस्थानों को छोड़कर गिरोह के सदस्य लगभग सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में छात्रों को सभी पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिलाने का आश्वासन देते थे. 

नोएडा पुलिस ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 406 (आपराधिक विश्वासघात), 467, 468, 471 (तीनों जालसाजी से संबंधित), 34 (साझा इरादे से कई व्यक्तियों द्वारा किया गया कृत्य) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, आरोपियों पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के प्रावधानों के तहत भी मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने बताया कि आगे की कानूनी कार्यवाही के लिए उन्हें सोमवार को स्थानीय अदालत में पेश किया गया.

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