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बंदूक और बम से हमला.. गवाह और गनर का मर्डर, पढ़ें राजू पाल और अतीक की अदावत का पूरा फसाना

प्रयागराज में शुक्रवार को उमेश पाल के कत्ल ने सबको दहला दिया. इस मर्डर का इल्जाम पूर्व बाहुबली सांसद अतीक अहमद पर लगा है. आखिर क्या है ये पूरा मामला? क्यों इस हत्याकांड में आ रहा है अतीक का नाम? आपको बताते हैं पूरी कहानी.

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अतीक अहमद और मृतक गवाह उमेश पाल
अतीक अहमद और मृतक गवाह उमेश पाल

यूपी का प्रयागराज जिला एक बार फिर गोलियों और बम धमाके से गूंज उठा. शुक्रवार को तत्कालीन बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल पर सरेआम बम और गोलियों से हमला किया गया. इस हमले में उमेश पाल और उनके एक गनर की मौत हो गई. जबकि दूसरा गनर गंभीर रूप से घायल है, जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उमेश पाल के कत्ल का इल्जाम पूर्व बाहुबली सांसद अतीक अहमद पर लगा है. आखिर क्या है ये पूरा मामला? क्यों इस हत्याकांड में आ रहा है अतीक का नाम? आपको बताते हैं पूरी कहानी.

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साल 2004
दरअसल, इस हमले और हत्याकांड को समझने के लिए हमें करीब 19 साल पीछे जाना होगा. देश में आम चुनाव हो चुका था. यूपी की फूलपुर लोकसभा सीट से बाहुबली नेता अतीक अहमद ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की थी. इससे पहले अतीक अहमद इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा सीट से विधायक थे. लेकिन उनके सांसद बन जाने के बाद वो सीट खाली हो गई थी. कुछ दिनों बाद उपचुनाव का ऐलान हुआ. इस सीट पर हुए सपा ने सांसद अतीक अहमद के छोटे भाई अशरफ को अपना उम्मीदवार बनाया. लेकिन बहुजन समाज पार्टी ने अशरफ के सामने राजू पाल को अपना प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतार दिया. जब उपचुनाव हुआ तो चौंकाने वाले नतीजे सामने आए बसपा प्रत्याशी राजू पाल ने अतीक अहमद के भाई अशरफ को हरा दिया.

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25 जनवरी 2005 
उपचुनाव में अशरफ की हार से अतीक अहमद के खेमे में खलबली थी. लेकिन धीरे-धीरे मामला शांत हो चुका था. मगर राजूपाल की जीत की खुशी ज्यादा दिन कायम ना रह सकी. पहली बार विधायक बने राजू पाल की कुछ महीने बाद ही 25 जनवरी 2005 को दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस हत्याकांड में देवी पाल और संदीप यादव नाम के दो लोगों की भी मौत हुई थी. जबकि दो अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस सनसनीखेज हत्याकांड ने यूपी की सियासत में भूचाल ला दिया था. इस सनसनीखेज हत्याकांड में सीधे तौर पर तत्कालीन सांसद अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ का नाम सामने आया था.

राजूपाल की पत्नी पूजा पाल ने दर्ज कराई थी FIR
दिन दहाड़े विधायक राजू पाल की हत्या से पूरा इलाका सन्न था. बसपा ने सपा सांसद अतीक अहमद के खिलाफ धावा बोल रखा था. उसी दौरान दिवंगत विधायक राजू पाल की पत्नी पूजा पाल ने थाना धूमनगंज में हत्या का मामला दर्ज कराया था. उस रिपोर्ट में सासंद अतीक अहमद, उनके भाई अशरफ, खालिद अजीम को नामजद किया गया था. मामला दर्ज हो जाने के बाद पुलिस ने मामले की छानबीन शुरु कर दी थी.

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मुख्य गवाह था उमेश पाल
इस हाई प्रोफाइल मर्डर केस में उमेश पाल एक अहम चश्मदीद गवाह था. जब केस की छानबीन आगे बढ़ी तो उमेश पाल को धमकियां मिलने लगी थीं. उसने अपनी जान खतरा बताते हुए पुलिस और कोर्ट से सुरक्षा की गुहार लगाई थी. इसके बाद कोर्ट के आदेश पर उमेश पाल को यूपी पुलिस की तरफ से सुरक्षा के लिए दो गनर दिए गए थे. 

6 अप्रैल 2005
विधायक राजूपाल हत्याकांड की जांच पड़ताल और छानबीन में जुटी पुलिस ने रात दिन एक कर दिया था. पुलिस ने इस हत्याकांड की विवेचना करने के बाद तत्कालीन सपा सांसद अतीक अहमद और उनके भाई समेत 11 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.

12 दिसंबर 2008
इसके बाद इस मामले में जांच और सुनवाई चलती रही. लेकिन राजू पाल का परिवार इस मामले की छानबीन से संतुष्ट नहीं था, लिहाजा इस मामले की जांच सीबी-सीआईडी को सौंपी गई थी.

10 जनवरी 2009
सीबी-सीआईडी ने पांच आरोपियों के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दाखिल किया था. उसमें मुस्तकिल मुस्लिम उर्फ गुड्डू, गुल हसन, दिनेश पासी और नफीस कालिया को आरोपी बनाया गया था.

22 जनवरी 2016
सीबी-सीआईडी की जांच से भी राजू पाल का परिवार नाखुश था. निराश होकर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. मामले को सुनने के बाद देश की सबसे बड़ी अदालत ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का फरमान सुनाया था.

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20 अगस्त 2019
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने राजू पाल हत्याकांड में नए सिरे से मामला दर्ज किया और छाबनीन शुरू कर दी. करीब तीन साल विवेचना करने के बाद सीबीआई ने सभी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की.

1 अक्टूबर 2022
दिवंगत विधायक राजू पाल हत्याकांड की सुनवाई करते हुए सीबीआई कोर्ट की स्पेशल जज कविता मिश्रा ने छह आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए. इस हत्याकांड में पूर्व सांसद अतीक अहमद के भाई पूर्व विधायक अशरफ सहित अन्य लोग शामिल थे. सभी आरोपियों के खिलाफ हत्या, हत्या की साजिश और हत्या के प्रयास में आरोप तय किए गए थे. हालांकि, कोर्ट के सामने आरोपियों ने आरोपों से इनकार करते हुए ट्रायल की मांग की थी. मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट में आरोपी अशरफ और फरहान को जेल से लाकर पेश किया गया था. जबकि जमानत पर चल रहे रंजीत पाल, आबिद, इसरार अहमद और जुनैद खुद आकर कोर्ट में पेश हुए थे.

24 फरवरी 2023
दरअसल, इस हमले में मारा गया उमेश पाल प्रयागराज के राजूपाल हत्याकांड का अहम चश्मदीद था. उसकी गवाही पर ही बाहुबली अतीक अहमद समेत सभी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी. उमेश पाल को पहले भी धमकियां मिली थी. यही वजह है कि उसे यूपी पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर दो सुरक्षाकर्मी यानी गनर उपलब्ध कराए थे. लेकिन शुक्रवार को प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में उमेश पाल पर पूरी तैयारी के साथ जानलेवा हमला किया गया और उसकी हत्या कर दी गई. पुलिस अब पूरे मामले की छानबीन कर रही है. 

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