भारतीय डाक विभाग ( Post Office) में नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाली अन्तर्राज्यीय गैंग का यूपी एसटीएफ (UP STF) ने पर्दाफाश किया है. एसटीएफ ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया है वहीं गैंग के दो सदस्य फरार होने में कामयाब हो गए हैं. गैंग लोगों को ज्यादा अंको वाली मार्कशीट दिलाने और नौकरी लगवाने का वादा करता था. नौकरी दिलाने के नाम पर यह गैंग लोगों से एक लाख रुपये में सौदा करता था.
यूपी में इस समय पोस्ट ऑफिस में नौकरी के लिए मेरिट के आधार पर चयन प्रक्रिया चल रही है. इसी का फायदा उठाने वाली एक अन्तर्राज्यीय गैंग को यूपी एसटीएफ ने दबोचा है. अन्तर्राज्यीय गैंग लोगों को फर्जी मार्कशीट दिलाने और डाक विभाग में ब्रान्च पोस्ट मास्टर और असिस्टेंट ब्रान्च पोस्ट मास्टर के पद पर नौकरी दिलाने की बात करके ठगने का काम कर रही थी. यूपी एसटीएफ को कुछ समय से नौकरी दिलाने के नाम पर पैसा लेकर ठगी करने वाले गैंग के सक्रिय होने की शिकायतें प्राप्त हो रही थी.
गैंग को दबोचने के लिए एसटीएफ की अलग-अलग टीमें गैंग की तलाश में जुटी हुई थीं. वाराणसी एसटीएफ निरीक्षक पुनीत परिहार के नेतृत्व में भी एक टीम गठित की गई थी. जिसे सूचना मिली की जनपद मिर्जापुर में बुधवार को दोपहर 1 बजे डाकघर में नौकरी दिलाने वाला गैंग शहर थाना कोतवाली के प्रधान डाक घर पर आने वाला है. सूचना के आधार पर मौके पर पहुंची एसटीएफ ने इस अन्तर्राज्यीय गैंग को धर दबोचा. टीम ने गैंग के मास्टर माइंड को भी गिरफ्तार किया हैं. वहीं गैंग के दो सदस्य फरार हो गए हैं.
यूपी एसटीएफ की पूछताछ में सामने आया कि पोस्ट ऑफिस में चालू भर्ती प्रक्रिया में नौकरी दिलाने के नाम पर गैंग के सदस्यों ने यूपी में अपने नेटवर्क के जरिए संपर्क साध अभ्यर्थियों को नौकरी दिलाने का झांसा दिया. जिसके लिए उन्हें आन्ध्र प्रदेश ओपेन स्कूल सोसाइटी और बोर्ड ऑफ सेकण्डरी एजुकेशन आन्ध्र प्रदेश से हाईस्कूल की ज्यादा नंबर वाली मार्कशीट देने की बात भी कही.
बना दी बोर्ड की फर्जी वेबसाइट
अभ्यार्थियों को भरोसा दिलाने के लिए गैंग के फरार सदस्य विवेक सिंह उर्फ सोनू और भूपेन्द्र सिंह ने आन्ध्र प्रदेश के एज्युकेशन बोर्ड की तरह दिखने वाली फर्जी वेबसाइट तैयार की. जिससे किसी को यह शक ना हो सके की उनको दी गई मार्कशीट फर्जी है. सभी से कहा गया कि वो लोग अपनी मार्कशीट को वेबसाईट पर जाकर देख सकते हैं. इसके एवज में गैंग ने नौकरी के लिए जाल में फंसने वालों से 1-1 लाख रुपए भी लिए.
इन्हें किया गया गिरफ्तार
एसटीएफ ने उमेश कुमार पुत्र श्रीराम चन्द्र यादव निवासी इश्हाकपुर पथरां, थाना करारी, कौशाम्बी (सरगना), सत्यम सिंह पुत्र वीरेन्द्र सिंह यादव, निवासी शाहपुर टिकरी, थाना करारी, जनपद कौशाम्बी, दीपचन्द शर्मा पुत्र चिरौजी लाल, निवासी बरियॉंवा खन्दौरा, थाना चरवॉ, जनपद कौशाम्बी और भवर सिंह पुत्र मोहनलाल पासी, निवासी तियर जमालपुर, थाना करारी, जनपद कौशाम्बी को अपनी गिरफ्त में लिया है.इन चारों से एक हुण्डई क्रेटा कार, एक मारूति अल्टो कार, 23 फर्जी मार्कशीट, 6 मोबाइल फोन और 1150 रुपये कैश बरामद की है. गैंग ने बताया है कि हमनें सैंकड़ों लोगों से ठगी की है.
बता दें कि, गैंग का सदस्य विवेक सिंह उर्फ सोनू हाल ही में यूपी में संपन्न हुई लेखपाल परीक्षा में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के जरिए नकल कराये जाने के आरोप में एसटीएफ प्रयागराज द्वारा थाना फाफामऊ जनपद प्रयागराज में दर्ज कराए गए केस में आऱोपी है. गैंग के सभी सदस्यों के खिलाफ शहर थाना कोतवाली जनपद मिर्जापुर में आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 471 और 66डी आइटी एक्ट का केस दर्ज लिया गया है. गैंग के फरार सदस्यों की खोज की जा रही है.