नोएडा में अवैध घुसपैठियों से जुड़े मामले की जांच अब यूपी एसटीएफ को सौंपी गई है. आखिर नोएडा में चीनी घुसपैठिए क्यों आए थे और उनका मकसद क्या था. इसकी पूरी जांच एसटीएफ करेगी. बिहार में इंडो नेपाल बॉर्डर से दो घुसपैठियों को गिरफ्तार करने के बाद से नोएडा पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसी इस मामले की जांच कर रही थी. फिलहाल इस मामले में अब तक आठ लोग गिरफ्तार हो चुके हैं. जिसमें पांच भारतीय समेत तीन चीनी नागरिक हैं.
दरअसल, बिहार के सीतामढ़ी इंडो-नेपाल बॉर्डर पर सीमा सशस्त्र बल ने 11 जून को बॉर्डर पार कर रहे दो चीनी घुसपैठियों को गिरफ्तार किया था. पूछताछ में दोनों चीनी नागरिकों ने बताया था कि वह 15 दिन तक नोएडा में अपने एक चीनी मित्र सु फाई के यहां रुके थे और ये वित्तीय जालसाजी से जुड़े हुए थे. सूचना मिलने के बाद नोएडा पुलिस ने चीनी घुसपैठियों के मित्र और चीनी नागरिक सु फाई उर्फ कैरी को उसकी महिला मित्र के साथ गुरुग्राम के एक पांच सितारा होटल से गिरफ्तार कर लिया था. पूछताछ की गई तो पता चला खुद सु फाई का वीजा एक्सपायर हो चुका है. वह फर्जी तरीके से वीजा पर डेट आगे बढ़ा कर भारत में रह रहा है. वह यहां कई फैक्ट्रियां संचालित कर रहा है. जिसने मोबाइल डिस्प्ले और अन्य इलेक्ट्रॉनिक के सामान बनाए जाते हैं. साथ ही चाइनीस क्लब का भी संचालन कर रहा था. रवि नटवरलाल जो सु फाई का पार्टनर है. बताया जा रहा है कि सु फाई ने अपनी फैक्ट्रियों का निर्देशक रवि नटवरलाल को बनाया था. जो मूल रूप से गुजरात का रहने वाला है. सु फाई के गिरफ्तार होने के बाद से ही पुलिस रवि नटवरलाल के तलाश में जुट गई थी. जिसके बाद रविवार देर रात पुलिस ने रवि नटवरलाल को उसके अन्य तीन सहयोगियों के साथ गिरफ्तार कर लिया.
पूर्व मंत्री के बेटे से चीनी घुसपैठियों ने होटल लिया किराए पर
सूत्रों से यह भी बातें सामने आई है कि चाइनीज घुसपैठियों ने चाइनीस क्लब की बिल्डिंग उत्तर प्रदेश के एक पूर्व मंत्री के बेटे से रेंट पर लिया था. दरअसल, प्रॉपर्टी पूर्व मंत्री के बेटे घरबरा के ही रहने वाले सुखवीर प्रधान से एग्रीमेंट पर लिया था. पूर्व मंत्री के बेटे ने प्रॉपर्टी को चाइनीज घुसपैठिए को किराए पर दे दिया. हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि घुसपैठियों ने प्रॉपर्टी को विवो मोबाइल फोन के कर्मचारियों के गेस्ट हाउस बनाने के नाम पर लिया था. वहीं, जब `आजतक` की टीम ने पूर्व मंत्री के बेटे से बात की तो उसने कैमरे पर कुछ भी कहने से मना कर दिया. हालांकि, जानकरी देते हुए बताया कि हां हमने प्रॉपर्टी चीनी नागरिक को 5 साल के अग्रीमेंट पर दिया था, फिलहाल उनको डेढ़ साल हो गए हैं. जब प्रॉपर्टी में अवैध क्लब, बार चलने को लेकर सवाल किया तो पूर्व मंत्री के बेटे ने बताया कि 'मुझे जब अवैध क्लब और बार के बारे में पता चला तब मैंने चीनी से प्रॉपर्टी के अंदर बिना लाइसेंस के शराब परोसने के लिए मना किया था. उसने बताया था कि लाइसेंस के लिए अप्लाई कर रखा है. आगे बताया कि लोकल पुलिस का चीनी से मिलना जुलना लगा रहता था. मुझे जानकारी नहीं था कि वो घुसपैठिये हैं. पुलिस और एलआईयू की टीम की जिम्मेदारी है उन्हें वेरिफिकेशन करना चाहिए था.
अब एसटीएफ करेगी जांच
चीनी घुसपैठियों मामले की जांच अब यूपी एसटीएफ की टीम करेंगी. केस यूपी एसटीएफ को ट्रांसफर कर दिया गया है. इससे पहले नोएडा पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसी अवैध चीनी नागरिकों से पूछताछ कर रही थी. अब एसटीएफ खुलासा करने में कामयाब हो जाएगी कि आखिर चीनी घुसपैठ ग्रेटर नोएडा में क्यों रुके हुए थे.
रवि नटवरलाल से पूछताछ करेगी एसटीएफ
पुलिस के अनुसार, रवि नटवरलाल ठक्कर ने पूछताछ में बताया कि वो डिग्री लेने के लिए 2012 में चीन गया था. किसी कारण MBBS की डिग्री को पूरा नहीं कर सका और उसने अपने चाइनीज साथी और अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर HTZN TECHNOLOGY PVT. LTD.और TD MAX PVT. LTD. सहित कुल 9 कंपनियां खोली, साथ ही साथ सु फाई व अन्य साथियों के साथ मिलकर षडयंत्र के तहत कई फर्जी दस्तावेज तैयार किये थे. पुलिस नटवरलाल को सु फाई को गिरफ्तार करने के बाद से तलाश कर रही थी. रविवार देर रात रवि नटवरलाल को उसके साथी के साथ गिरफ्तार कर किया गया. पुलिस ने पूछताछ कर जानकारियां निकालने की कोशिश की है लेकिन अब मामला यूपी एसटीएफ को ट्रांसफर होने के बाद सु फाई और रवि नटवरलाल को से यूपी एसटीएफ पूछताछ करेगी.