यूपीटीईटी पेपर लीक मामले में अब तक का सबसे बड़ा विलेन पेपर छापने का ठेका लेने वाले आरएसएम कंपनी का मालिक राय अनूप प्रसाद उभर कर सामने आ रहा है. आखिर कौन है यह राय अनूप प्रसाद, जिसको बिना प्रिंटिंग मशीन के ही पेपर प्रिंट करने का ठेका दे दिया गया? कहां का रहने वाला है अनूप प्रसाद और क्या है उसका गोरखपुर कनेक्शन?
राय अनूप प्रसाद को मिला था 13 करोड़ का ठेका
यूपीटीईटी पेपर लीक मामले में यूपी एसटीएफ ने नोएडा से नई दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में रहने वाले राय अनूप प्रसाद को गिरफ्तार किया. राय अनूप प्रसाद की कंपनी आरएसएम फिनसर्व प्राइवेट लिमिटेड को ही सचिव संजय उपाध्याय ने टीईटी के पेपर छापने का 13 करोड़ रुपये में ठेका दिया था.
राय अनूप प्रसाद का गोरखपुर कनेक्शन
नई दिल्ली बदरपुर के मोहन कोऑपरेटिव एरिया फेस-2 में आरएसएम फिनसर्व कंपनी चलाने वाला राय अनूप प्रसाद नई दिल्ली ग्रेटर कैलाश 2 के फ्लैट E-307 में रहता था, लेकिन राय अनूप प्रसाद का गोरखपुर कनेक्शन भी सामने आया है.
गोरखपुर से आकर दिल्ली में लगाया कारोबार
राय अनूप प्रसाद का गोरखपुर के गुलरिया थाना क्षेत्र के सरहरी रियासत से गहरा नाता रहा है. अनूप राय के बाबा महेश्वरी प्रसाद राय अंग्रेजों के शासन काल में सरहरी स्टेट की देखभाल किया करते थे और अमीन नियुक्त किए गए थे. 1962 में अनूप प्रसाद के परिवार को सरहरी रियासत का मालिकाना हक भी मिल गया था.
राय अनूप प्रसाद के पिता गोरखपुर फर्टिलाइजर में अफ़सर थे. 1990 में गोरखपुर फर्टिलाइजर बंद होने के बाद अनूप प्रसाद के पिता राय परमेश्वरी प्रसाद पूरे परिवार के साथ दिल्ली चले आए. दिल्ली में पूरी तरह से शिफ्ट होने के बाद अनूप प्रसाद ने गोरखपुर में अपनी पुश्तैनी जमीनों को बेचना भी शुरू कर दिया. कई बेशकीमती जमीन बेचकर दिल्ली में अपने कारोबार की शुरुआत की.
बिहार की बीजेपी विधायक से रिश्तेदारी
दिल्ली में राय अनूप प्रसाद ने अपने प्रिंटिंग का कारोबार शुरू किया और ऑनलाइन परीक्षा कराने वाली आरएसएम फिंसर्व कंपनी बनाई. गोरखपुर से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली में कारोबार शिफ्ट होने के बाद राय अनूप प्रसाद का अपने गांव सरहरि आना भी कम हो गया.
बीते कई सालों से राय अनूप प्रसाद का गोरखपुर आना ही नहीं हुआ. चर्चा है कि राय अनूप प्रसाद की बिहार की एक बीजेपी महिला विधायक से भी करीबी रिश्तेदारी है. फिलहाल यूपीटीईटी पेपर लीक मामले में यूपी एसटीएफ की जांच में राय अनूप प्रसाद ही सबसे बड़ा विलेन बन कर सामने आया है. जिसने बिना प्रिंटिंग मशीन के ही पेपर प्रिंट करवाने का ठेका हासिल किया और फिर परीक्षा पेपर दूसरी प्रिंटिंग प्रेस से छपवाकर सप्लाई कर दिया.