यूपीटीईटी पेपर लीक में बड़ी लापरवाही सामने आई है. जानकारी के मुताबिक सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी रहते संजय उपाध्याय ने बिना जांच पड़ताल के ही परीक्षा मानकों को पूरा न करने वाली कंपनी को प्रश्नपत्र प्रिंटिंग का ठेका दे दिया था. ऐसे में ठेका लेने के बाद कंपनी ने चार अन्य प्रिंटिंग प्रेस से टीईटी के पेपर छपवाए.
यूपी में बीते रविवार यानी 28 नवंबर को UP TET परीक्षा आयोजित की गई थी. लेकिन इसका पेपर लीक हो गया था. ऐसे में परीक्षा रद्द कर दी गई थी. इस मामले में यूपी एसटीएफ जांच कर रही है.
सीएम योगी ने दिए ये आदेश
यूपीटीईटी परीक्षा में शामिल होने के लिए लगभग 13 लाख उम्मीदवारों ने आवेदन किया था. जानकारी के मुताबिक, मथुरा, गाजियाबाद, बुलंदशहर के व्हाट्सएप ग्रुप पर पेपर लीक किया गया था. इसके बाद, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परीक्षा को एक महीने के भीतर करवाने का निर्देश दिया था, जिसके बाद कहा गया था कि जल्द ही तारीखों का ऐलान होगा.
दोबारा परीक्षा की नहीं देनी होगी फीस
UPTET 2021 की परीक्षा जल्द आयोजित करवाई जाएगी. पेपर लीक होने के बाद स्थगित की गई परीक्षा की वजह से बताया गया था कि दोबारा इसके लिए कोई भी फीस नहीं ली जाएगी.
अब तक 29 से ज्यादा लोगों की हुई गिरफ्तारी
UP TET पेपर लीक मामले में यूपी एसटीएफ जांच कर रही है. अब तक इस मामले में 29 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. ये गिरफ्तारियां उत्तर प्रदेश के अलग अलग शहरों से हुई हैं. 20 से अधिक संदिग्धों से हिरासत में पूछताछ की जा रही है, लेकिन इस पूरी कवायद के बाद भी साफ नहीं हो पाया कि आखिर प्रदेश की सबसे बड़ी परीक्षा का पेपर कैसे लीक हो गया. सॉल्वर गैंग को पेपर रविवार रात 12:05 पर मिल चुका था.