scorecardresearch
 

उत्तराखंड पुलिस ने लांच किया मोबाइल एप

उत्तराखंड पुलिस ने शनिवार को एक ऐसा मोबाइल एप लांच किया है, जिसमें ‘आई नीड हैल्प’ विकल्प टच करते ही पुलिस जरूरतमंद के पास मदद के लिये पहुंच जायेगी. एंड्रायड आधारित तीन एमबी के इस एप को गूगल प्लेस्टोर से डाउनलोड कर अपना नम्बर पुलिस के पास रजिस्टर कराया जा सकता है.

Advertisement
X
यह एप पहले गढ़वाल मंडल में शुरु किया गया है
यह एप पहले गढ़वाल मंडल में शुरु किया गया है

उत्तराखंड पुलिस ने शनिवार को एक ऐसा मोबाइल एप लांच किया है, जिसमें ‘आई नीड हैल्प’ विकल्प टच करते ही पुलिस जरूरतमंद के पास मदद के लिये पहुंच जायेगी. एंड्रायड आधारित तीन एमबी के इस एप को गूगल प्लेस्टोर से डाउनलोड कर अपना नम्बर पुलिस के पास रजिस्टर कराया जा सकता है.

राजधानी देहरादून में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री हरीश रावत ने औपचारिक रूप से इस मोबाइल एप को लांच करते हुए इस बात पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि राज्य की पुलिस आधुनिक तकनीक को अपनाने की पहल कर रही है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराधों पर प्रभावी रोकथाम के लिए अपराधियों की सोच से चार कदम आगे रहना चाहिये और इसमें तकनीक का उपयोग बहुत महत्वपूर्ण होगा.

रावत ने मोबाइल एप के ‘वांटेड क्रिमिनल’ विकल्प में बलात्कार आदि लैंगिक अपराधों में संलिप्त लोगों का विवरण डालने का भी सुझाव दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि एप को बनाने में हुए व्यय के लिए धनराशि मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से दी जाएगी.

पुलिस महानिरीक्षक संजय गुंज्याल ने बताया कि फिलहाल इस ऐप को गढ़वाल मंडल में लागू किया जा रहा है और बाद में पूरे प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि डाउनलोड करने के बाद सरलतम प्रारूप में नाम, फोन नम्बर व इमरजेंसी कान्टेक्ट नम्बर की जानकारी देते हुए रजिस्ट्रेशन करना होगा.

इस एप में किराएदार सत्यापन, अपराध विवरण, घरेलू नौकर, कर्मचारी सत्यापन, खोया-पाया विवरण, आई नीड हेल्प आदि के विकल्पों के अलावा वांटेड क्रिमिनल का विकल्प भी हैं, जहां घोषित वांछित अपराधियों का फोटो सहित विवरण भी उपलब्ध होगा.

गुंज्याल ने कहा कि यदि कोई खतरे में हो तो आई नीड हेल्प विकल्प पर टच करने से पुलिस को उसकी जानकारी मिल जाएगी और उस व्यक्ति की जीपीएस से लोकेशन हासिल कर पुलिस मदद के लिये पहुंच जायेगी.

इस एप के जरिये व्यक्ति अपने खोऐ हुए डाक्यूमेंट, सिम, मोबाइल आदि सामानों की गुमशुदगी भी दर्ज करा सकते हैं.

इनपुट- भाषा

Advertisement
Advertisement