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अंकिता मर्डर केस: किसके आदेश पर रिजॉर्ट पर रातोरात चला था बुलडोजर? उठे सवाल

रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की हत्या का मुख्य आरोपी पुलकित आर्य के रिजॉर्ट पर बुलडोजर चलाने का मामला उलझता जा रहा है. डीएम से लेकर पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर तक, हर कोई अपना बयान बदल रहा है. पहले डीएम ने बुलडोजर की कार्रवाई को लेकर जांच के आदेश दिए थे. अब वह कह रहे हैं कि तहसील प्रशासन ने ही बुलडोजर चलवाया था. ऐसे में अंकिता के पिता द्वारा सबूत मिटाने का संदेह और गहराता जा रहा है.

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18 सितंबर को ऋषिकेश में कर दी गई थी अंकिता भंडारी की हत्या (फाइल फोटो)
18 सितंबर को ऋषिकेश में कर दी गई थी अंकिता भंडारी की हत्या (फाइल फोटो)

उत्तराखंड में अंकिता भंडारी की हत्या के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य के रिजॉर्ट पर रातोरात बुलडोजर चलाने को लेकर अंकिता के पिता ने गंभीर आरोप लगाए हैं. उनके पिता विनोद आर्य का कहना है कि बुलडोजर चलाकर सबूत मिटा दिए गए हैं. अब सवाल है कि बुलडोजर की कार्रवाई के लिए किसने आदेश दिया था?

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आजतक ने जब इस सवाल को लेकर सभी जिम्मेदारों से बात करने की कोशिश की तो कोई अफसर स्पष्ट जवाब नहीं दे पाया. वहीं इस मामले में अधिकारियों के बार-बार बदलते बयान से कार्रवाई की निष्पक्षता को लेकर संदेह बढ़ता जा रहा है.

पौड़ी SSP बोले- मुझे कोई जानकारी नहीं

आजतक के रिपोर्टर ने सबसे पहले पौड़ी एसएसपी से फोन पर बात की. उनसे पूछा कि क्या आपके संज्ञान में था कि यहां बुलडोजर आने वाला है? या क्या कोई आदेश आपको मिले थे? जवाब में उन्होंने कहा कि यह तो मेरे ज्यूडिशरी में नहीं आता तो मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं.

दो दिन फोन करने पर भी डीएम ने नहीं दिया जवाब

इसके बाद पौड़ी के जिलाधिकारी से बात करने की कोशिश की गई. उन्हें दो दिनों तक कॉल किया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया. इसके बाद उन्हें वॉट्सऐप मेसेज किया लेकिन उन्होंने उसका भी जवाब नहीं दिया.

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जिपं सदस्य ने बुलडोजर को लेकर इंजीनियर को की थी कॉल

इसके बाद आजतक के रिपोर्टर ने क्षेत्र के पीडब्ल्यूडी के असिस्टेंट इंजीनियर अनुज कुमार से बात की. उन्होंने बताया कि उनके पास बुलडोजर को लेकर कोई लिखित या मौखिक आदेश नहीं आया था.

उन्होंने आगे बताया कि उस रात 1:30 बजे क्षेत्र की जिला पंचायत सदस्य आरती गौड़ ने फोन किया था. उन्होंने बुलडोजर को लेकर जानकारी ली थी.

AE दे रहे गोलमोल जवाब: जिला पंचायत सदस्य

जिला पंचायत सदस्य आरती गौड़ को फोन कर पूछा कि क्या आपने बुलडोजर मंगाया? तो उन्होंने बताया कि उनके पास रात को 12:05 मिनिट पर क्षेत्र से एक स्थानीय निवासी का कॉल आया था.

उसने बताया था कि एक बुलडोजर आया है, जो रिजॉर्ट तोड़ रहा है. इसके बाद रात को ही एसडीएम को मेसेज किया, लेकिन उस समय उनका कोई जवाब नहीं आया.

इसके बाद मैं AE PWD सत्य प्रकाश को फोन किया. इस उन्होंने पहले तो उन्होंने कहा कि एसडीएम ने बुलडोजर मंगाया है, फिर बोले कि विधायक का दबाव है.

AE सत्य प्रकाश के निलंबन की मांग की

इसके बाद आरती ने सत्य प्रकाश को कॉन्फ्रेंस कॉल की. आरती ने पूछा तो सत्य प्रकाश ने बार-बार बयान बदला. सत्य प्रकाश ने पहले कहा कि कौन सा बुलडोजर? कौन सा रिजॉर्ट? मुझे कुछ नहीं पता.

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आरती गौड़ के बार-बार पूछने पर कहते हैं कि अपने ही तो मंगाया था बुलडोजर. इसके बाद दोनों में बहस हो जाती है. अगले दिन आरती गौड़ AE की शिकायत पीडब्ल्यूडी चीफ से शिकायत कर उनके निलंबन की मांग करती हैं.

फेसबुक पोस्ट लिखकर आरती ने उठाए सवाल

आरती गौड़ ने फेसबुक पोस्ट लिखा- मशीन भेजने को लेकर आखिर AE PWD पर किसका दबाव है कि वो मेरा नाम लेने को मजबूर हो गए. मेरे AE सत्य प्रकाश से कुछ सवाल हैं?

पहला: मेरे क्षेत्र की इतनी सड़कें क्षतिग्रस्त हैं. मैंने कई बार आपको मशीन भेजकर सड़कों को ठीक कराने को बोला. आपने मेरे कहने पर वे तो ठीक नहीं कीं. जो इतना संवेदनशील मामला है, उस जगह आपने रात 12 बजे मेरे कहने पर बुलडोजर कैसे भेज दिया?

दूसरा: क्या मैं तुम्हारे विभाग की चीफ हूं या जिला अधिकारी पौड़ी हूं या प्रदेश की मुख्यमंत्री हूं? जो तुमने मेरे निर्देश का इतने गम्भीरता से पालन किया.

तीसरा: अगर मैंने आपको गुलजोडर भेजने को कहा होता तो मैं रात को आपके विभाग के AE अनुज चौहान को रात को 12 बजे स्थानीय व्यक्ति से जेसीबी पहुंचने की जानकारी मिलने को लेकर फोन क्यों करती? रात को आपके ही द्वारा फोन पर बताए जाने के बाद एसडीएम यमकेश्वर को एसएमएस करके बुलडोजर भेजने को लेकर क्यों सवाल करती?

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चौथा: इंजीनियर सत्य प्रकाश को बताना चाहिए कि वे किसके दबाव में आकर इस संगीन अपराध में मेरा नाम घसीट रहे हैं या तो ये स्पष्ट करें या फिर मानहानि का केस भुगतने और सस्पेंड होने को तैयार रहें. उन्होंने आप मुझ पर झूठा आरोप लगा है.

पांचवां: उन्होंने पूछा कि क्या आपको उच्च अधिकारियों द्वारा आपके इस गैरजिम्मेदाराना हरकत के लिए तत्काल निलंबित नहीं कर देना चाहिए कि आपने एक जिला पंचायत सदस्य के कहने पर रिजॉर्ट में तोड़फोड़ करने के लिए जेसीबी भेज दी, जहां अंकिता के मर्डर की पूरी कहानी लिखी गई.

अब डीएम बोले- प्रशासन ने चलवाया बुलडोजर

अब आज पौड़ी डीएम ने बयान दिया कि तहसील प्रशासन ने बुलडोजर चलवाया, लेकिन कुछ दिन पहले ही इन्होंने एसडीएम को सात दिन के भीतर यह जांच रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए थे कि बुलडोजर की कारवाई किसने कारवाई?

अब सवाल यह उठ रहा है कि जब डीएम को पता था कि तहसील प्रशासन ने यह कार्रवाई की है तो उन्होंने जांच के आदेश क्यों दिए? डीएम किसके दबाव में बयान बदल रहे हैं?

(रिपोर्ट: सरिता)

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