दहेज, समाज में फैला एक ऐसा दंश जिसने कई जिंदगियां तबाह कर दी. कई सुहागनों से मजबूरन उनकी जिंदगी छीन ली और कईयों को ऐसी कड़वी यादें दी जो ताउम्र भुलाए से भी न भूल पाएं. ऐसा ही एक झकझोर देने वाला वाक्या राजस्थान में सामने आया है. यहां एक विवाहिता का कुसूर सिर्फ इतना था कि वो दहेज में गाड़ी नहीं लाई थी, वो दहेज में कीमती जेवर नहीं लाई थी. ढेर सारा कैश भी नहीं लाई थी. उसके लिए गरीब परिवार में जन्म लेना ही उसका सबसे बड़ा गुनाह बन गया. फिर क्या था, उसके पति ने उसकी मांग सिंदूर से सजाने की बजाय उसके माथे पर लिख डाला था 'मेरा बाप चोर है'.
दहेज की खातिर ऐसे हुआ सितम
दर्द की यह दास्तां राजस्थान के अलवर की रहने वाली एक विवाहिता की है. दरअसल पीड़िता के पिता ने पिछले साल बड़े अरमानों से अपनी बेटी की शादी अलवर के राजगढ़ निवासी जग्गू से की थी. शादी को महज 6 महीने भी नहीं बीते थे कि ससुराल वाले पीड़िता पर दहेज लाने का दबाव बनाने लगे. उन्होंने पीड़िता से अपने मायके से 51 हजार रूपये लाने की बात कही. मायके में दहेज होता तो पीड़िता शायद मां-बाप से यह कहने की कोशिश भी करती. मगर सब कुछ जानते-समझते हुए वह अपने ससुरालियों का हर जुल्म-ओ-सितम सहने लगी. हर बार अत्याचार की दहलीजें पार होने लगी.
माथे पर लिख दिया 'मेरा बाप चोर है'
हद तो तब हो गई जब एक दिन पति ने दहेज न लाने की उसे ऐसी सजा दे डाली कि किसी की भी रूह कांप जाए. पति ने पहले तो पीड़िता के साथ जमकर मारपीट की. उसके बाद उसने अपनी पत्नी के माथे पर लिख दिया 'मेरा बाप चोर है'. जब इतने से भी उस जालिम पति का मन नहीं भरा तो उसने पीड़िता के हाथों और जांघों पर मशीन से भद्दी-भद्दी गालियां गुदवा दी. चाकू से उसकी जांघों को कुरेदा गया. उस बेबस महिला पर जुल्म की इंतेहा यहीं थम गई होती तो उस पर रहम होता. मगर दहेज के लालची ससुरालियों ने तो पीड़िता पर जुल्म ढाने की हर हद पार करने की ठान ली थी. शरीर पर भद्दी गालियां लिखने के बाद उसके हैवान ससुर और जेठ ने उसके साथ जबरन बलात्कार कर उसकी रूह को तार-तार कर दिया.
सब कुछ सहा मगर नहीं मानी हार
इतना कुछ सहने के बावजूद पीड़िता ने हालातों से हार नहीं मानी. किसी तरह वह उन जालिमों के चंगुल से जान बचाकर भागी और जैसे-तैसे आमेर स्थित अपने घर पहुंची. घर पहुंचते ही उसने अपने पिता को अपने साथ हुए हर जुल्म की आपबीती बताई. बेटी पर हुए अत्याचार की कहानी सुन पिता के पैरों तले जमीन खिसक गई. पिता ने फौरन अलवर थाना पुलिस को इसकी सूचना दी. जिसके बाद अलवर पुलिस ने उन्हें यह कहकर टाल दिया कि आरोपी यहीं के रहने वाले हैं. पुलिस उन्हें पकड़ भी लेगी तो आरोपी जल्द छूट जाएंगे. बेहतर होगा कि वह लोग आमेर थाने में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाएं.
आरोपियों की धर-पकड़ को बनाई विशेष टीम
इसके बाद पी़ड़ित परिवार ने जयपुर उत्तर के महिला थाने में बलात्कार और दहेज उत्पीड़न की धाराओं में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया. पीड़िता पर हुए अत्याचार की दास्तां सुन पुलिस अधिकारी भी हैरान रह गए. पुलिस ने फौरन पीड़िता का मेडिकल करवाया और आरोपियों की तलाश में अलवर जा पहुंची. पुलिस के वहां आने की भनक लगते ही सभी आरोपी फरार हो गए. फिलहाल पुलिस ने आरोपियों की धरपकड़ के लिए एक विशेष टीम बनाई है. एसएचओ अब्दुल वहीद ने बताया कि पुलिस को मिली जानकारी के मुताबिक, आरोपियों के दिल्ली में छिपे होने की बात सामने आई है. पुलिस की एक टीम आरोपियों की दबिश के लिए दिल्ली रवाना हो गई है.
परिवार को अब इंसाफ का है इंतजार
पीड़िता ने अपनी आपबीती बताते हुए कहा कि उसके ससुराल वालों ने उसके साथ मारपीट की. उसके ससुर और जेठ ने उसके साथ बलात्कार किया. उसके शरीर पर कई जगह भद्दी-भद्दी गालियां लिखवाने के बाद वह लोग उसे गांव में घुमवाते थे. गांव वाले उसकी मजाक बनाते थे, उस पर हंसते थे. पीड़िता के पिता ने कहा, बेटी के शरीर पर लिखी गई गालियों को उन्होंने चूने और तेजाब से तो मिटा दिया लेकिन बेटी के दिल पर उकेरे गए यह जख्म वह कभी नहीं मिटा पाएंगे. उन्होंने पुलिस अधिकारियों से इंसाफ की गुहार लगाते हुए कहा कि जिन्होंने उनकी बेटी की जिंदगी बर्बाद की है, उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. बहरहाल राजस्थान में एक महिला पर अत्याचार का यह दिल दहला देने वाला मामला तब सामने आया है, जब राज्य की मुखिया खुद एक महिला हैं. दरअसल मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सत्ता में आने के बाद राज्य में महिला सशक्तिकरण के दावों का बखान करते नहीं थकती हैं, लेकिन सूबे में महिलाओं की हकीकत उनके दावों से कोसों दूर खड़ी नजर आती है.