मुंबई की स्पेशल मकोका (MCOCA) कोर्ट ने फिल्म निर्देशक महेश भट्ट की हत्या की साजिश रचने वाले रवि पुजारी गैंग के 10 बदमाशों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है. रवि पुजारी गैंग का काफी समय तक बॉलीवुड में आतंक रहा है और कई फिल्मी हस्तियों को धमकाकर उनसे पैसे वसूलने का आरोप है.
रवि पुजारी गैंग के इन बदमाशों को 2015 में गिरफ्तार किया गया था. इस केस में महेश भट्ट पिछले साल अक्टूबर में खुद कोर्ट के समक्ष पेश हुए थे. उन्होंने अदालत में बताया था कि उन्हें रवि पुजारी गैंग की ओर से कैसे धमकियां मिलती थीं. क्राइम ब्रांच को भी इस संबंध में खुफिया जानकारी मिली थी कि पुजारी गैंग के बदमाश किसी बॉलीवुड हस्ती की हत्या की योजना बना रहे हैं.
खुफिया जानकारी के आधार पर क्राइम ब्रांच ने खार के मधु पार्क इलाके से पुजारी गैंग के बदमाशों को गिरफ्तार किया था. कुछ बदमाश बाद में भी गिरफ्तार किए गए. क्राइम ब्रांच ने कुल 12 बदमाशों को गिरफ्तार किया और उन पर मकोका के तहत केस दर्ज किया.
जानकारी के मुताबिक, गिरफ्तार बदमाशों में शामिल उबेद रेडियोवाला, शाहरुख खान के प्रोडक्शन हाउस की फिल्म 'हैप्पी न्यू ईयर' के राइट्स में हिस्सेदारी चाहता था. लेकिन जब उसे शाहरुख की फिल्म में हिस्सेदारी नहीं मिली तो उसने रवि पुजारी से मदद मांगी. पुजारी गैंग के बदमाशों ने इसके बाद प्रोड्यूसर करीम मोरानी पर उनके घर के बाहर गोलीबारी की. दरअसल पुजारी गैंग को पता लगा था कि करीम मोरानी का शाहरुख की फिल्म में हिस्सेदारी है और वह उन्हें डराना चाहता था.
क्राइम ब्रांच द्वारा कोर्ट में पेश चार्जशीट के अनुसार, इस गोलीबारी के बावजूद जब शाहरुख और करीम मोरानी पर कोई असर नहीं हुआ तो रवि पुजारी झल्ला उठा. इसके बाद उसने अपना आतंक फैलाने के लिए महेश भट्ट की हत्या की साजिश रची. क्राइम ब्रांच ने कुल 47 गवाह कोर्ट के सामने पेश किए और सबूत के तौर पर CDR भी पेश किया.
कोर्ट ने 12 आरोपियों में से 10 को तो दोषी करार दिया है, लेकिन यूसुफ बचकाना और रविकेश सिंह को बरी कर दिया. कोर्ट के मुताबिक, यूसुफ और रविकेश के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं मिले. फैसला सुनाने के बाद जज श्रीधर भोसले ने सभी आरोपियों की प्रतिक्रिया ली. करीब सभी आरोपियों ने हाथ जोड़कर और अपने परिवार का हवाला देकर सजा में नरमी बरते जाने की अपील की. इनमें से कई बदमाश पहले ही करीब तीन साल जेल में बिता चुके हैं.