पूर्वी दिल्ली के वेलकम इलाके में रहने वाले 14 साल के एक बच्चे ने जन्मदिन की तारीख को जिंदगी की आखिरी तारीख बना दिया. सुसाइड करने से पहले उससे पहले अपने दिल का दर्द वॉट्सएप पर लिखा. उसने कहा कि वो अब जीना नहीं चाहता. पैसों के पीछे भागती इस दुनिया में जीने की चाहत खत्म हो गई है. उसका इशारा अपनी मां की तरफ था, जो पिता को तलाक देकर दुबई चली गई.
वेलकम इलाके के कबीर नगर में रहने वाला स्वर्णिम यूपी के वैशाली में सनवैली स्कूल में पढ़ता था. वो अपनी मौसी के पास रहता था. पिता मौजपुर में फोटोग्राफर का काम करते हैं. 31 अगस्त को दोपहर करीब 3 बजे उसने व्हॉट्सएप पर मैसेज डाला. इसमें उसने लिखा कि जिस दुनिया में इंसान से ज्यादा पैसे की कीमत है. वहां जीने का कोई फायदा नहीं. फिर 31 अगस्त की रात करीब 12 बजे उसने फांसी लगा ली.
मृतक छात्र की मौसी ने बताया कि मां के तलाक के बाद स्वर्णिम परेशान रहने लगा था. उसके लगा कि मां पैसों के लिए पिता को छोड़कर दुबई चली गई है. शायद उसके दिमाग में यही चीज़ परेशानी का सबन बन गई थी. स्वर्णिम की मौत की मौत की खबर मिलते ही पिता के होश उड़ गए. पिता को बेहद अफसोस है कि उनका होनहार बेटा इस तरह का कदम भी उठा सकता है.
स्वर्णिम की खुदकुशी की खबर रात तीन बजे सबको पता चली. हर रोज की तरह से वह अपने भाई के साथ सोया था. कुछ दिन पहले ही उसके पांव में फ्रैक्चर हो गया था. 1 सिंतबर को उसका जन्मदिन था. 31 अगस्त की रात को उसने अपने रिश्तेदारों और अपने दोस्तों से भी बात की जो उसे जन्मदिन की बधाई दे रहे थे. मौसी को भी फोन करके बताया कि वो खाना खाकर सोने जा रहा है.
रात तीन बजे स्वर्णिम के बड़े भाई ने अपने मौसा को फोन कर बताया कि उसने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली है. उसने बताया कि वो और स्वर्णिम खाना खाने के बाद सो गए थे. रात को जब उसकी नींद खुली तो उसने देखा बिस्तर पर स्वर्णिम नहीं था. वो पानी लेने के लिए रसोई की ओर गया तो उसने देखा दूसरे कमरे में स्वर्णिम का शव पंखे से लटका हुआ था.